आज का दिन लोकतंत्र के लिए अलग अलग नजर से देखा जा सकता है।
देश मे विकास के नाम पर बड़ो का होरहा है। चुनाव के नतीजे से बुरा तो लोकतंत्र के लिए होगा ही जब सट्टा बाजार को एग्जट पोल का काम सरकार द्वारा दिया गया है।
शहीदों के बलिदान से प्राप्त आजादी के मूल्य तार तार करने के लिए सविधान की प्रति फाड़ी जारही है । उन पर कार्यवाही नहीं कर रहे हैं।कुपोषण, भूखे प्यासे लोगों की संख्या आधा आवादी है।सरकार मोन है तो लोकतंत्र का क्या हाल करेंगे यह चिंता का विषयहै ।यह सबकी निगाहें में नहीं है। इतने सारे कारणों से बस सबसे बड़ी चिंता के लिए देश की आजादी के आँसू आना स्वाभाविक है। जय लोकतंत्र आजादी के शहीद अमर रहे।जय हिंद की सुरक्षा के लिए भगत सिंह तैयार रहें। शेयर ज्यादा से ज्यादा करें