आपदा मित्र योजना की तर्ज पर प्रारंभ होगी आपदा सखी योजनाः मुख्यमंत्री जानिए सभी 11खबरें

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आपदा मित्र योजना की तर्ज पर प्रारंभ होगी आपदा सखी योजनाः मुख्यमंत्री

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को निकट देहरादून स्थित एक होटल में उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्राधिकरण द्वारा आयोजित मानसून -2025 रू प्रेपरेडनेस कार्यशाला में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने इस दौरान आपदा मित्र योजना की तर्ज पर “आपदा सखी योजना“ प्रारंभ किए जाने की घोषणा की। उन्होंने कहा इस योजना के शुरू होने से महिला स्वयंसेवकों को आपदा से पूर्व चेतावनी, प्राथमिक चिकित्सा, राहत एवं बचाव कार्यों, मनोवैज्ञानिक सहायता आदि के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। यह योजना महिला सशक्तिकरण की दिशा में सहायक सिद्ध होने के साथ आपदा प्रबंधन में समाज की सक्रिय सहभागिता को और अधिक मजबूत एवं प्रभावी बनाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा यह कार्यशाला आपदा प्रबंधन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है, जो आने वाली चुनौतियों के बेहतर प्रबंधन के लिए सहायक सिद्ध होगी। उन्होंने कहा कि आपदा की दृष्टि से उत्तराखण्ड संवेदनशील राज्य है। हमें बीते वर्षों में आई प्राकृतिक आपदाओं से सबक लेते हुए काम करना है। मुख्यमंत्री ने कहा प्राकृतिक आपदाओं को टाला नहीं जा सकता, लेकिन त्वरित प्रतिक्रिया, सतर्कता और समन्वित राहत एवं बचाव कार्यों से जन-धन की हानि को कम किया जा सकता है। जिसके लिए सभी विभागों के बीच समन्वय के साथ सजगता एवं संवेदनशीलता भी बेहद जरूरी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा प्रबंधन सभी विभागों का सामूहिक दायित्व है। जिसमें सभी विभागों के साथ आम जनता की सक्रिय सहभागिता भी आवश्यक है। उन्होंने कहा आपदा प्रबंधन में जनभागीदारी का होना बेहद आवश्यक है। जब तक समाज जागरूक, प्रशिक्षित और सतर्क नहीं होगा, तब तक किसी भी सरकारी प्रयास का प्रभाव सीमित ही रहेगा। आपदा के दौरान सबसे पहले स्थानीय नागरिक ही मौके पर होते हैं। इसलिए ग्रामीण स्तर पर आपदा प्रबंधन समितियों, महिला एवं युवा समूहों, स्वयंसेवी संगठनों तथा रेडक्रॉस जैसी संस्थाओं को प्रशिक्षित करना भी आवश्यक है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदाओं के प्रभावी निपटारे के लिए हमें प्रोएक्टिव और रिएक्टिव दोनों प्रकार की रणनीतियों को अपनाना होगा। जैसे 2024 में गौरीकुंड में बादल फटने की घटना के दौरान प्रोएक्टिव अप्रोच अपनाकर हजारों लोगों की जान बचाने में सफलता प्राप्त की थी। वर्ष 2024 में ही टिहरी जनपद के तोली गांव में हुए भू-स्खलन से पूर्व ही प्रशासन की त्वरित कार्यवाही के कारण 200 से अधिक लोगों की जान बचाई जा सकी थी। आपदा के समय प्रभावितों के साथ खड़े रहना हमारी प्राथमिकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्वानुमान पर गंभीरता से काम करने पर आपदा के प्रभाव को कम किया जा सकता है। राज्य सरकार आधुनिक तकनीकों और वैज्ञानिक उपायों को अपनाने पर जोर दे रही है। राज्य में रैपिड रिस्पॉन्स टीम गठित करने के साथ ड्रोन सर्विलांस, जीआईएस मैपिंग और सैटेलाइट मॉनिटरिंग के माध्यम से आपदा के संभावित जोखिम क्षेत्रों की पहचान कर रही है। आपदा के नुकसान को कम करने के लिए राज्य में आपदा प्रबंधन विभाग, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ एवं स्थानीय प्रशासन के बीच बेहतर समन्वय स्थापित किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा सिल्क्यारा रेस्क्यू अभियान के दौरान भी उन्होंने स्वयं टनल में फंसे मजदूरों से संवाद किया था, जिससे उनका हौसला बढ़ाया जा सका था।
मुख्यमंत्री ने आपदा प्रबंधन के लिए एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और अन्य सैन्य बलों से अधिकारियों को निरंतर समन्वय और संवाद स्थापित करने के लिए कहा। उन्होंने कहा भूस्खलन, बाढ़ और अन्य संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान कर, जेसीबी, क्रेन एवं आवश्यक उपकरणों की तैनाती सुनिश्चित की जाए। साथ ही संवेदनशील और पुराने पुलों की तकनीकी जांच कर आवश्यकतानुसार बैली ब्रिज एवं वैकल्पिक व्यवस्था हेतु भंडारण सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने नदियों के किनारे बसे क्षेत्रों में जलस्तर की निरंतर मॉनिटरिंग के लिए तकनीकी यंत्रों और मानव संसाधन की तैनाती करने, खाद्यान्न, ईंधन, पेयजल एवं जीवनरक्षक औषधियों की पर्याप्त आपूर्ति सभी जिलों में अभी से सुनिश्चित करने के साथ सभी आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने कहा कि यह कार्यशाला आगामी मानसून से पहले व्यवस्थाओं को सशक्त और प्रभावी बनाएगी। उत्तराखंड को कई प्रकार की आपदा का सामना करना पड़ता है। इस वर्ष मौसम विभाग ने मानसून के जल्द आने और सामान्य से अधिक होने का अनुमान लगाया है। हमें मानसून से पूर्व पुख्ता इंतजाम करके आपदा के प्रभाव को कम करना है। आपदा के दौरान संसाधनों का बेहतर उपयोग और तकनीकी संसाधनों का प्रयोग आपदा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव ला रहा है, जिसका हमने और बेहतर इस्तेमाल करना है।
सदस्य, राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण राजेंद्र सिंह ने कहा कि भारतीय मौसम विभाग ने आगामी मानसून में उत्तराखंड के लिए सामान्य से अधिक बारिश का पूर्वनुमान लगाया है। ऐसे में उत्तराखंड के लिए 15 जून से सितंबर तक आपदा की नजर से महत्वपूर्ण समय है। उत्तराखंड राज्य बाढ़, बादल फटने, भूस्खलन, भूकंप की दृष्टि से बेहद संवेदनशील है। इनसे बचने के लिए बेहतर पूर्वानुमान, बुनियादी ढांचों, जन जागरूकता, बेहद जरूरी है। उन्होंने उत्तराखंड सरकार की सराहना करते हुए कहा कि इस वर्ष चार धाम यात्रा बेहद सुचारू रूप से चल रही है। चार धाम यात्रा का प्रबंधन बेहद अच्छा है। उन्होंने भूस्खलन के बचाव के लिए उत्तराखंड को एन.डी.एम.ए ने 140 करोड़ रुपए की स्वीकृति प्रदान की है। एन.डी.एम.ए द्वारा 190 संवेदनशील झीलों के लिए उत्तराखंड को 40 करोड़ का आवंटन हो चुका है। उन्होंने कहा फॉरेस्ट फायर को लेकर उत्तराखंड की तैयारियां इस वर्ष बेहद अच्छी हैं। उत्तराखंड को फॉरेस्ट फायर के लिए करीब 16 करोड़ की स्कीम को स्वीकृति प्रदान की है। भूकंप के लिए भी उत्तराखंड को आवश्कता अनुसार धनराशि दी जाएगी। एन.डी.एम.ए ने पूरे देश में आने वाली आपदाओं के लिए गाइडलाइन बनाई हैं, जिसे जिले स्तर तक पहुंचाना है।
उपाध्यक्ष, उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबन्धन सलाहकार समिति श्री विनय रोहेला ने कहा कि राज्य सरकार के प्रयासों से आपदा के दौरान होने वाले नुकसान को कम से कम किया गया है। उन्होंने कहा मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में सिल्क्यारा रेस्क्यू अभियान में हमने सफलता हासिल की है। रूद्रपुर में आई बाढ़ के दौरान भी मुख्यमंत्री जी ग्राउंड जीरो पर थे। उन्होंने बताया घनसाली में आई आपदा के दौरान भी मुख्यमंत्री धामी सीधे आपदा प्रभावितों के बीच में पहुंचे थे, जिससे प्रभावितों का मनोबल बढ़ा था। मुख्यमंत्री जी ने कुशल आपदा प्रबंधन ने राज्य को विकसित प्रदेश बनाने की ओर आगे बढ़ाया है।
सचिव, आपदा विनोद कुमार सुमन ने बताया कि यह कार्यशाला मानसून से पूर्व की तैयारियों को और मजबूत बनाने के लिए की जा रही है। उन्होंने बताया कार्यशाला में मौसम पूर्वानुमान, बाढ़ पूर्वानुमान, ईडब्ल्यूएस की निगरानी और प्रसार , भूस्खलन पूर्व चेतावनी प्रणाली, भूस्कालन जोखिम न्यूनीकरण के लिए भू-जांच की आवश्यकता, संसाधन और परिचालन संबंधी तैयारी, ग्लेशियर निगरानी, मानसून में होने वाली बीमारियों से बचाव, मार्गों पर भूस्खलन एवं बेस्ट प्रैक्टिसेज जैसे विभिन्न विषयों पर चर्चा होगी। जिसका लाभ आने वाले समय में हमारे राज्य को मिलेगा।
इस दौरान प्रमुख सचिव आर के सुधांशु, सचिव शैलेश बगौली, प्रमुख वन संरक्षक धनंजय मोहन एवं विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष और विशेषज्ञ मौजूद थे।
पूछताछ के दौरान आरोपियों ने बताया कि वे दिल्ली के करोल बाग स्थित गफ्फार मार्केट में फेरी वालों से अलग-अलग कंपनियों के पुराने या कम गुणवत्ता वाले मोबाइल फोन बहुत सस्ते दामों में खरीदते थे। इसके बाद वे इन फोनों के फर्जी बिल बनाते थे जिन पर ज्यादा कीमत अंकित करते थे। फिर वे दूर-दराज के क्षेत्रों खासकर धार्मिक स्थलों या पर्यटन स्थलों पर जाकर लोगों को अपनी झूठी मजबूरी बताते थे जैसे कि उनकी जेब कट गई है पर्स खो गया है या साथी बिछड़ गए हैं। इस बहाने वे लोगों से कम दामों में (वास्तविक बिल के सापेक्ष लेकिन खरीद मूल्य से अधिक) इन फोनों को बेच देते थे। इस तरह वे लोगों को चूना लगाकर काफी मुनाफा कमाते थे।

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अंनियंत्रित होकर उपर की सडक से नीचे की सड़क पर गिरी कार,मासूम की मौत,छह घायल

कोटद्वार।  शनिवार को  बीरोंखाल में एक कार उपर की सडक से अनियंत्रित होकर नीचे की सडक पर जा गिरी।  इस वाहन में कुल आठ लोग सवार थे। जिसमें से एक बच्चे की मौत हो गयी। वहीं छह अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। पुलिस ने मृतक बच्चे के शव को पीएम के लिए भेजा है। घायलों का उपचार किया जा रहा है।
मिली जानकारी के अनुसार, दिल्ली से रसिया महादेव के ग्राम नऊ में शादी समारोह में शामिल होने जयपुर से आ रही कार गांव पहुंचने से कुछ दूरी पर अनियंत्रित होकर ऊपर की सड़क से नीचे की सड़क पर जा गिरी। आवाज सुनकर रसिया महादेव बाजार के लोग दुर्घटना स्थल की ओर भागे व घायलों को कार से बाहर निकाला। लेकिन आठ वर्षीय बालक अभि पुत्र आशीष गुसांईं की मौके पर ही मौत हो गई।घायलों अशीष गुसांई(36), मीनाक्षी देवी(34) पत्नी आशीष गुसांई, अंशिका(20) पुत्री दान सिंहख्, ,रूची देवी(32) पत्नी संदीप पटवाल ,रूही(12) पुत्री संदीप पटवाल को उनके परिजन इलाज के लिए रामनगर ले गए। एक अन्य घायल की पहचान नहीं हो पाई है। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।
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देर रात युवकी की हुई हत्या का आरोपी गिरफ्तार
नैनीताल।  देर रात पत्थर से कुचल कर एक युवक की हत्या बेहरमी से कर दी गयी। सूचना मिलने पर पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर हत्यारोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
मिली जानकारी के अनुसार गौजाजाली निवासी एक युवक ने किसी विवाद के चलते एक व्यक्ति की पत्थर से कुचलकर बेरहमी से हत्या कर दी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार घटना रात के समय की है, जब आरोपी अनिल ने राजपुरा निवासी तरुण रावत पर अचानक हमला कर दिया। शोर सुनकर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे और तुरंत पुलिस को सूचना दी। बनभूलपुरा थाना पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए घटनास्थल पर पहुंचकर शव को कब्जे में लिया और आवश्यक कानूनी कार्रवाई शुरू की। पुलिस के मुताबिक हत्या के आरोप में आरोपी अनिल को गिरफ्तार कर लिया गया है और उससे पूछताछ की जा रही है। प्रारंभिक जांच में आपसी अंदरूनी रंजिश या विवाद की बात सामने आ रही है, हालांकि पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। घटना के बाद क्षेत्र में सनसनी फैल गई है और स्थानीय लोग भयभीत हैं।

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आईपीएस अधिकारी रचिता जुयाल ने दिया इस्तीफा,चर्चाओं का बाजार गर्म


देहरादून। उत्तराखंड में आईपीएस अधिकारी रचिता जुयाल ने निजी कारणों के चलते इस्तीफा दे दिया है। इस खबर से हर कोई हैरान है। जिस पर राज्य सरकार को निर्णय लेना है। हालांकि, आईपीएस अधिकारी के इस आवेदन पर अंतिम अनुमोदन केंद्र की तरफ से होना है। वैसे हाल ही में पुलिस विभाग के दरोगा को भी रचिता के एसपी विजिलेंस रहते ट्रैप किया गया था। जिसके बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मचा हुआ था। जिसके बाद उनके इस्तीफे को लेकर कई तरह की चर्चाएं हो रही है।
उत्तराखंड में 2015 बैच की आईपीएस अधिकारी रचिता जुयाल अपने इस्तीफा को लेकर चर्चाओं में हैं। खबर है कि रचिता जुयाल ने कुछ दिन पहले ही इस्तीफे से जुड़ा आवेदन मुख्य सचिव कार्यालय को भेजा था। इसके अलावा इसकी जानकारी पुलिस महानिदेशक को भी भेजी गई थी। हालांकि, आईपीएस रचिता जुयाल का यह फैसला किसी को समझ नहीं आ रहा है, लेकिन बताया गया है कि रचिता जुयाल ने इसके लिए पारिवारिक वजहों को कारण बताया है।
विजिलेंस में रचिता बतौर एसपी काम कर रही थीं। उनके विजिलेंस में एसपी रहते लंबे समय बाद पहली बार किसी पुलिस विभाग के दरोगा को ट्रैक किया गया था। आईएसबीटी पुलिस स्टेशन इंचार्ज को ट्रैक करने के बाद पुलिस विभाग में भी हड़कंप की स्थिति दिख रही थी। उधर भ्रष्टाचार के खिलाफ इतनी बड़ी कार्यवाही के बाद ना केवल विजिलेंस की कार्रवाई पर लोगों का भरोसा बढ़ा था बल्कि सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति भी हाथों-हाथ ली जा रही थी।
विजिलेंस में रचिता जुयाल के एसपी रहते कई कार्यवाही की गई और ऐसी स्थिति में अब अचानक रचिता का इस्तीफा देना कई सवाल खड़े कर रहा है। वैसे हाल ही में विजिलेंस विभाग में भी कुछ बदलाव किए गए थे। जिसमें एएसपी मिथिलेश कुमार का विजिलेंस से ट्रांसफर कर दिया गया था। इन दिनों विजिलेंस काफी तेजी से कम कर रही थी। लगातार कई सरकारी कर्मचारियों की धर पकड़ भी हो रही थी। ऐसे में पहले अचानक विजिलेंस की टीम में बदलाव करना और इसके बाद अब रचिता जुयाल का इस्तीफा देना हर किसी को हैरान कर रहा है।
बताया गया है कि इस संदर्भ में आईपीएस अधिकारी ने मुख्य सचिव को भी पत्र लिखा है। उन्होंने पारिवारिक कारणों के चलते इस्तीफा देने की बात कही है।
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संदिग्ध परिस्थितियों में दंपति की मौत,जांच में प्रथम दृष्टिया आत्महत्या की आशंका
देहरादून। नेहरू कॉलोनी थाना क्षेत्र में पति-पत्नी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत होने का मामला सामने आया है।  बताया जा रहा है कि पत्नी की तो घर पर ही मौत हो गई थी, जबकि पति ने उपचार के दौरान अस्पताल में अंतिम सांस ली। सूचना मिलने के बाद मौके पर पहंुची पुलिस ने दोनों मृतकों के शव को अपने कब्जे में लेकर पड़ताल शुरू कर दी है। फिल्हाल इस मामले में पुलिस को पोस्टमार्टम की रिपोर्ट का इंतजार है।
मिली जानकारी के अनुसार  अजबपुर कलां निवासी ज्योति शर्मा ने पुलिस को सूचना दी कि उनके रेलवे पटरी के पास स्थित मकान में उदयपुर राजस्थान के रहने वाले रूपेश पत्नी रेशमा के साथ बीते कुछ दिनों से किराए पर रहते थे। इससे पहले वह दीपनगर में मकान में रहते थे। दोनों एक होटल में सफाई कर्मचारी थे और अक्सर दोनों के बीच झगड़ा होता रहता था। ज्योति शर्मा ने पुलिस को बताया कि दोनों की शुक्रवार दोपहर को अचानक तबीयत खराब होने लगी थी, जिसके बाद एंबुलेंस को फोन किया तो उसके पहुंचने से पहले ही रेशमा ने दम तोड़ दिया। वहीं रूपेश को दून हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां उपचार के दौरान उसकी भी मौत हो गई। इसके बाद पुलिस जब मौके पर पहुंची तो मकान में महिला रेशमा की लाश पड़ी हुई थी। थाना नेहरू कॉलोनी प्रभारी संजीत कुमार ने बताया कि दोनों के शवों को पोस्टमॉर्टम की कार्रवाई के लिए मोर्चरी में रखवाया गया है। परिजनों के आने के बाद दोनों शवों के पोस्टमॉर्टम की कार्रवाई की जाएगी। पोस्टमॉर्टम की रिपोर्ट आने के बाद मौत के कारणों की स्थिति साफ हो पाएगी। प्रथम दृष्टया में अब तक की जांच में यही बात सामने आ रही है कि दोनों ने आत्महत्या की है। दोनों के फोन नंबर की जांच की जा रही है। साथ ही दंपत्ति जहां रहते थे और जहां काम करते थे वहां के लोगों से पूछताछ की जा रही है।
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वंदना कटारिया से मिले सीएम धामी, हरिद्वार हॉकी स्टेडियम विवाद पर लगा विराम
हरिद्वार। पिछले दिनों पहले हरिद्वार स्थित वंदना कटारिया हॉकी स्टेडियम का नाम बदले की चर्चाओं के बीच विपक्ष ने इस मामले में जमकर अपना विरोध दर्ज कराया था। जिससे सरकार की लगातार किरकिरी हो रही थी। इसके बाद अब सीएम धामी ने खुद हॉकी की स्टार खिलाड़ी वंदना कटारिया से मुलाकात की। इस मुलाकात में सीएम धामी ने उन्हें आश्वासन दिया कि हरिद्वार हॉकी स्टेडियम का नाम उन्हीं के नाम पर रहेगा।
हरिद्वार में हॉकी खिलाड़ी वंदना कटारिया ने कहा स्टेडियम का नाम बदलने की जानकारी उन्हें समाचारों के माध्यम से मिली थी। तब उन्हें बुरा लगा था। हॉकी खिलाड़ी वंदना कटारिया ने कहा कि यह उनके नाम का सवाल नहीं एक खिलाड़ी के सम्मान की बात थी। उन्होंने कहा कि  सीएम धामी से मुलाकात कर इसे लेकर हो रहे कंफ्यूजन को दूर कर दिया गया है। उन्होंने कहा हरिद्वार के वंदना कटारिया हॉकी स्टेडियम का नाम नहीं बदला जा रहा है। इसके के साथ ही वंदना कटारिया ने कांग्रेस का नाम लिए बिना कहा कि अब जबकि मुख्यमंत्री ने उनको आश्वासन दे दिया है तो वे कहना चाहती हैं कि जो लोग उनके साथ खड़े हुए, वे उन लोगो से अपील करती है कि वे धरना प्रदर्शन खत्म करें। वंदना कटारिया ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यह वादा किया है कि स्टेडियम का नाम नहीं बदलने जा रहा है।
सीएम धामी के साथ मुलाकात पर वंदना कटारिया ने कहा कि सीएम का खिलाड़ियों के प्रति एक अलग ही प्रेम है। वह खिलाड़ियों की रिस्पेक्ट करते हैं। वह खुद भी खेल प्रेमी हैं।

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दून को जल्द मिलेगी तीन नई ओटोमेटेड पार्किंग
परेडग्राउंड, तिब्बती मार्केट, कोरोनेशन में आटोमेटेड पार्किंग निर्माण कार्य अंतिम चरण में


देहरादून । देहरादून शहर में निर्माणाधीन स्मार्ट ऑटोमेटेड पार्किंग का कार्य अंतिम चरण में है। मुख्यमंत्री के निर्देश व जिलाधिकारी सविन बंसल के सतत प्रयासों से जनपद देहरादून आधुनिक सुविधायुक्त आटोमेटेड पार्किंग निर्माण कार्य युद्धस्तर पर अग्रसर है। इसी श्रृखला में शहर में शुरूआती चरण में तीन आटोमेटेड पार्किग कार्य अपने अंतिम चरण हैं। यह आधुनिक सुविधा जल्द ही आमजन को उपलब्ध होने जा रही है। इस अत्याधुनिक पार्किंग से तिब्बती मार्केट के सामने, परेड ग्राउंड, तथा कोरोनेशन अस्पताल परिसर में पार्किंग की समस्या काफी हद तक कम होगी साथ ही जनमानस को सुरक्षित व सुविधाजनक वाहन पार्किग की मिलेगी।
जिलाधिकारी की अभिनव पहल से एक ओर जहाँ कोरोनेशन अस्पताल परिसर में स्वास्थ्य सेवाओं के साथ अब भौतिक ढांचे को भी स्मार्ट बनाया जा रहा है, जिससे शहर की चिकित्सा व्यवस्था और अधिक सुव्यवस्थित हो सकेगी। वहीं शहर के बढ़ती ट्रैफिक के दृष्टिगत शहर में व्यवस्थित रूप से पार्किंग सुविधा उपलब्ध कराने में डीएम की आइडिया मील का पत्थर साबित होने जा रहा है। आधुनिकता की दौड़ में ऑटोमेटेड पार्किंग मैदानी क्षेत्रों के वाहनों की पार्किंग के लिए बढ़ावा दे रही हैं। डीएम के आईडिया की उपज ऑटोमेटेड पार्किंग, आगामी भविष्य में शहर के अन्य स्थानों पर देखने को मिलेगा। यह पार्किंग बहुत की कम स्थान पर निर्मित हो जाती है तथा इसे अनयंत्र स्थल पर भी शिफ्ट किये जाने की सुविधा रहती है।

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पहाडी से गिरे पत्थरों की चपेट में आया वाहन, दो की मौत,चार गंभीर
रूद्रप्रयाग। बीते रोज देर शाम रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे पर काकड़ागाड़ के समीप पहाड़ी से गिरे पत्थरों की चपेट में आने से एक यात्री वाहन क्षतिग्रस्त हो गया। वाहन में सवार टिहरी जिले के चालक और एक यात्री की मौत हो गई जबकि चार यात्री घायल हो गए। छत्तीसगढ़ निवासी सभी घायल यात्रियों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती किया गया। मृतक के शव का पंचनामा भरकर पीएम के लिए भेजा गया है।
शुक्रवार देर शाम गंगोत्री धाम से केदारनाथ की यात्रा पर जा रहा एक यात्री वाहन गौरीकुंड हाईवे पर काकड़ागाड़ के समीप पहाड़ी से गिरे पत्थरों की चपेट में आ गया। जब तक चालक कुछ समझ पाता एक के बाद एक गिरे भारी पत्थरों से वाहन का आगे का हिस्सा और छत क्षतिग्रस्त हो गई। पिछला टायर भी निकल गया। हादसे में वाहन चालक राजेश रावत (38) पुत्र राय सिंह रावत, निवासी लंबगांव, नई टिहरी की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं, पांच यात्री घायल हो गए। उन्हें पुलिस ने एसडीआरएफ की मदद से अस्पताल पहुंचाया। ऊखीमठ थाना प्रभारी निरीक्षक राजीव चौहान ने बताया कि यात्री छत्तीसगढ़ के रहने वाले हैं। उन्होंने टिहरी लंबगांव निवासी राजेश रावत का वाहन बुक किया था। चालक के सिर और यात्री पर पत्थर लगने से मौत हुई है। जबकि गंभीर रूप से घायल शैलेश कुमार (24) पुत्र मोहन लाल की अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई।
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