सेवा में,
खेल मंत्री /खेल सचिव /खेल निदेशक /डिप्टी कलेक्टर /जिला क्रीड़ा अधिकारी
देहरादून /उत्तरकाशी /पौड़ी गढवाल/उत्तराखंड सरकार
*विषय: खेल नीति – सुझाव एवं विकास*
सेवा मे,
महोदय, आपके द्वारा प्राप्त पत्र के अनुसार खेल नीति वर्ष 2020 हेतु सुझाव मांगे गए है इसके लिए हम आपका तह दिल से धन्यवाद, बधाई और शुभकामनायें प्रेषित करते है कि आपके द्वारा खेल नीति कैसी हो और कैसे उत्तराखंड मे खेलों का उचित विकास हो!
महोदय आपको अवगत किया जाता है कि देहरादून फुटबाल अकैडमी विगत 10 साल से उत्तराखंड का राज्य खेल फुटबाल का उचित विकास कर रही है हमारे द्वारा ग्रासरूट मे कार्य करने पर आज हज़ारों खिलाडियों, कोचों और रेफरी का उचित भविष्य बनाया गया है और किया जा रहा है जिससे हज़ारों खिलाड़ी खेल चुके है, भारतीय टीम मे खेले है और खेल रहे है सरकारी और गैर सरकारी विभाग में नौकरी कर रहे है जैसे गढ़वाल राइफल्स, कुमाऊँ रेजीमेंट, एफ सी आई, ऑन एन जी सी, बी ई जी रुडकी, गोरखा राइफल्स, ऑडिट, इंकम टेक्स्, एयर फोर्स, पब्लिक स्कूल आदि मे खेल के माध्यम से जीवन यापन कर रहे है एकेडमी के संस्थापक अध्यक्ष एवं हेड कोच, नैशनल फुटबाल कोच एवं क्लास वन रेफरी श्री विरेन्द्र सिंह रावत को उचित कार्य करने पर अभी तक भारत सरकार की विभिन्न संस्थाओं /राज्यों से 6 अंतर्राष्ट्रीय, 21 नैशनल और 20 स्टेट अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है करोडों खिलाड़ी , कोच और रेफरी विरेन्द्र सिंह रावत की खेल की गतिविधियों को करा कर सोशल मीडिया, प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से अवगत करा कर प्रोत्साहित कर रहे है हाल ही मे भारत सरकार के केंद्रीय खेल मंत्री जी श्री किरन रीजीजु को भी खेल के विकास के लिए ऑन लाइन महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए थे
महोदय हमारे द्वारा निम्नलिखित खेल के सुझाव प्रेषित किए जा रहे है कृप्या स्वीकार कर अमल मे लाने की अति कृपा करें
01. सर्वप्रथम ग्रासरूट 6 साल से 12 साल के खिलाडियों हेतु बेह्तरीन स्पोर्ट्स कोलेज /हास्टल /एकेडेमी खोली जाए जिसमें उचित ग्राउंड, खाने की उचित व्यवस्था, शिक्षा की उचित व्यवस्था अच्छी हो सरकारी और गैर सरकारी संस्था
02. कोच की फिटनेस अछि हो, अपडेट हो, physically, theorycally, practically का ज्ञान हो, अनुभवी हो, प्रत्येक खिलाड़ी को मोटीवेट करना जानता हो कोच जिस खेल का एक्सपर्ट हो उसको बारीकी का ज्ञान हो स्थाई / अस्थाई कोच होना चाहिए और कोच को 2 साल से 5 साल तक का समय देना चाहिए कि जिससे कि वो खिलाड़ी को अच्छी तरह तराश सके
03. खेल के सारे equipment होने चाहिए जो कोचिंग देने मे उपयोग हो, सुबह 5 बजे से 7 बजे तक शारीरिक फिटनेस, 11 से 1 बजे तक खेल की पड़ाई, सायं 4 बजे से 6 बजे तक प्रेक्टिकल आपस मे मैच खेलना/खिलाना, बाहरी टीम के या अन्य टीम से मैच खेलना अगर खिलाड़ी ये दिनचर्या का उपयोग करेगा तो जरूर एक दिन बेह्तरीन खिलाडी बनेगा
04. खिलाड़ी पर फिटनेस, खाना, रहना, ग्राउंड, शिक्षा अछि होगी तो जरूर बेह्तरीन खिलाडी बनेगा
05. समय समय पर प्रतियोगिता में जिला स्तर, राज्य स्तर, नैशनल स्तर और अंतर्राष्ट्रीय स्तर मे भेजना चाहिए और स्वयं भी खेल प्रतियोगिताओं को कराना चाहिए
06. उत्तराखंड सरकार केवल खेल संघ, उनको ही मान्यता दी जाए और उनको ही अर्थिक सहयोग करे जो खिलाड़ी, कोच और रेफरी का प्रत्येक वर्ष ईमानदारी से उचित विकास कर रहे है और जो पदाधिकारी कई वर्षो से विराजमान है और कोई उपलब्धियां नहीं है उनको तुरंत निकाल देना चाहिए पद से और उनको रखना चाहिए जी खेल के विकास के लिए उचित काम करे और उनको भी दो वर्ष का समय प्रदान करना चाहिए अगर अच्छा काम कर रहे तो उनको आगे 2 वर्ष आगे का मौका देना चाहिए, भ्रष्ट खेल संघों पर अंकुश लगाना होगा, बंद करना होगा अन्यथा जो 20 साल से खेल का जो हाल है वो आगे भी होता रहेगा एक छत्र राज को खत्म करना होगा उत्तराखंड के मूल् निवासी को ही खेल की बागडोर देनी चाहिए जो अनुभवी हो
07. जिस खेल की सरकारी और गैर सरकारी नौकरी मे कोई स्थान नहीं है उस खेल को बंद कर देना चाहिए
08. जो भी खिलाड़ी, कोच खेल मे राज्य स्तर, नैशनल स्तर और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त कर्ता है तो उसको अवार्ड के रूप मे कम से कम 5000 से लेकर 5 लाख तक का पुरस्कार राशी देनी चाहिए
09. जो भी खिलाड़ी प्रत्येक वर्ष नैशनल स्तर और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम और द्वितीय स्थान लाता है उसे राज्य के सरकारी विभाग मे स्पोर्ट्स कोटे के तहत 4 प्रतिशत के नियम अनुसार नौकरी मिलनी चाहिए जब खिलाड़ी का उचित भविष्य बनेगा तो आने वाले खिलाड़ी भी प्रोत्साहित होंगे और वो खिलाड़ी आने वाले नए के मन मे जुनून पैदा करेंगे और वो भी मेहनत करेंगे
10. खिलाडियों के साथ साथ कोच को भी सन्मानित और नौकरी देनी चाहिए चाहे वो खिलाड़ी और कोच प्राइवेट हो या सरकारी सभी को एक समान प्रोत्साहित करे जब प्राइवेट और सरकारी खिलाडियों मे कंपटीशन होगा तो हमे प्रतिभावाहन खिलाड़ी और कोच मिलेंगे जिससे उत्तराखंड राज्य और देश का नाम रोशन होगा
11. महोदय जो भी पूर्व के उत्तराखंड राज्य के नैशनल खेले, अंतराष्ट्रीय खेले खिलाड़ी, कोच रेफरी / एम्पायर को समय समय पर सन्मानित करना चाहिए जिससे कि आने वाली युवा पीढ़ी को ज्ञान हो कि ये भी अपने ज़माने के बेह्तरीन खिलाड़ी है
12. महोदय खेल मे जो भी रेफरी, एम्पायर होते है उनको भी चुन कर समय समय पर सम्मानित करना और रोजगार देना चाहिए क्यूंकि इनकी भी महत्वपूर्ण भागीदारी होती है खेल को खिलाने मे
13. हर खेल मे निष्पक्ष 5 सदस्यों की अनुभवी विशेषज्ञों की कमेटी होनी चाहिए जो प्रत्येक 6 माह मे मुख्य कमेटी जिसमें सरकारी और गैर सरकारी सदस्यों को रिपोर्ट प्रदान करे जिससे पारदर्शिता बनी रहेगी और जो लोग कुर्सी की चाह रखेंगे उनको भी काम करना होगा अन्यथा उनको पद से जाना होगा जिसके कारण हम खेल नीति के नियमों का सख्ती से पालन कर सकेंगे तभी हम प्रतिभावान खिलाड़ी, कोच और रेफरी का विकास होगा तभी खिलाड़ी राज्य और देश के लिए पदक लाएंगे
14. सरकार अपने खेल विभाग के स्तर को सुधारेगा तभी खेल का स्तर भी सुधरेगा साथ ही साथ जो प्राइवेट क्लब, अकैडमी जो सोसाइटी एक्ट 1860 के तहत उत्तराखंड सरकार से पंजीकृत हो उनको आर्थिक मदत प्रदान की जा सके और उनके भी अगर खिलाड़ी, कोच और रेफरी अछा काम कर रहे है तो उनको भी सन्मानित और नौकरी भी देनी चाहिए
15. 13 जिलों मे खेल कालेज /एकेडमी होनी चाहिए अगर 13 जिलों मे नही हो सकते तो सरकारी कम से कम 6 जिलों मे होने चाहिए गैर सरकारी खोलने वाले को भी प्रोत्साहित करना चाहिए, पहाड़ों मे स्पोर्ट्स स्टेडियम बनाने चाहिए, उत्तराखंड के खिलाडियों मे बहुत पोटैशियल है
16. कोई भी सरकारी कर्मचारी खेल संघों मे किसी भी पद मे नही होना चाहिए
17. उत्तराखंड / देहरादून मे 50 से 70 लगभग प्राइवेट स्कूल और इंस्टिट्यूट है जिनके पास बेह्तरीन ग्राउंड है उनका भी सदुपयोग होना चाहिए, स्कूल मे भी स्पोर्ट्स कोटा होना चाहिए जिससे कि खिलाड़ी सरकारी और गैर सरकारी स्कूल मे अपनी प्रतिभा को दिखा सके, होनहार गरीब खिलाड़ी को प्राइवेट स्कूल मे फ्री रहना खाना पड़ाई होनी चाहिए
18. उत्तराखंड मे अधिक से नैशनल और इंटरनेशनल मैच होने चाहिए
19. 4% स्पोर्ट्स कोटा होना चाहिए राज्य के समस्त सरकारी विभाग मे, होनहार खिलाडी कोच और रेफरी को नौकरी मिले
20. सरकारी नौकरी लगने के बाद भी खिलाड़ी को कम से कम पांच साल उस विभाग के लिए खेले और पदक भी लाए अगर वो सरकारी नौकरी पाते ही खेलना छोड़ दे तो उसको चेतावनी दे, प्रदर्शन नहीं कर्ता है तो उसको नौकरी से भी निकाला जा सकता है
21. खेल नीति इतनी अच्छी और मजबूत हो कि कम से कम 25 साल तक कोई भी सरकार आए उसे परिवर्तन ना कर सके और उसी नियम के तहत राज्य और देश मे खेल का उचित विकास कर सके
22. महोदय आप हमारी खेल की गतिविधियों को देहरादून फुटबाल अकैडमी की फेसबुक मे, विरेन्द्र सिंह रावत, उत्तराखंड फुटबाल रेफरी एसोसिएशन ( वर्तमान सचिव), उत्तराखंड सुपर लीग ( संस्थापक / टेक्निकल डायरेक्टर) एवं यूट्यूब मे देहरादून फुटबाल अकैडमी और उत्तराखंड फुटबॉल के नाम से देख सकते है, पूरे भारत वर्ष मे देहरादून फुटबाल अकैडमी ने एक अलग ही पहचान बनाई है और साथ ही साथ विरेन्द्र सिंह रावत को अनगिनत अंतराष्ट्रीय, राष्ट्रीय और स्टेट अवार्ड मिल चुके है हम इंस्टाग्राम/ वटसअप/ट्विटर /प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से प्रचार प्रसार कर रहे है
विरेन्द्र सिंह रावत के प्रशिक्षित खिलाड़ी उत्तराखंड से एक मात्र फ़ीफा वर्ल्ड कप 2017 अंडर 17 खेला और वर्तमान मे भारतीय टीम मे खेल रहा है जिसका नाम जितेंद्र सिंह है और जितेंद्र सिंह ने नैशनल स्तर पर गोल्ड मेडल जीते है और दो खिलाड़ी 2013 मे अंतर्राष्ट्रीय फुटबाल प्रतियोगिता मे गोल्ड मेडलिस्ट है अनिरुद्ध थापा, दीपेन्द्र सिंह नेगी वो भी वर्तमान मे भारतीय टीम मे खेल रहे हैं साथ ही साथ नैशनल प्रतियोगिता मे भी गोल्ड मेडल जीता है
23. सरकार अगर ईमानदार अकैडमी और क्लब को आर्थिक सहयोग प्रदान करे तो उत्तराखंड की टीम प्रत्येक उम्र मे इंडियन फुटबाल लीग / इंडियन सुपर लीग / नैशनल स्तर पर खेलकर अपना और राज्य का नाम रोशन करेगे जिससे खिलाड़ी भी पलायन नहीं करेंगे अन्य राज्यों की ओर
24. देहरादून फुटबाल अकैडमी के हेड कोच के द्वारा अभी 10 सालो मे जिला स्तर, स्कूल स्तर, राज्य स्तर, ऑल इंडिया स्तर, नैशनल स्तर की फुटबाल प्रतियोगिता अंडर 12/15/17/19 और ओपन स्तर की बालक बालिकाओं की प्रतियोगिता जिसमें चैलेंज कप, दून कप, उत्तराखंड आंदोलनकारी शहीद मेमोरियल, गढ़ यूथ कप, भारत की प्रसिद्ध उत्तराखंड सुपर लीग जिसमें पूरे भारत और विश्व से फेमस खिलाड़ीयों ने प्रतिभाग किया था करायी गयी और करायी जा रही है और साथ ही साथ होनहार खिलाडियों, कोचों और रेफरीयों उत्तराखंड फुटबाल रत्न अवार्ड से भी सम्मानित किया जा रहा है
25. कोरोना महामारी के दौरान 15 मार्च 2020 से अभी तक समस्त खिलाडियों, कोचों और रेफरीयों को फ्री ऑन लाइन कोचिंग दे कर प्रोत्साहित कर रहे है और सभी को स्वस्थ रहे, मस्त रहे, फिट रहे, व्यस्त रहे, नशे से दूर रहे, हसते रहे, तनाव से मुक्त रहे, सोशल डिस्टेंस, मास्क के उपयोग, साकारात्मक सोच के साथ अपना और देश हित मे मह्त्वपूर्ण योगदान प्रदान कर रहे है
26. महोदय देहरादून फुटबाल अकैडमी की शाखा उत्तरकाशी जिले मे स्थित यूथ फुटबाल अकैडमी उत्तरकाशी के कोच प्रकाश रोनी और सदस्य की देख रेख मे चल रही है और पौड़ी गढ़वाल जिले मे रवि रावत गरीब खिलाडियों को निशुल्क प्रशिक्षण दे रहे है विगत 5 साल से और देहरादून मे दो शाखाएं विगत 10 बर्षों से ग्रासरूट खिलाडियों को सहायक कोच प्रवीन रावत, दिलबर सिंह बिष्ट, अमित कांत, अमन ज़ख्मोंला, मित्रानंद कोचिंग देकर तैयार कर रहे है
महोदय हमारे उपरोक्त बिन्दुवार एक से 26 बिंदुओं पर अम्ल किया जाए और एक अच्छी कमेटी ईमानदार बनाई जाए तो एक दिन उत्तराखंड राज्य खेल का हब बन जाएगा जो सन 1950 से लेकर 1990 के दशक मे था का दौर वापस आ जाएगा
तह दिल से धन्यवाद जी
निवेदन कर्ता
विरेन्द्र सिंह रावत
अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय और स्टेट अवार्ड से सम्मानित
देहरादून फुटबाल अकैडमी
संस्थापक अध्यक्ष/हेड कोच
खेल के विकास के लिए जीवन समर्पित
9319895526
dfauttarakhand@gmail.com