हल्द्वानी। आशाओं की हड़ताल कामकाज पर भारी पड़ती नजर आ रही है। आशा कार्यकर्ताओं की हड़ताल से दवाइयां बांटने लेकर टीकाकरण प्रभावित हो गया है। हालांकि कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर पूरी व्यवस्था की गई है। आशा कार्यकर्ता मासिक मानदेय समेत तमाम मांगों को लेकर दूसरे दिन भी महिला अस्पताल के गेट पर धरने पर डटी रही।
आशा कार्यकर्ताओं को कोविड से लेकर पल्स पोलियो, टीकाकरण, परिवार नियोजन, डेंगू, मलेरिया, ओआरएस बांटने और तमाम सर्वे व अभियानों में लगाया गया है। लेकिन मासिक मानदेय नहीं मिलता है। आशा कार्यकर्ताओं की हड़ताल से आंगनबड़ी केंद्रों में बच्चों व गर्भवती को लगने वाला रूटीन टीकाकरण प्रभावित हुआ है। जबकि बुधवार को अधिकांश केंद्रों पर टीकाकरण किया जाता है। वहीं प्रदर्शन कर रही आशा कार्यकर्ताओं का कहना है कि सरकार को बार-बार अपनी मांगों से अवगत कराया जाता है। फिर भी सरकार सुनने को तैयार नहीं है। हमें हर तरह का काम लिया जा रहा है, लेकिन मासिक मानदेय देने में आनाकानी की जाती है। सरकार का इस तरह का व्यवहार हमें पसंद नहीं है।ऐक्टू से संबद्ध उत्तराखंड आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन के प्रदेश महामंत्री डा. कैलाश पांडेय का कहना है कि आम जन को न्याय की बात की जाती है। गरीबों के उत्थान को लेकर भाषण दिए जाते हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है। आशा कार्यकर्ताओं को लेकर सरकार को जल्द निर्णय लेना चाहिए, ताकि वह अपने परिवार का ठीक से भरण-पोषण कर सकें। धरने में रीना बाला, सरोज रावत, रजनी देवी, मंजू आर्य, शांति शर्मा, बीना उपाध्याय, कमला बिष्ट, दीपा जोशी, भवानी सुयाल, सुनीता भट्ट, अंजना, भगवती पाण्डे, शाहीन अख्तर, बसंती बिष्ट, प्रियंका सक्सेना, दीपा बिष्ट, अर्शी, धना मेहता, मंजू रावत आदि शामिल रही।
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Tue Aug 3 , 2021