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जिलाधिकारी ने महिला कल्याण विभाग में एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन कराया

Pahado Ki Goonj

देहरादून दिनांक 02 अगस्त 2024,  जिलाधिकारी श्रीमती सोनिका के निर्देशों के अनुपालन में आज महिला कल्याण विभाग उत्तराखण्ड के तत्वाधान एक दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित कार्यक्रम का अपर जिलाधिकारी जयभारत सिंह ने दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया।

जिला प्रोबेशन अधिकारी देहरादून ने किशोर न्याय व दिव्यांग बच्चों के साथ कार्मिकों के व्यवहार के संबंध में प्रशिक्षण कार्यक्रम में सभी बालगृहों के अधीक्षक, केयर टेकर, गृह माता तथा समस्त जिला बाल संरक्षण इकाई के कार्मिकों द्वारा प्रतिभाग किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में स्पीकर डॉ. पवन शर्मा, प्रज्ञा भारद्वाज, पुष्पापासवान व स्वास्थ्य विभाग से डॉ. राजीव कुमार दीक्षित द्वारा बालगृहों में निवासरत सामान्य व दिव्यांग बच्चों के साथ किस प्रकार का व्यवहार किया जाना है के सम्बन्ध में प्रशिक्षण दिया गया तथा बच्चों को डेंगू से बचाव व स्वच्छता के सम्बन्ध में जानकारी प्रदान की गयी।
एक द्विवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में श्रीमती मीना बिष्ट, जिला प्रोबेशन अधिकारी, देहरादून तथा उप मुख्य परिवीक्षा अधिकारी श्रीमती अंजना गुप्ता व श्री राजीव नयन एंव बाल कल्याण समिति के सदस्य भी उपस्थित थे।
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देहरादून दिनांक 02 अगस्त 2024, प0 दीनदयाल उपाध्याय चिकित्सालय में स्थित शव विच्छेदन गृह हेतु मोर्चरी कैबिनेट खराब होने की शिकायत का संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी श्रीमती सोनिका ने प0 दीनदयाल उपाध्याय चिकित्सालय को शव विच्छेदन गृह हेतु मोर्चरी कैबिनेट क्रय करने हेतु तत्काल 02 लाख रू0 की धनराशि जारी करते हुए मुख्य चिकित्साधिकारी को शीघ्र शव विच्छेदन गृह हेतु मोर्चरी कैबिनेट क्रय करने एवं सुव्यवस्था बनाए रखने के दिशा- निर्देश दिए।
ज्ञातब्य है कि प0 दीनदयाल उपाध्याय चिकित्सालय में शव विच्छेदन गृह हेतु मोर्चरी कैबिनेट बार-बार तकनीकि खराबी के कारण शवों को सुरक्षित रखने हेतु दून मेडिकल कालेज स्थानांतरित करना पड़ता है आगे पढ़ें 
देहरादून दिनांक 02 अगस्त 2024,  जिलाधिकारी श्रीमती सोनिका की अध्यक्षता में ऋषिपर्णा सभागार में जिला स्तरीय सतर्कता एवं मॉनिटिरिंग समिति की बैठक आयोजित की गई बैठक में माननीय विधायक राजपुर खजान दास एवं माननीय विधायक रायपुर उमेश शर्मा काऊ ने प्रतिभाग किया।
बैठक में अवगत कराया गया कि भारत सरकार की अधिसूचना 1995 के अुनसार अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 में वर्णित प्राविधानों के अन्तर्गत जिला स्तरीय सतर्कता एवं मॉनिटिरिंग समिति का गठन किया गया है। उक्त अधिनियम के अन्तर्गत दर्ज प्रकरण वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्यालय से ऐसे प्रकरण जिनमें एस/एसटी एक्ट लगा हो पीड़ितों को आर्थिक सहायता हेतु प्राप्त होते हैं। बताया गया कि वर्ष 2020 से अभी तक 52 प्रकरण प्राप्त हुए हैं, जिनमें सभी का निस्तारण कर लिया गया है।
लोक दृष्टि में आने वाले किसी स्थान पर जाति के नाम से गाली गलौज करना, जाति सूचक शब्दों का प्रयोग करना मारपीट करना आदि प्रकरणों 1 लाख राशि दिए जाने का प्राविधान है, प्रथम सूचना रिपोर्ट पर 25 प्रतिशत्, न्यायालय को आरोप पत्र भेज दिए जाने पर 50 प्रतिशत् तथा अभियुक्त के दोषसिद्ध किये जाने पर 25 प्रतिशत् भुगतान किये जाने का प्राविधान है।
अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति की स्त्री को लैंगिक प्रकृति के कार्य के रूप में हो उसकी सहमति के बिना उसे स्पर्श करना, स्त्री की लज्जा भंग करने के आशय उस पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग करना लैंगिक उत्पीड़न आदि में 2 लाख राहत राशि दिए जाने का प्राविधान है, जिसमें प्रथम सूचना रिपोर्ट पर 50 प्रतिशत्, न्यायालय को आरोप पत्र भेज दिए जाने पर 25 प्रतिशत् न्यायाल द्वारा विचारण के समाप्त होने पर 25 प्रतिशत् भुगतान किये जाने का प्राविधान है।
भारतीय दण्ड संहिता की धारा 376ग किसी व्यक्ति द्वारा मैथुन, बलात्कार की घटना पर 4 लाख राशि दिए जाने का प्राविधान है, चिकित्सा परीक्षा और पुष्टिकारक चिकित्सा रिपोर्ट के पश्चात 50 प्रतिशत्, न्यायालय को आरोप पत्र भेज दिए जाने पर 25 प्रतिशत् न्यायालय द्वारा विचारण के समाप्ति पर 25 प्रतिशत् भुगतान का प्राविधान है।
बालात्संग या सामूहिक बलात्संग धारा 375 की घटनाओं पर 5 लाख राशि दिए जाने का प्राविधान है, जिसमें चिकित्सा जांच और चिकित्सा पुष्टि रिपोर्ट के पश्चात 50 प्रतिशत्, न्यायालय को आरोप पत्र भेज दिए जाने पर 25 प्रतिशत् न्यायालय द्वारा विचारण के समाप्ति पर 25 प्रतिशत् भुगतान का प्राविधान है।
सामूहिक बलात्संग धारा 376 घ के प्रकरणों पर 8.25 लाख राहत राशि का प्राविधान है, जिसमें चिकित्सा पुष्टि रिपोर्ट के पश्चात 50 प्रतिशत्, न्यायालय को आरोप पत्र भेज दिए जाने पर 25 प्रतिशत् न्यायालय द्वारा विचारण के समाप्ति पर 25 प्रतिशत् भुगतान का प्राविधान है।
हत्या या मृत्यु पर 8.25 लाख राहत राशि दिए जाने का प्राविधान है, शव परीक्षा के पश्चात 50 प्रतिशत्, आरोप पत्र न्यायालय को भेजे जाने पर 50 प्रतिशत् राहत राशि दिए जाने का प्राविधान है।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी सुश्री झरना कमठान, पुलिस अधीक्षक यातायात मुकेश कुमार, प्रभारी जिला समाज कल्याण अधिकारी पुनम चमोली, क्षेत्रीय सेवायोजन अधिकारी अजय सिंह, विद्युत विभाग से बबलू सिंह, सदस्य लारेंस सिंह, सतीश कुमार अनंत प्रकाश मेहरा, एएईएमआई से संदीप कुमार उपस्थित रहे।

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