देहरादून,पॉवर कार्पोरेशन की लूट में नहीं काम करने की छूट के सम्बंध में सुधी पाठकों को जनकारी देने के लिये यह काफी होगा कि दिखाई देने वालेकार्यालय में अंग्रेजों के समय मसूरी नगर पालिका परिषद की आय का स्रोत विजली की आय थी नगर पालिका परिषद मसूरी देहरादून को बिजली देता था उसके भुगतान करने के लिए राजपुर रोड़ स्थित यह कार्यलय उपभोक्ताओं की सुभिधा के लिए बनाया गया था। जिस अंधेरे कमरे से बिजली विभाग के लिए करोड़ों रुपए की वसूली होती हैं ।वहाँ की स्थिति बाताबरण से कताई नहीं लगता कि विजली दफ्तर का कमाऊ कार्यलय होगा।
दीपक तले अंधेरा
हैरानी की बात यह है कि करोड़ों रुपये के घटिया माल चोरी होना खराब ट्रांफआर्मर खरीदने आगलगी की घटनाओं से विभाग अटा पड़ा है इनके यहाँ बिजली के विल जमा करने के लिए बिजली चलिजाने के बाद ऑफिस में एक आदत इंवेल्टर भी मुहैया नहीं करा पाये। जिससे ग्रहकों को तो परेशानी होती है पर सम्भाल कर भी आंखों कि रोशनिया वापिस नहीं दी सकती है यहाँ से मुख्यमंत्री दिन में 4 चार बार गुजरते हैं पर किसी को यह आदेश न ही देरहे हैं कि कम्प्यूटर पर काम नहीं होरहा है अंधेरे में रशीद बुक से बिजली के बिल काटे जरहे है।
हैरानी होती है ऊर्जा प्रदेश के उपभोक्ताओं के लिए सुभिधा नदेने पर।उत्तराखंड को बस असुभिधा का राज्य बनाकर अधिकारी छोड़ेंगे।