देहरादून : उत्तराखंड में 3.46 लाख हेक्टेयर जंगल दावानल के लिहाज से बेहद चुनौतीपूर्ण हैं। यह हम नहीं, बल्कि वन विभाग के आइटी सेल की वह रिपोर्ट कह रही है, जिसमें एक दशक के दौरान हुई आग की घटनाओं को लेकर अध्ययन किया गया। इसमें यह भी उल्लेख है कि प्रदेशभर में 287 ऐसे कंपार्टमेंट हैं, जिनमें बार-बार आग लग रही है। उधर, विभाग के मुखिया जयराज के मुताबिक आग के दृष्टिकोण से संवेदनशील क्षेत्र चिह्नित किए गए हैं। ऐसे क्षेत्रों पर खास फोकस किया जाएगा, जहां बार-बार आग लग रही है।
फायर सीजन (15 फरवरी से 15 जून) की भले ही उल्टी गिनती शुरू हो गई है, लेकिन इस मर्तबा तो जंगल इससे पहले से ही सुलगने लगे हैं। ऐसे में आने वाले दिनों में चुनौती खासी बढऩे वाली है। बीते वर्षों की ही बात करें तो हर साल ही फायर सीजन में बड़े पैमाने वन संपदा को क्षति पहुंच रही है। इसे देखते हुए विभाग ने एक दशक में हुई आग की घटनाओं का बारीकी से अध्ययन कराया है। इसमें कई चौंकाने वाले तथ्य हैं।
अध्ययन रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में 346958.9 हेक्टेयर वन क्षेत्र आग से सबसे ज्यादा प्रभावित है। इसके लिहाज से संवेदनशील, मध्यम व अति संवेदनशील क्षेत्र, बीट व कंपार्टमेंट चिह्नित किए गए हैं। इसका डेटा सभी प्रभागों को भेज दिया गया है और इसके आधार पर आग से निबटने के लिए कदम उठाने का दावा भी है।
संवेदनशील वन क्षेत्र
40295.5 हेक्टेयर अत्यधिक
103743.3 हेक्टेयर मध्यम
202920.1 हेक्टेयर संवेदनशील
बीटवार स्थिति
श्रेणी————————– संख्या
अत्यधिक संवेदनशील——–70
मध्यम संवेदनशील———-210
संवेदनशील——————-853
विभागीय तैयारियां
40 मास्टर कंट्रोल रूम
1437 क्रू स्टेशन
174 वाच टावर
506 वायरलेस स्टेशन
38 रिपीटर स्टेशन
199 मोबाइल सेट
1672 वायरलेस हैंडसेट
6000 फायर वाचरों व श्रमिकों की तैनाती
जंगल की आग
वर्ष———प्रभावित क्षेत्र (हेक्टेयर में)—मृतक—घायल
2017—–1244.64————————01—–01
2016—–4433.75————————06—–31
2015—–4292.35————————00—–00
2014——930.33————————-02—–07
2013——384.05————————-00—–00
2012—–2823.89————————-04—–12
2011——232.00————————–00—–00
2010—–1611.00————————–00—–07
2009—–4115.50————————–16—–19
2008—–2369.00————————–00—–00
2007—–1595.35————————–01—-00
राज्य में वन क्षेत्र
37999.60 वर्ग किमी वनों का क्षेत्रफल
25863.18 वर्ग किमी वन विभाग के अधीन
7350.85 वर्ग किमी पंचायतों के अधीन
4768.70 वर्ग किमी राजस्व विभाग के अधीन
156.40 वर्ग किमी पालिका व छावनी के अधीन