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चार धाम श्राईन बोर्ड की आवश्यकता नहीं यहां स्थाई रोजगार देने के लिए शंकराचार्य जी ने पहले ही चारधाम बना दिये थे – सुंदर लाल बहुगुणा

Pahado Ki Goonj

(केवल पहाड़ों की गूंज के माध्यम से सन्देश) चार धाम श्राईन बोर्ड बनाने की आवश्यकता नहीं है यहां के रोजगार देने के लिए आदि शंकराचार्य जी ने पहले ही चारधाम बना दिये थे – सुंदर लाल बहुगुणा

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पत्रकार सरकार जनता के हित के लिए कार्यशाला का आयोजन करने के लिए उन्होंने कहा ।उसमें उन्होंने आने की स्वीकृति देदी है।

देहरादून, विश्व प्रसिद्ध पर्यावरण विद ,स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी ,पत्रकार एवं सामाजिक सेवी सुंदर लाल बहुगुणा जी के 94वें जन्मदिन पर बधाई देने उनके प्रवास स्थान शास्त्री नगर हरि द्वारा रोड स्थित डॉक्टर पाठक जी के आवास के गेट पर पहुंचे आवास के प्रथमतल पर डॉक्टर पाठक के माता पिता श्री धूप का आनंद ले रहे थे।उनको प्रणाम करते हुए गुरु जीश्री सुंदर लाल बहुगुणा जी के लिए गेट के बाहर से पूछा तो उत्तर मिला कि हैं।।बहुगुणा जी दिन के समय आराम कर रहे हैं । मेरी आवाज ने उनकी नींद में खलल डाली ,बहुगुणा जी आवाज पहचान कर ख़ुर्शी पर उन से मिलने पर मुझे बैठने के लिए कहा ।उनके चरणों मे शीश झुका कर पहली बार उन्होंने अपने चरण स्पर्श करने दियेहैं अपने को धन्य माना। आज तक कभी भी उन्होंने अपने चरण स्पर्श करने नहीं दिये। यह सुखद संयोग उनके 94 वें जन्मदिन के पावन अवसर पर उन्होंने प्रदान किया। बहुगुणा जी को जन्मदिन के अबसर पर बधाई देते हुए उनके शतायु से ज्यादा स्वस्थ हो कर समाज सेवा में अपना जीवन का सदुपयोग करने के लिए संयोजक टिहरी बांध प्रभावित प्रतापनगर गाजणा छेत्र संघर्ष समिति, उत्तराखंड पत्रकार संघर्ष समिति ,पूर्व संरक्षक एवं अध्यक्ष उत्तराखंड वेब पोर्टल एसोसिएशन की ओर से शुभकामनाएं दी । बहुगुणा जीने कुशल छेम पूछी ।उनसे पूछा कि हिमाचल प्रदेश के जैसे विकास उत्तराखंड प्रदेश में कैसे होगा। उन्होंने कहा कि वहाँ के प्रदेश के नेताओं ने राजधानी पहाड़ पर बनाई है। पहली बात दूसरी बात यह है कि प्रदेश , देश ,विश्व हित के लिए चोड़ी पति के पेड़ पहाड़ पर लगाये जायँ। चीड़ को हटाया जाए।अब दुनिया में पानी की लड़ाई होगी।उत्तराखंड उर्जा प्रदेश बने देशमे सिंचाई के पीने के लिए पानी मिलता रहे ।उसके लिए चौड़ी पति के पेड़ वन भूमि पर लगायें जायँ।जंगलों में अखरोट, फल दार पेड़ से रोजगार के अबसर बढेंगे, चारा पैदा करने से पशु पालन करते हुए खेती से जैविक खाद्य पदार्थों का उत्पादन बढ़ेगा।पलायन रुकेगा। पहाड़ की अर्थव्यवस्था पेड़ और भेड़
,पशुपालन, जड़ीबूटियों,चारधाम से है उन्होंने कहा कि आपको( जीतमणि पैन्यूली) प्रदेश एंव देश में अच्छे विकास के लिए, जनता को जागरूक करने के लिए, सन्देश के पहुचाने लिए यात्रा प्रदेश देश में करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मेरा स्वास्थ्य अनुकूल नहीं है ,नहीं तो मैं पहाड़ों की यात्रा करता।उन्होंने कहा कि आपने पत्रिका निकाल कर बड़ा जोखिम भरा कार्य करते हुए देश सेवा कर रहे हैं। सरकार से पहले की अपेक्षा कम विज्ञापन पर उन्होंने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि देश मे अपने लोगों को ग्राहक बनाने के लिए संपर्क करें।जनता सेअच्छे मुदो पर समस्याओं के समाधान के लिए संपर्क में रहते हुए आखबार की सेवा बढ़ाई जाए।इसकी गूंज पहाड़ों में एवं अप्रवासीयों के बीच गूंजेगी। पिछलेअंकों के  प्रकाशनों के जनकारी का ज़िक्र करते हुए उन्हें पत्र एवं पोर्टल के ग्राहक बनाने के लिए उन्होंने कहि । हमने बड़ी खुशी जाहिर की है पहाड़ों की गूंज के लिए उन्होंने मुख्य सम्पादक के रूप में लिखा और संपादक बनना स्वीकार कर जनता के लिए विकास सन्देश लिखा। ।चारधाम श्राईन बोर्ड़ के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के लोगों को रोजगार देने आदि शंकराचार्य जी ने चार धाम को बनाये थे ।श्राईन बोर्ड की आवश्यकता तो उसको होगी जिसका प्रचार प्रसार करना है।उन्होंने सरकार के लिए कहा कि इसके बनाने की जरूरत पहले तो नहीं है । उनके मना करने से लगरहा था कि इसका मुख्यकार्याधिकारी हिन्दू ही होना चाही। राज्यपाल को विल वापसी कर एक्ट में सुधार करना चाहिए।।बोर्ड़ के लिए मुख्यकार्याधिकारी हिन्दू ही होना चाहिए । एंग्लोइंडियन, मुस्लिम ,फ़ारसी ईसाई समुदाय धर्म के मुख्यकार्याधिकारी के रूप में हमारे धर्म के रीति रिवाज पूजा में व्यबहारिक दिक्कतें होगी।

अन्य विकास के कार्य से जनता का ध्यान हटाना ठीक नहीं है । उन्होंने इसके लिए कहा कि वन में देवताओं का वास होता है वन प्रकृति की शोभा बढ़ाते हैं।उसको सरसब्ज कर स्वतः लाखों लोगों को घर पर ही पर्यटक गाँव गावँ में आने से रोजगार बढेगा ।पत्रकार सरकार जनता के हित के लिए कार्यशाला का आयोजन करने के लिए उन्होंने कहा ।उसमें उन्होंने आने की स्वीकृति देदी है कि थोड़ी देर के लिए मैं आऊंगा। इस बीच उनकी पत्नी 87 वर्षीय श्रीमती बिमला देवी पानी और लाडू लाई उनसे दुवा सलाम किया। उनको मिलते हुए उन्हें शतायु की शुभकामनाएं दी।

आपसे आग्रह है कि सभी लोगो को अपने अखबार में अपने हिसाब से प्रकाशित करने का कष्ट किजयेगा साथ ही वट्सप no
798383533,87553868,9456334282 पर अपने पत्र की pdf भेजदिजाएगा।

डाक के लिए पता
पहाड़ों की गूंज 11/10 राजपुर रोड़ देहरादून पिन 248001

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