देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को सर्वे ऑफ इण्डिया स्टेडियम, हाथीबड़कला में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए राज्य पशुधन मिशन योजनान्तर्गत लाभार्थियों को चेक वितरण किए। उन्होंने आंचल ब्राण्ड के तहत आंचल शहद एवं आंचल इनामी योजना का भी शुभारम्भ किया।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर भराड़ीसैंण में बद्री गाय ट्रेनिंग सेण्टर खोले जाने एवं दुग्ध उत्पादको हेतु दुग्ध दरों में एक रूपये प्रति लीटर की बढ़ोत्तरी करने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि किसान और पशुपालक देश, राज्य के विकास की नींव होते हैं। राज्य सरकार पशुपालकों के कल्याण और उत्थान के लिए प्रतिबद्ध होकर काम कर रही है। किसानों और पशुपालकों की आय में बढ़ोतरी करने और स्वरोजगार के अवसर सृजित करने के उद्देश्य से राज्य पशुधन मिशन योजना शुरु की है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार अंत्योदय के सिद्धांत पर कार्य कर रही है साथ ही अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति तक पहुंचकर उनका उत्थान एवं सशक्तिकरण सुनिश्चित करने को संकल्पित हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने अगले दो वर्ष में दुधारू पशुओं, खच्चर, भेड़-बकरी, सूकर और मुर्गी पालन की लगभग 4500 इकाईयों की स्थापना हेतु ऋण उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। यह योजना सुदूर पर्वतीय क्षेत्रों में पारिवारिक पोषण और आजीविका को सुरक्षित बनाने के साथ ही पलायन को रोकने में भी मील का पत्थर साबित हुई है। छोटे स्तर पर पशुपालन करने वाले किसानो की समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने कई अभूतपूर्व योजनाएं शुरु की हैं।
देहरादून। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कांग्रेस भवन में प्रेस वार्ता की है। इस दौरान उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस पार्टी सत्ता में आती है, तो जाति जनगणना कराई जाएगी, ताकि सुविधाओं से वंचित लोगों को उनके अधिकार मिल सकें। करन माहरा ने भाजपा को समाज को बांटने और अभिव्यक्ति की आजादी पर प्रहार करने वाली संकीर्ण और तानाशाही मानसिकता वाली पार्टी का परिचायक बताया है।
करन माहरा ने कहा कि भाजपा और आरएसएस ने पूरी तरह से संविधान को अभी तक स्वीकार नहीं किया है, क्योंकि भाजपा के सांसद ही इस बात को कह रहे हैं कि चुनाव में चार सौ की संख्या पार करते ही हम बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के संविधान को बदल देंगे। ऐसे में भाजपा ने बाबा साहब के संविधान को बदलने का लक्ष्य निर्धारित किया है और यह बड़ी चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक नई लड़ाई की शुरुआत कर दी है। जिसमें जाति जनगणना के आधार पर जिसकी ज्यादा भागीदारी होगी, उनकी उतनी ही हिस्सेदारी होगी। 99।50 फीसदी से अधिक लोग इस भागीदारी में पीछे हैं।
करन माहरा ने कहा कि आजाद भारत में सबसे ज्यादा जरूरत जाति जनगणना ही है। आर्थिक रूप से देखा जाए तो देश के मात्र 23 से 24 लोगों के16 लाख करोड़ रुपए के कर्ज भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने माफ किए हैं, जबकि आजीविका का साधन जुटाने वाले मनरेगा में 1 साल में 65 हजार करोड़ रुपए ही खर्च किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आर्थिक मैपिंग और समान अधिकार के तहत लोगों को संख्या के आधार पर स्थान मिलना चाहिए।आगे पढ़ें
जल जीवन मिशन को लेकर डेडलाइन तय
उत्तराखंड में बनेंगे 500 गांव स्वच्छ सुजल ग्राम
स्कूलों में पेयजल और शौचालयों में जलापूर्ति हो सौ प्रतिशतः सीएस
देहरादून। उत्तराखंड में जल जीवन मिशन को लेकर शासन ने अब डेडलाइन तय कर दी है। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की तरफ से साफ किया गया है कि सभी अधिकारी इस योजना को गंभीरता से लें और इसका काम आगे बढ़ाएं। प्रदेश में जल जीवन मिशन के तहत संचालित सभी प्रोजेक्ट्स को जून 2024 तक पूरा करने की डेडलाइन अधिकारियों को दी गई है।
मुख्य सचिव ने प्रदेश के सभी 13 जिलों में शत प्रतिशत एफएचटीसी (फंक्शनल हाउसहोल्ड टैप कनेक्शन) कवरेज पूरा करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने विशेष रूप से स्कूलों में पेयजल और शौचालयों में जलापूर्ति के लक्ष्य को सौ प्रतिशत पूरा करने का कहा है।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने देहरादून और टिहरी जनपदों में 500 गांवों को स्वच्छ सुजल ग्राम बनाने के पायलट प्रोजेक्ट पर तत्परता एवं गंभीरता से कार्य करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि सरकार का उद्देश्य राज्य में इस प्रोजेक्ट के तहत सहभागी स्प्रिंग शेड प्रबंधन (जल स्रोत संरक्षण व पुनर्जीवीकरण) और जल आपूर्ति योजनाओं की दीर्घकालीन लक्ष्य के तहत देहरादून व टिहरी जनपदों के 500 गांवों को मॉडल वॉश विलेज बनाया जाए, जो उत्तराखंड की पहचान बनें।
सीएस ने जल जीवन मिशन के प्रोजेक्ट्स की थर्ड पार्टी मॉनिटरिंग को भी टाइमबॉन्ड करवाने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने जल जीवन मिशन (एसडब्ल्यूएसएम तथा डीडब्ल्यूएसएम) के कर्मचारियों के मूल्यांकन के आधार पर वेतन वृद्धि के भी निर्देश दिए हैं। बैठक में बताया गया कि बीते कुछ सालों से उत्तराखंड में सरकारें इस मिशन में बेहद अधिक ध्यान दे रही हैं। उत्तराखंड में सूखते जल स्रोत को पुनर्जीवित करने के लिए भी कई तरह के प्रयास किये जा रहे हैं।
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लाखों की कोकीन के साथ विदेशी महिला सहित तीन गिरफ्तार
गिरफ्तार विदेशी महिला कोबरा गैंग की सक्रिय सदस्य
देहरादून। दून पुलिस ने 16.35 ग्राम कोकीन के साथ एक विदेशी महिला सहित तीन नशा तस्करो को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार नशा तस्कर कोबरा गैंग का सक्रिय सदस्य है। गिरफ्तार नशा तस्कर बड़ी-बडी पार्टियों और शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले छात्रों को कौकीन की सप्लाई करता था। पुलिस ने उसके कब्जे से 63 हजार 5 सौ रुपये भी बरामद किए है।
आगामी लोकसभा निर्वाचन 2024 के दृष्टिगत सम्पूर्ण जनपद में चलाये जा रहे सघन चैकिंग अभियान के दौरान थाना राजपुर पुलिस को पेसिफिक हिल्स मसूरी रोड के पास से कोबरा गैंग के एक शातिर विदेशी महिला तस्कर सहित एक अन्य महिला व उसके पति को नशीले पदार्थाे के साथ गिरफ्तार किया गया। सान्यु डायना पत्नी गेर्शाेम तुल्यगयेन्डा निवासी युगांडा देश हाल निवासी विकासपुरी दिल्ली, सारथी साहनी पुत्र स्वर्गीय सुनील साहनी निवासी प्रीतम रोड थाना डालनवाला व रितिका साहनी पत्नी सारथी साहनी निवासी प्रीतम रोड थाना डालनवाला को गिरफ्तार किया। जिनकी तलाशी लेने पर उनके पास से 16.35 ग्राम अवैध कोकीन बरामद हुई। पूछताछ में आरोपी सान्यु डायना बताया गया कि वह यूगांडा देश की नागरिक है तथा वर्तमान में बिजनेस वीजा पर जनवरी में भारत आई है। वह कोबरा गैंग की सक्रिय सदस्य है, उसके द्वारा डिमाण्ड के हिसाब से दिल्ली से कोकिन को देश के अलग-2 हिस्सो में अपने एजेण्टों व पैडलरो को सप्लाई किया जाता है। नशा तस्कर डिमाण्ड पर आरोपी सारथी साहनी व उसकी पत्नी रितिका साहनी को कोकिन सप्लाई करने आयी थी। गिरफ्तार नशा तस्कर सारथी साहनी ने पूछताछ में बताया कि वह एक निजी कम्पनी में मार्केटिंग हेड है तथा दिल्ली व अन्य जगहो से अपने सम्पर्क सूत्रों के माध्यम से कोकिन मंगवाता है, जिसे वह अपनी पत्नी, जो एक प्रतिष्ठित विद्यालय में पूर्व अध्यापिका थीं, के साथ दून में आयोजित होने वाली बडी-बडी पार्टियों में डिमांड के हिसाब से सप्लाई करता है। साथ ही विभिन्न शिक्षण सस्थानों में अध्यनरत छात्रों को अपनी पत्नी के माध्यम से मादक पदार्थाे की सप्लाई करवाता है, चूंकि उसकी पत्नी पूर्व में अध्यापिका थी, इसलिये कोई उन पर आसानी से शक नही करता है।
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डोईवाला में ग्रामीणों के चुनाव बहिष्कार से बढ़ी प्रशासन की मुश्किलें
मंगलवार को बेनतीजा रही वार्ता
देहरादून। देहरादून जिले के डोईवाला विधानसभा क्षेत्र की तीन ग्राम पंचायतों के ग्रामीणों ने सड़क की मांग को लेकर लोकसभा चुनाव बहिष्कार का ऐलान किया है। जिसके बाद शासन प्रशासन के हाथ पांव फूल गए हैं। इसी कड़ी में ग्रामीणों से वार्ता के लिए प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची, लेकिन वार्ता बेनतीजा रही। इस दौरान ग्रामीण लिखित आश्वासन पर अड़े रहे। उनका कहना था कि जब तक सड़क निर्माण को लेकर लिखित आश्वासन नहीं मिल जाता, तब तक वो नहीं मानने वाले हैं।
दरअसल, डोईवाला विधानसभा क्षेत्र की तीन पंचायतें सनगांव, नाही कला और सिन्धवाल के ग्रामीण सड़क की मांग को लेकर लोकसभा चुनाव का बहिष्कार कर रहे हैं। मंगलवार को ग्रामीणों के साथ डोईवाला एसडीएम अपर्णा ढौंडियाल समेत संबंधित विभागों के अधिकारियों ने वार्ता की। साथ ही ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की, लेकिन ग्रामीण सड़क के ना बनने तक चुनाव बहिष्कार की मांग पर अड़े रहे।
ग्रामीणों का कहना था कि हर बार उनको आश्वासन दिया जाता है और चुनाव के बाद सब भूल जाते हैं, लेकिन इस बार ग्रामीण लिखित आश्वासन के बाद ही शांत बैठेंगे। उनका कहना है कि अगर उनकी मांग नहीं मानी गई तो ग्रामीण चुनाव बहिष्कार के साथ उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
ग्रामीणों से वार्ता करने पहुंची डोईवाला उपजिलाधिकारी अपर्णा ढौंडियाल ने कहा कि ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया जा रहा है। आज भी उनके साथ विभागीय अधिकारी मौके पर पहुंचे, लेकिन ग्रामीण उच्च अधिकारियों से वार्ता करने की बात कह रहे हैं। जिसको लेकर जल्द ही ग्रामीणों के जन प्रतिनिधियों के साथ उच्च अधिकारियों से वार्ता कर हल निकालने का प्रयास किया जाएगा।
ग्रामीणों ने टांगे सड़क नहीं तो वोट नहीं के बैनर
देहरादून। बता दें कि डोईवाला विधानसभा क्षेत्र की तीन पंचायतें नाही कला, सनगांव और सिन्धवाल के रहने वाले ग्रामीण लंबे समय से सड़क की मांग करते आ रहे हैं। इस बार ग्रामीण सड़क की मांग पूरी न होने तक लोकसभा चुनाव के पूरी तरह से बहिष्कार पर उतर आए हैं। इतना ही नहीं ग्रामीणों ने श्सड़क नहीं तो वोट नहींश् के बैनर भी लगा दिए हैं।
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सतपुली बाजार में लगी भीषण आग, 12 दुकाने हुई जलकर खाक
पौड़ी। सतपुली बाजार में देर रात 12 दुकानों में आग लगने से अफरा तफरी फैल गयी। सूचना मिलने पर पुलिस व फायर सर्विस ने मौके पर पहुंच कर कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। लेकिन तब तक दुकानों में रखा हुआ सारा माल जलकर खाक हो चुका था। हालांकि आग लगने से कोई जनहानि तो नहीं हुई है। लेकिन नुकसान की आंशका एक करोड़ से अधिक की जताई जा रही है।
जानकारी के अनुसार बीती रात करीब 8 बजकर 15 मिनट पर सतपुली मुख्य बाजार में अचानक दुकानों पर आग लग गई। जिसके बाद एक के बाद एक दुकान आग की चपेट में आ गई। आग की सूचना जब पुलिस को मिली तो एसएसपी श्वेता चौबे ने तत्काल पुलिस व फायर सर्विस को घटनास्थल पर पहुंचने के निर्देश जारी किए। जिसके बाद घटना स्थल पर पहुंच कर पुलिस व फायर सर्विस ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। एसएसपी ने बताया कि आग के कारण 12 अस्थाई खोके पूर्ण रूप से जल गए हैं। प्रथम दृष्टा घटना शॉर्ट सर्किट होने से हुई है। आग लगने से प्रभावित होने वाले दुकानदारों के नाम दीपक पवार पुत्र जमुना प्रसाद निवासी सतपुली बाजार, कॉस्मेटिक की दुकान, मनोज नैनवाल निवासी सतपुली, कॉस्मेटिक की दुकान, युसूफ पुत्र यामिन निवासी सतपुली नाई की दुकान, इरफान पुत्र मोहम्मद उमर फल विक्रेता, नईम पुत्र बाबू निवासी सतपुली फल विक्रेता, मोहम्मद राजा पुत्र इमामुद्दीन फल विक्रेता, नईम पुत्र अब्दुल रशीद दुकान हैंडलूम, राजेंद्र प्रसाद बौंठियाल कापी किताब की दुकान, हसीब निवासी सतपुली फर्नीचर की दुकान, दीपक डबराल पुत्र शालिग्राम घड़ी की दुकान, सशांक घिल्डियाल निवासी सतपुली टूर एंड ट्रैवल व छोटू गुप्ता पुत्र मैहर चंद गुप्ता निवासी सतपुली कॉस्मेटिक की दुकान बताये जा रहे है।
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सरकार की ज्यादा से ज्यादा योजनाओं का लाभ जनता को लाभ मिलेः अग्रवाल
राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की 88 वीं विशेष बैठक आयोजित
देहरादून। राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की 88 वीं विशेष बैठक का आयोजन सोमवार को स्थानीय होटल में किया गया। इस अवसर पर बैठक को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि हम सभी का ध्येय यही होना चाहिए कि सरकार की ज्यादा से ज्यादा योजनाओं का लाभ जनता को लाभ मिले। उन्होंने कहा कि बैंकिंग के क्षेत्र में उत्तराखंड में पहले की अपेक्षा में काफी सुधार आया है। उन्होंने कहा कि ज्यादा से ज्यादा बैंक शाखाओं का खुलना दर्शाता है कि यह क्षेत्र खुशहाली की ओर बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सत्ता संभालते ही सबसे पहले गरीब की चिंता की। गरीब का खाता किसी ने नहीं खोला था लेकिन उन्होंने यह कार्य सबसे पहले किया। उन्होंने कहा कि बैठक में बताया गया कि हमारे राज्य का सीडी रेशियो हिमाचल से बेहतर है लेकिन हमें यहीं नहीं रुकना है बल्कि हमें और भी अच्छा करना चाहिए। वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा है कि 21 वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखण्ड का होगा और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में हमारा राज्य तेजी से आगे बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री जी के कहे अनुसार हमारा राज्य जब 25 वर्ष का होगा तो हम देश के अग्रणी राज्यों में शामिल हों, इसके लिए हमारी सरकार सतत प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि राज्य की जीडीपी वर्ष 2022-23 में 7.3 प्रतिशत रही है। इस बार हमारे द्वारा 88 हजार करोड़ से ज्यादा का बजट पेश किया गया जो कि पिछले वर्ष की तुलना में 15 प्रतिशत अधिक है। उन्होंने कहा कि 2021-22 में राज्य में सीडी रेशियो 48 प्रतिशत रहा, इसे और बेहतर किया जाना चाहिए। उन्होंने ऋण वितरण में निजी बैंकों की भूमिका को और अधिक बढ़ाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि राज्य में अभी तक 103 गांव ऐसे थे जहां बैंक की शाखाएं नहीं थी लेकिन अब इनमें से 88 गांव में बैंक खुल चुके हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि बहुत शीघ्र बाकी 15 बैंकों में बैंक शाखा खुल जाएंगी। वित्त मंत्री ने कहा कि बैंकों को चाहिए कि वे अपनी योजनाओं के बारे में ज्यादा से ज्यादा प्रचार प्रसार करें।
बैठक में अवगत कराया गया कि राज्य एवं केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित ऋण योजनाओं के अंतर्गत वर्ष 2023-24 में 29 फरवरी 2024 तक मुद्रा योजना में 142 प्रतिशत, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में 106, एमएसएमई में 102, एनयूएलएम में 101, वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना में 99, पीएम स्वनिधि में 84 प्रतिशत लक्ष्य की प्राप्ति की गई है।
बैठक में विभिन्न बैंकों द्वारा सीडी रेशियो की प्रगति से भी अवगत कराया गया। भारतीय स्टेट बैंक ने 40 प्रतिशत, पंजाब नेशनल बैंक ने 39 प्रतिशत, बैंक ऑफ बड़ौदा ने 49.6 प्रतिशत, उत्तराखंड ग्रामीण बैंक ने 47.47 प्रतिशत, उत्तराखंड सहकारी बैंक ने 61.42 प्रतिशत व आईसीआईसीआई ने 58 प्रतिशत सीडी रेशियो प्राप्त किया।
बैठक में वित्त सचिव दिलीप जावलकर, सचिव ग्राम्य विकास राधिका झा, अपर सचिव वित्त सी रविशंकर, अपर सचिव पर्यटन पूजा गबर्याल, भारतीय रिजर्व बैंक के मुख्य महाप्रबंधक आर गिरधारन, नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक विनोद कुमार बिष्ट, भारतीय स्टेट बैंक नई दिल्ली के मुख्य महाप्रबंधक कल्पेश कृष्णकांत अवासिया, भारतीय स्टेट बैंक नई दिल्ली के उप महाप्रबंधक राजीव रत्न श्रीवास्तव आदि उपस्थित रहे।
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सीएएः उत्पीड़ित धार्मिक अल्पसंख्यकों के सम्मानजनक जीवन का अधिकार
देहरादून। हमें इस बात से सहमत होना चाहिए कि भारत जैसे देश में जो विविधता में एकता के लिए जाना जाता है, सीएए जैसे नए कानून के उद्भव को लागू करने में निश्चित रूप से एक चुनौती का सामना करना पड़ेगा। संचार और प्रौद्योगिकी के युग में विरोधियों के निहित स्वार्थों को पूरा करने के लिए प्रचार और गलत सूचना समुदायों के बीच गलतियाँ पैदा करने में सहायक बन गई हैं।
जब 2019 के दौरान सीएए को आम जनता ने देखा, तो वे इस अधिनियम के परिणामों को लेकर आशंकित हो गए, जिससे कुछ धार्मिक अल्पसंख्यकों में असुरक्षा की भावना पैदा हुई। इन आशंकाओं का कुछ विरोधियों ने अपने राजनीतिक एजेंडे को पूरा करने के लिए उपयोग करके फायदा उठाया।
अधिनियम में कहा गया है कि भारत के तीन पड़ोसियों – पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के छह समुदायों – हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई – के सताए गए धार्मिक अल्पसंख्यकों को भारत का नागरिक बनने का अधिकार है, अगर वे 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले भारत में प्रवेश करते हैं। सीएए किसी भी भारतीय नागरिक की यथास्थिति को परेशान नहीं करता है। यह केवल उन सताए हुए धार्मिक अल्पसंख्यकों को वैधता देता है जो पहले से ही भारत में रह रहे हैं या शरण लेने के लिए मजबूर हैं और धार्मिक उत्पीड़न का सामना करने के बाद अपने देशों से भागने के लिए मजबूर हुए हैं। पाकिस्तान, बांग्लादेश या अफगानिस्तान में मुसलमान अल्पसंख्यक नहीं हैंय इसलिए मुसलमानों को सीएए से बाहर रखा गया है।
सीएए भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन नहीं करता है। किसी भी मामले में, अनुच्छेद 14 के तहत अधिकार सहित सभी अधिकार पूर्ण नहीं हैं बल्कि ष्सार्वजनिक व्यवस्था, नैतिकता और स्वास्थ्यष् से संबंधित उचित प्रतिबंधोंष् के अधीन हैं। यह कानून उन लोगों पर लागू होता है जिन्हें ष्धर्म के आधार पर उत्पीड़न के कारण भारत में शरण लेने के लिए मजबूर किया गया थाष्। भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने से पहले इन 6 धर्मों में से किसी एक से संबंधित लोगों के लिए कम से कम 11 साल तक भारत में रहने की आवश्यकता को घटाकर पांच साल कर दिया गया है। वर्तमान कानून के तहत, भारतीय नागरिकता या तो भारत में पैदा हुए लोगों या यदि वे कम से कम 11 वर्षों तक देश में रहे हों , को दी जाती है ।
संविधान की छठी अनुसूची में शामिल होने के कारण यह अधिनियम त्रिपुरा, मिजोरम, असम और मेघालय के आदिवासी क्षेत्रों पर लागू नहीं होता है। साथ ही, जो क्षेत्र बंगाल ईस्टर्न फ्रंटियर रेगुलेशन, 1873 के तहत अधिसूचित आंतरिक सीमा के अंतर्गत आते हैं, वे भी अधिनियम के दायरे से बाहर होंगे। यह लगभग पूरे अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, मणिपुर और नागालैंड को अधिनियम के दायरे से बाहर रखता है। सीएए प्राकृतिकीकरण कानूनों को रद्द नहीं करता है। इसलिए, किसी भी विदेशी देश से आए मुस्लिम प्रवासियों सहित कोई भी व्यक्ति, जो भारतीय नागरिक बनना चाहता है, मौजूदा कानूनों के तहत इसके लिए आवेदन कर सकता है।आगे पढ़ें
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चोरी के माल के साथ महिला चोर गिरफ्तार
देहरादून। पटेलनगर पुलिस ने 24 घंटे में चोरी का खुलासा करते हुए चोरी की करीब आठ लाख कीमत की ज्वैलरी के साथ महिला चोर को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपी को न्यायालय में पेश किया जहां से उसे जेल भेज दिया गया।
डॉ. संजय साधु ने थाना पटेलनगर पर एक लिखित प्रार्थना पत्र अपने घर से लगभग 7-8 लाख रुपये की ज्वैलरी चोरी हो गई है। चोरी का शक अपने घर मे साफ-सफाई का काम करने वाली महिला, जिसका नाम ललिता है, पर होना बताया गया। पुलिस ने मामला दर्ज कर। घटना स्थल के आस-पास लगे सीसीटीवी कैमरो को ौक करते हुए मुखबिर तंत्र को सक्रिय किया गया। पूछताछ मे वादी ने बताया गया कि घटना के बाद ही आरोपी महिला ने काम छोड दिया गया, और बताया कि वह ब्रहमपुरी में किराये के मकान मे रहती है। जब पुलिस टीम ने उसके ब्रहमपुरी स्थित किराये के मकान मे महिला को तलाश किया गया तो वह किराये के घर से फरार हो चुकी थी ।
महिला के समबन्ध में जानकारी मिली कि महिला फरार होकर नोएडा मे निवास कर रही है। जिस पर पुलिस टीम ने तत्काल नोएडा मे महिला के प्रकाश मे आये पते पर दबिश देकर महिला ललिता कुमारी पत्नी अजय साहनी निवासी ग्राम नोन फारा पोस्ट नून फारा थाना पेयर जिला मुज्जफरपुर बिहार गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार महिला के कब्जे से घटना में चारीे की गई ज्वैलरी बरामद की गई।
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आईएमएस यूनिसन यूनिवर्सिटी में विजेताओं को सम्मान के साथ वार्षिक स्पोर्ट्स मीट ‘स्पोर्टाथलॉन’ का समापन
देहरादून। आईएमएस यूनिसन यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित तीन दिवसीय वार्षिक स्पोर्ट्स मीट ‘स्पोर्टाथलॉन’ का समापन समारोह के साथ समपन्न हुआ, जिसमें विजेताओं को पूरी प्रतियोगिता के दौरान उनके असाधारण खेल भावना, कौशल और कड़ी मेहनत के लिए सम्मानित किया गया। ‘स्पोर्टाथलॉन’ 2024 का सफल आयोजन समग्र विकास के लिए संस्था की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। शैक्षणिक उत्कृष्टता के साथ विश्वविद्यालय में छात्रों के शारीरिक फिटनेस और मानसिक स्वास्थ्य पर भी बल दिया जाता है।
आईएमएस यूनिसन यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. अनिल सुब्बाराव पायला ने समापन कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि के रूप में अध्यक्षता की, उन्होंने विभिन्न खेल श्रेणियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए खिलाड़ियों को पदक, ट्रॉफी और प्रमाण पत्र प्रदान किए।
आयोजन टीम के कार्य योजना और समर्पण को रेखांकित करते हुए, कुलपति महोदय ने टीम की दूरदृष्टि, उत्साह और कड़े परिश्रम की भी सराहना की। उन्होंने आगे कहा कि इस तरह के प्रतियोगिता से छात्रों और विश्वविद्यालय का समग्र विकास होता है और विश्वविद्यालय के शैक्षणिक वातावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
समापन समारोह में आईएमएस यूनिसन यूनिवर्सिटी के उप-कुलपति डॉ. रविकेश श्रीवास्तव भी उपस्थिति थे। अपने संबोधन में, डॉ. श्रीवास्तव ने छात्रों को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सराहना की और प्रतियोगिता में भाग लेने वाले विभिन्न स्कूलों को उनके सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया।
समापन समारोह में सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी, प्रेजिडेंट ट्रॉफी और कुलपति ट्रॉफी की घोषणा का सभी को इंतजार रहा जो पूरे कार्यक्रम में आकर्षण का केंद्र रहा। स्कूल ऑफ मैनेजमेंट के राहिल साजवान के सर स्पोर्टथलॉन 2024 के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का ताज रहा। जबकि इस साल का प्रतिष्ठित प्रेजिडेंट ट्रॉफी प्रतियोगिता में विभिन्न खेलों में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए स्कूल ऑफ लॉ को दिया गया। स्कूल ऑफ मैनेजमेंट को स्पोर्टथलॉन 2024 में उपविजेता के लिए कुलपति ट्रॉफी से सम्मानित किया गया।
समापन समारोह का माहौल विश्वविद्यालय के मयूजिक बैंड और छात्रों के रंगारंग कार्यक्रम ने खुशनुमा बना दिया। डीन ऑफ स्टूडेंट वेलफेयर प्रोफेसर विनय राणा के धन्यवाद ज्ञापन के साथ समारोह संपन्न हुआ, उन्होंने आईएमएस यूनिसन यूनिवर्सिटी के छात्रों, शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों को स्पोर्टथलॉन 2024 की सफल आयोजन के लिए बधाई दी।
‘स्पोर्टाथलॉन 2024’ ने विश्वविद्यालय के विभिन्न स्कूलों के छात्रों, शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों को एक साथ आने और आपसी सौहार्द को दर्शाने के लिए एक बेहतरीन मंच प्रदान किया। इस आयोजन में एथलेटिक्स, फुटबॉल, क्रिकेट, बास्केटबॉल, वॉलीबॉल, बैडमिंटन, टेबल टेनिस सहित विविध प्रकार के खेल शामिल थे। रजिस्ट्रार, विभिन्न स्कूलों के डीन और विश्वविद्यालय के अन्य पदाधिकारियों ने भी इस अवसर पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और छात्रों को प्रोत्साहित किया।आगे पढ़ें
महिलाओं की जीत
राजस्थान के एक सुदूर रेगिस्तानी गांव की बेटी महिला सशक्तीकरण का प्रतीक बन गई है। उसने अविवाहित महिलाओं के साथ सरकारी स्तर पर किए जा रहे भेदभाव के खिलाफ लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी और आखिरकार उसमें जीत हासिल करके महिलाओं को उनका अधिकार दिलाने में सफलता हासिल कर ली है। यह कहानी है राजस्थान के बालोतरा जिले के गूगड़ी गांव की निवासी 26 वर्षीय मधु चारण की। एक गरीब मजदूर पिता की बेटी मधु के संघर्ष की बदौलत राज्य की हजारों अविवाहित महिलाओं को आंगनबाड़ी केन्द्रों में कार्यकर्ता और सहायिका बनने का अधिकार मिल सका है। हाल में राज्य की उप-मुख्यमंत्री दीया कुमारी ने इस आशय के आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। दरअसल, कई दशकों से राजस्थान में अविवाहित महिलाओं को आंगनबाड़ी केन्द्रों में कार्यकर्ता और सहायिका बनने से वंचित किया जा रहा था। महिला एवं बाल विकास विभाग ने इन पदों के लिए आवेदनकर्ता महिलाओं का विवाहित होना जरूरी होने की शर्त लगा रखी थी। यह शर्त सीधे तौर पर अन्याय था, लेकिन कोई महिला इसके खिलाफ आवाज नहीं उठा रही थी। कहते हैं, कभी न कभी तो अन्याय का प्रतिकार होना ही होता है। विभाग की ओर से वर्ष 2019 में गूगड़ी गांव में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पद के लिए आवेदन मांगे गए।
मधु अपना आवेदन लेकर विभाग के कार्यालय में गई, लेकिन उसका आवेदन पत्र लेने से यह कहकर इनकार कर दिया गया कि उसकी तो अभी शादी नहीं हुई है। विभाग के अधिकारियों की बात सुनकर मधु हैरान रह गई। उसने प्रश्न किया कि जब वह आयु, शैक्षणिक योग्यता समेत तमाम शर्तों पर खरी उतर रही है तो उसके अविवाहित होने का सवाल क्यों? अधिकारियों ने उसे राज्य सरकार की शर्त होना बताकर वापस भेज दिया। मधु घर लौट आई, लेकिन लगातार सोचती रही। बार-बार यही ख्याल आ रहा था कि ऐसे तो पूरे राज्य में हजारों महिलाओं को सिर्फ इसलिए काम करने से वंचित किया जा रहा है क्योंकि वे अभी अविवाहित हैं। उसने इस बारे में जितना सोचा, उतना ही परेशान होती चली गई। आखिरकार, उसने इस अन्याय के खिलाफ लडऩे की ठान ली। अगले दिन उसने पिता मूलदान चारण को अपना इरादा बताया। पिता ने उसकी लड़ाई में साथ देने की हामी भर दी तो मधु का हौसला दोगुना हो गया। उसने तत्काल एक तरफ तो अपना आवेदन-पत्र डाक के जरिए विभाग कार्यालय में भेजा, दूसरी ओर महिलाओं के खिलाफ अन्याय को लेकर राजस्थान उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटा दिया। न्यायालय ने उसकी याचिका पर राज्य सरकार से जवाब-तलब कर लिया। मुकदमा शुरू हो गया। मधु ने करीब पांच साल तक कोर्ट में तारीखें भुगतीं। अंततरू 4 सितंबर 2023 को वह दिन आ ही गया, जब हाईकोर्ट ने मधु के हक में फैसला सुनाया। हाईकोर्ट ने महिलाओं के विवाहित होने की शर्त को अविवाहित महिला उम्मीदवारों के लिए अतार्किक और उनके अधिकारों का उल्लंघन बताया।
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