हैदराबाद। तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में महिला वेटनरी डॉक्टर से गैंगरेप के बाद हत्या और फिर लाश को जला देने की घटना से देश भर में खलबली मच गई। अब इस घटना के बाद आंध्र प्रदेश में एक और रेप-मर्डर केस की फाइल 12 साल बाद खुलने वाली है। सीबीआई इस केस की फिर से जांच करेगी। इस मामले में पीड़िता की बॉडी की फिर से पॉस्टमॉर्टम करने की तैयारी चल रही है। यह घटना साल 2007 की है। विजयवाड़ा में 19 साल की फार्मेसी की एक स्टूडेंट का रेप के बाद मर्डर कर दिया गया था। उसकी बॉडी बाथरूम में मिली थी, जहां वो खून में लिपटी थी और उसकी बॉडी पर घाव के कई निशान थे। घटनास्थल से एक चिट्ठी भी मिली थी। इसमें लिखा था, लड़की का रेप और मर्डर इसलिए किया गया क्योंकि उसने प्यार को ठुकरा दिया था। घटना के बाद स्टूडेंट्स, महिला और समाजिक संगठनों ने पीड़िता के परिवार के लिए न्याय की मांग की थी। जांच के बाद 17 अगस्त 2008 को पुलिस ने सत्यम बाबू नाम के एक आरोपी को गिरफ्तार किया। उस वक्त पुलिस ने कहा था कि बाबू इस तरह की और घटनाओं में शामिल था और उसने गुनाह कबूल भी कर लिया है।
14 साल की सजाआरोपी सत्यम बाबू के रिश्तेदारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि पुलिस असली गुनहगार को बचाने की कोशिश कर रही है। इन सबने ये भी दावा किया कि सत्यम बाबू चल फिर नहीं सकते हैं और उन्हें न्यूरो संबंधित बीमारी भी है। इसके बावजूद विजयवाड़ा की कोर्ट ने सत्यम बाबू को 14 साल की सजा सुना दी। सत्यम बाबू ने इस मामले में हाईकोर्ट में अपील की. 31 मार्च 2017 को हाईकोर्ट ने उसके खिलाफ लगाए गए सारे आरोपों को खारिज कर दिया। इसके अलावा उसे 8 साल जेल में रहने के चलते 1 लाख रुपये का मुआवाजा भी दिया गया। सत्यम बाबू के जेल से बाहर आने के बाद हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई. 29 नवंबर 2018 को आंध्रप्रदेश हाईकोर्ट ने इस मामले में सीबीआई को फिर नए सीरे से जांच करने को कहा। अब सीबीआई कब्र से बॉडी निकाल कर फिर से पोस्टमॉर्टम करेगी. इस मामले में स्थानीय पुलिस को भी सहयोग करने को कहा गया है।