उत्तराखंड में बंद हो सकते हैं 20 पॉलीटेक्निक कॉलेज, दूसरी जगह शिफ्ट होंगे छात्र !
एक वेबसाइट के हवाले से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि उत्तराखंड में 20 पॉलीटेक्निक कलेज बंद हो सकते हैं।
उत्तराखंड में 20 पॉलीटेक्नीक कॉलेज पर बंदी की तलवार लटक रही है। कुछ में छात्र नहीं हैं, तो कुछ में शिक्षक नहीं हैं। बताया जा रहा है कि इन संस्थानों के छात्रों को दूसरे संस्थानों में शिफ्ट किया जाएगा। आपको बता दें कि उत्तराखंड में कुल मिलाकर 70 के करीब राजकीय पॉलीटेक्नीक हैं। इनके लिए हर साल प्रवेश परीक्षा होती है और उसके बाद कांउसिलिंग के जरिए इनमें दाखिले होते हैं। बताया जा रहा है कि इस बार 20 संस्थान ऐसे हैं, जिनमें संबंधित विषयों के शिक्षक नहीं हैं। इस वजह से इन संस्थानों को आस पास के संस्थानों में शिफ्ट किया जा रहा है। खबर ये भी है कि प्राविधिक शिक्षा निदेशक ने इस बारे में अपर मुख्य सचिव तकनीकी शिक्षा को प्रस्ताव भेजा है। अब शासन स्तर पर इस बारे में आखिरी मुहर लगना ही बाकी है।
जिन संस्थानों के छात्र शिफ्ट किए जाने हैं, उनके बारे में भी बताया गया है। आप भी जानिए
राजकीय पॉलिटेक्निक, जैंती, अल्मोड़ा
राजकीय पॉलिटेक्निक, मल्लासालम, अल्मोड़ा
राजकीय पॉलिटेक्निक, कांडीखाल, टिहरी
राजकीय पॉलिटेक्निक, जाखणीधार, टिहरी
राजकीय पॉलिटेक्निक, गोपेश्वर, चमोली
राजकीय पॉलिटेक्निक, गैरसैंण, चमोली
राजकीय पॉलिटेक्निक, जोशीमठ, चमोली
राजकीय पॉलिटेक्निक, चोपता, रुद्रप्रयाग
राजकीय पॉलिटेक्निक, जखोली, रुद्रप्रयाग
राजकीय पॉलिटेक्निक, कपकोट, बागेश्वर
राजकीय पॉलिटेक्निक, क्वांसी, देहरादून
राजकीय पॉलिटेक्निक, चंपावत
राजकीय पॉलिटेक्निक, पाबौ, पौड़ी
राजकीय पॉलिटेक्निक, रामनगर, नैनीताल
राजकीय पॉलिटेक्निक, बांसबगड़, पिथौरागढ़
राजकीय पॉलिटेक्निक, बेरीनाग, पिथौरागढ़
राजकीय पॉलिटेक्निक, बांस, पिथौरागढ़
राजकीय पॉलिटेक्निक, डीडीहाट, पिथौरागढ़
राजकीय पॉलिटेक्निक, पीपली, उत्तरकाशी
राजकीय पॉलिटेक्निक, बरम, पिथौरागढ़ यह सब हमारी सरकार के नुमाइंदों की आपसी तालमेल एवं जनता की परेशानियों से मुख मोड़कर अदूरदर्शिता के कारण हो रहा है यह बहुत बड़ी साजिश है उत्तराखंड के लड़कों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का है इन मे फ्री होटल मैनेजमेंट के प्रशिक्षण दिया जाता तो आज हजारों लड़के 50हजार की नोकरी पाता।ईनको बन्द करने के बजाय होटल मैनेजमेंट के लिये प्रयोग में लाया जाय।