अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव के अन्तिम दिन बेलारूस, लाओत्सु, भूटान और पाकिस्तान के योग साधकों ने सहभाग किया। साथ ही थाईलैण्ड से 20 योग साधिकाओं के दल ने भी अन्तिम दिन योग महोत्सव में सहभाग किया।
50 से 60 योग साधकों के अलावा आज सभी ने परमार्थ निकेतन से विदाई ली। साधकों ने कहा कि साध्वी भगवती सरस्वती जी हमें भगिनी निवेदिता की याद दिलाती है। उनकी सादगी, भारतीय अध्यात्म की गूढ़ जानकारी, संस्कार और भारतीय संस्कारों से युक्त जीवन सभी का मागदर्शन करता है वे हमारी प्रेरणास्रोत है। वर्ष 2018 में साध्वी जी द्वारा लिखित ’’सत्संग’’ पुस्तक का लोकार्पण एवं ’’पीस’’ का चीन की भाषा में अनुवाद भी अनुपम उपलब्धि रही।
निगाहें अब उस हरामखोर को ढूंढ रही हैं
Sat Mar 10 , 2018