ऐसे आयोजनों को बताया राज्यों की संस्कृति एवं प्रगति से परिचित होने का माध्यम।
उत्तराखण्ड के विकास में राज्य के साथ प्रवासी उत्तराखण्ड वासियों का बड़ा योगदान।
हमारे ब्रांड एंबेसडर हैं प्रवासी उत्तराखण्डवासी।
उत्तराखण्ड बन रहा है सुनियोजित विकास मॉडल प्रदेश- मुख्यमंत्री
दिल्ली, पहाडोंकीगूँज,मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को नई दिल्ली के प्रगति मैदान मे चल रहे 41वें भारत अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार मेले के तहत उत्तराखण्ड पवेलियन में उत्तराखण्ड दिवस समारोह एवं इस अवसर पर आयोजित सांस्कृतिक संध्या में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। इस अवसर पर नाट्यशाला थियेटर में उत्तराखण्ड के लोक कलाकारों द्वारा आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये। इस वर्ष व्यापार मेले की थीम “वोकल फार लोकल, लोकल टू ग्लोबल” रखी गयी है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड के विकास में उत्तराखण्ड के साथ प्रवासी उत्तराखण्ड वासियों का बड़ा योगदान है। राज्य के विकास की यह हम सबकी सामूहिक विकास यात्रा है। उन्होंने कहा कि हमारे प्रवासी उत्तराखण्डवासी हमारे राज्य के ब्रांण्ड अम्बेसडर हैं। उन्होंने कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार मेला जैसे आयोजन विभिन्न राज्यों की प्रगति से परिचित का अवसर प्रदान करते हैं। यह व्यापार मेला उत्तराखण्ड के लोगों की जीवन्त सहभागिता का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। उत्तराखण्ड पवेलियन में “वोकल फार लोकल, लोकल टू ग्लोबल” थीम के अनुसार उत्तराखण्ड में हो रहे सतत विकास का प्रस्तुतीकरण, राज्य सरकार की नीतियों एवं कार्यक्रमों की जानकारी के साथ-साथ प्रदेश के हथकरघा एवं हस्तशिल्प, राज्य के कृषि एवं उद्यान क्षेत्र के उत्पादों को प्रदर्शित किया गया है, जिससे राज्य को पहचान मिलेगी।
उन्होंने कहा कि राज्य में निवेश के लिए अच्छी कानून व्यवस्था, स्वच्छ पर्यावरण, रेल, सड़क तथा वायु परिवहन की सुविधाए सस्ती एवं निर्बाध विद्युत आपूर्ति तथा अप्रदूषित जल संसाधन उपलब्ध हैं। राज्य सरकार द्वारा प्रदेश को निवेश के लिए एक सर्वाधिक उपयुक्त डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने की दिशा में लगातार सक्रियता के साथ प्रयास किया जा रहा है। विगत वर्षो में हमारे द्वारा निवेश के अनेक अवसरों के अधिकाधिक उपयोग का प्रयास किया जा रहा है। वर्तमान में उत्तराखण्ड राज्य निवेशकों के लिए न केवल एक पसंदीदा गंतव्य के रूप में प्रतिस्थापित हुआ है। ईज ऑफ डुइंग बिजनेस की दिशा में राज्य सरकार सतत प्रयत्नशील है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद देश और देशवासियों में आशा, विश्वास और नई ऊर्जा का संचार हुआ है। उनके नेतृत्व में देश हर क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रहा है। वैश्विक स्तर पर भारत का मान, सम्मान एवं स्वाभिमान बढ़ा है। देश में नई कार्य संस्कृति की शुरुआत हुई है। समरस, समर्थ एवं शक्तिशाली भारत की पहचान देश व दुनिया में हुई है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में डबल इंजन सरकार विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन का कार्य कर ही है। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन एवं केन्द्र सरकार के सहायोग से प्रदेश में रेल लाइन के निर्माण कार्य तेजी से हो रहा है। रोड़ नेटवर्क, चारधाम, ऑलवेदर रोड, भारत माला श्रृंखला की सड़कें एक कोने से दूसरे कोने को जोड़ने का कार्य कर रही हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने 5 नवम्बर, 2021 को बाबा केदार की भूमि से कहा कि 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का दशक होगा, इसी का प्रतिफल है कि इस बार चारधाम यात्रा में लगभग 46 लाख से अधिक रिकार्ड संख्या में श्रद्धालुओं ने दर्शन किए, जबकि 4 करोड़ से अधिक श्रद्धालु कांवड यात्रा में शामिल हुए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड को प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में देश का श्रेष्ठ राज्य बनाने का हमारा प्रयास निरंतर जारी है। उन्होंने कहा कि हेमकुण्ड साहिब व केदारनाथ धाम के लिए रोपवे का शिलान्यास हो चुका है। जो यात्रा तीन से चार दिन में होती थी वह अब कुछ ही घंटों में हो सकेगी, यात्रा अब सुगम, सरल होगी।
उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड अनेक प्रकार की प्रकृतिक संपदाओं से युक्त है। प्रदेश का लगभग 70 प्रतिशत भूभाग प्राकृतिक सुंदरता व वनों से घिरा हुआ है जो पर्यटन, उद्यानिकी के लिये अनुकूल है। उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों में जो बेस्ट प्रैक्टिसेज हुई हैं उनको अपना कर हम विकास के मॉडल को खड़ा कर सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड पूरे देश व दुनिया को शुद्ध जल व पर्यावरण देने का कार्य करता है, प्रदेश के विकास का मॉडल इकोलाजी व इकोनॉमी दोनों को संतुलित करने की दिशा में कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में रोजगार के अवसर को बढ़ाने के लिये हमने नीतियों में संशोधन कर आवश्यक सुझावों को भी जोड़ा है। प्रदेश में फिल्म सिटी, होटेल्स के लिए स्थान चयनित कर निवेशकों को आकर्षित करने का कार्य किया जा रहा है, इसके लिये लैंड बैंक की व्यवस्था की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी अल्मोड़ा में आजीविका महोत्सव आयोजित किया गया था, आजीविका महोत्सव में रूरल बिजनेस इक्यूबेटर (आर0बी0आई0) की संख्या में एक साल के अन्दर 03 गुना वृद्धि हुई है। राज्य के परम्परागत उत्पाद तथा हस्त निर्मित उत्पादों को देश-विदेश में पहचान मिलने से राज्य के लोगों की आजीविका एवं आर्थिकी में वृद्धि होगी तथा रोजगार एवं स्वरोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के प्रवासियों तथा देश व विदेश से आने वाले निवेशकों को हर सम्भव सुविधा एवं सहायता उपलब्ध कराने के लिए कृत संकल्पित है। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य आपके साथ मिलकर एक समृद्ध उत्तराखण्ड का निर्माण करना है। प्रदेश सरकार सदैव आपके सहयोगी की भूमिका में आपके साथ है और हम सब मिलकर ही एक आदर्श उत्तराखण्ड राज्य के निर्माण की परिकल्पना को पूर्ण कर सकते हैं। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर प्रवासी उत्तराखण्ड वासियों से पर्व व त्योहारों पर अपने पैतृक स्थान में आने तथा उत्कृष्ट उत्तराखण्ड बनाने में अपना योगदान देने की भी अपील की।
इस अवसर पर सांसद अजय टम्टा, सचिव उद्योग डॉ पंकज कुमार पाण्डेय, सचिव संस्कृति हरि चंद्र सेमवाल, स्थानिक आयुक्त उत्तराखण्ड अजय मिश्रा, उद्योग निदेशक सुधीर चन्द्र नौटियाल, संस्कृति निदेशक श्रीमती बीना भट्ट, पैवेलियन निदेशक के0 सी0 चमोली आदि उपस्थित थे।
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टिहरी गढ़वाल ,कैम्पटी ,मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को कैम्पटी में खेलकूद एवं सांस्कृतिक मेले में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने कैम्पटी में लगने वाले इस मेले के लिए 02 लाख रुपए का अनुदान देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि कैम्पटी क्षेत्र के सुनियोजित विकास के लिए इसे नगर पंचायत बनाने की दिशा में प्रयास किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि मेलों की सांस्कृतिक धरोहरों को बचाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उत्तराखण्ड में गौचर एवं जौलजीवी मेला अंतर्राष्ट्रीय महत्व के मेले हैं। कैम्पटी क्षेत्र पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण क्षेत्र है। राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। बागवानी एवं जल विद्युत परियोजनाओं के क्षेत्र में भी राज्य में अनेक संभावनाएं हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड को 2025 तक देश के श्रेष्ठ राज्यों की श्रेणी में लाने के लिए राज्य सरकार प्रयासरत है। सभी प्रदेशवासियों के सहयोग से उत्तराखण्ड को हर क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाया जायेगा। उन्होंने कहा कि लाल बहादुर शास्त्री अकादमी में आयोजित चिंतन शिविर में उत्तराखंड को देश का अग्रणी राज्य बनाने की दिशा में मंथन चल रहा है। अधिकारियों को इसके लिए सुनियोजित योजना बनाने के लिए कहा गया है। अन्य राज्यों में जो अच्छे कार्य हो रहे हैं, अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि उत्तराखण्ड की भौगोलिक परिस्थितियों के हिसाब से ऐसे कुछ कार्यों को राज्य में बेस्ट प्रैक्टिस के रूप में अपनाया जाय।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में देश हर क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रहा है। वैश्विक स्तर पर भारत का मान, सम्मान एवं स्वाभिमान बढ़ा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने बाबा केदार की भूमि से कहा कि 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का दशक होगा। इस बार चारधाम यात्रा में लगभग 50 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन किए।
इस अवसर पर विधायक प्रीतम सिंह पंवार, क्रीडा समारोह के अध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह पंवार, मसूरी के पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष मनमोहन सिंह मल, ब्लॉक प्रमुख जौनपुर श्रीमती सीता रावत, क्रीडा समिति के संयोजक राजेश नौटियाल, जिलाधिकारी टिहरी श्री सौरभ गहरवार, एसएसपी नवनीत सिंह भुल्लर एवं अन्य गणमान्य उपस्थित थे।
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*गोवा अंतर्राष्ट्रीय फ़िल्म फेस्टिवल में उत्तराखंड स्टेट फोकस सेमिनार का आयोजन*
*प्रसून जोशी ने कहा उत्तराखंड में फ़िल्म और कंटेंट उद्योग हेतु असीम संभावनायें*
53वे अन्तर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में मंगलवार को नॉलेज सीरीज का आयोजन किया गया। नॉलेज सीरीज में उत्तराखंड में फ़िल्म शूटिंग को लेकर चर्चा की गई। कार्यक्रम शुरू होने से पहले विशेष प्रमुख सचिव सूचना अभिनव कुमार ने उत्तराखंड की पारंपरिक पहाड़ी टोपी और अंग वस्त्र भेंट कर चर्चा में प्रतिभाग कर रहे विषय विशेषज्ञों का स्वागत किया। इस अवसर पर अध्यक्ष केंद्रीय फ़िल्म प्रमाणन बोर्ड प्रसून जोशी, प्रवेश साहनी, संस्थापक इंडिया टेक वन प्रोडक्शन, विशेष प्रमुख सचिव सूचना उत्तराखंड सरकार अभिनव कुमार सिंह मुख्य वक्ता के तौर पर उपस्थित रहे, जबकि सुश्री लोहिता सुजीत, सीनियर डॉयरेक्टर कॉपी राइट & डिजिटल इकॉनमी मोशन पिक्चर असोसिएशन द्वारा संचालन किया गया।
मुख्य वक्ता के तौर पर अध्यक्ष केंद्रीय फ़िल्म प्रमाणन बोर्ड प्रसून जोशी ने कहा कि उत्तराखंड में शूटिंग के लिये अनुकूल माहौल है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में युवाओं को दिशा देने के साथ ही सिनेमोग्राफी, स्क्रिप्ट लेखन के साथ ही अन्य फ़िल्म कलाओं में भी आगे बढ़ना है। उन्होंने कहा कि फ़िल्म निर्माताओं को यह देखने के साथ कि वे उत्तराखंड में क्या कर सकते हैं , यह भी देखें कि उत्तराखंड के कलाकार और अन्य लोग फ़िल्म उद्योग में क्या योगदान दे सकते हैं। श्री जोशी ने कहा कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड को फ़िल्म डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने के लिए कार्य कर रहे है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड का संगीत, कला एयर संस्कृति सबसे अलग है।
प्रवेश साहनी, संस्थापक इंडिया टेक वन प्रोडक्शन ने कहा कि सभी राज्यों को विदेशी फ़िल्म निर्माताओं को आकर्षित करने के लिए अधिक प्रयास करने होंगे। फ़िल्म निर्माण में इंफ्रास्ट्रक्चर पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
विशेष प्रमुख सचिव सूचना अभिनव कुमार बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर फ़िल्म नीति में काफी संशोधन किए जा रहे है। मुख्यमंत्री श्री धामी उत्तराखंड में फ़िल्म निर्माण को युवाओं के रोज़गार से जोड़ना चाहते हैं। फ़िल्म सिटी की स्थापना की दिशा में कार्य शुरु किया गया है। फ़िल्म सिटी चयन के लिए उपयुक्त भूमि की तलाश हेतु ज़िलाधिकारियों को पत्र लिखा गया है। फ़िल्म निर्माता और निर्देशकों को हर संभव सहायता दी जा रही है। राज्य में नई फ़िल्म लोकेशन , क्षेत्रीय फ़िल्मों को बढ़ावा देने और फ़िल्म और क्रिएटिव आर्ट संस्थान विकसित करने पर भी सरकार का विशेष फोकस है। उन्होंने कहा कि गढ़वाली कुमाऊनी सहित उत्तराखंड की क्षेत्रीय बोली भाषा में फ़िल्म निर्माण को प्रोत्साहन देना सर्वोच्च प्राथमिकता है।
सेशन में उपस्थित दर्शकों में कई फ़िल्म निर्माताओं ने उत्तराखंड में फ़िल्म शूटिंग और नीति पर विशेष प्रमुख सचिव अभिनव कुमार से कई प्रश्न पूछे। कुछ प्रश्न नेशनल पार्क में वन विभाग की अनुमतियों को लेकर भी थे जिस पर विशेष प्रमुख सचिव ने नीति की व्यवस्था के बारे में बताया।कुछ प्रश्न फ़िल्म सिटी और स्थानीय फ़िल्म संस्थान को लेकर थे। विशेष प्रमुख सचिव ने सभी प्रश्नों का उत्तर देते हुए कहा कि सरकार सभी सकारात्मक सुझावों का स्वागत करती है।
इस अवसर पर उप निदेशक / नोडल अधिकारी उत्तराखण्ड फिल्म विकास परिषद डॉ. नितिन उपाध्याय भी उपस्थित थे।