सनातन धर्म के प्रति आस्था रखने वाले श्रद्धालुओं से आग्रह है कि आप कलि काल मे प्रथम चरण में जीवन निर्वाह करने जारहे है यह जीवन पूर्व जन्म के पूर्वजों के पुण्य फल से प्राप्त होता है कलियुग में श्री शंकराचार्य जी को भगवान शंकर के रूप में जाना जाता है आप पुज्य शंकराचार्य जी को जिस रूप में देखेंगे उस रूप में फल प्राप्त करें। पहाड़ों की गूंज के माध्यम से श्री गुरूभगवान की सभी पर अशीम कृपा दृष्टि बनी रहे।आइए संलग्न वीडियो के माध्यम से सुने कर्ण प्रिय हृदय स्पर्शी अमृत वाणी का
अनंतविभूषित श्री जगदगुरु भगवान स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती शंकराचार्य ज्योतिर्मठ हिमालय एवं शारदा द्वारिका पीठ के श्रीमुख से श्रीमद्भागवत के ज्ञान अमृत रसपान करें। जन कल्याण के लिए शेयर कर पुण्य प्राप्त किजयेगा।