राज्यपाल ने देहरादून में 14 डोगरा बटालियन के प्लेटिनम जुबली समारोह में किया प्रतिभाग।
*राजभवन देहरादून 22 मार्च, 2025*
,राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने शनिवार को देहरादून में 14 डोगरा बटालियन के प्लेटिनम जुबली समारोह में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया।
इस अवसर पर राज्यपाल ने बटालियन के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस ऐतिहासिक समारोह में 14 डोगरा के 80 सेवानिवृत्त अधिकारी, 350 सेवानिवृत्त जूनियर कमीशन अधिकारी (जेसीओ) और 500 सेवानिवृत्त अन्य पद ने भाग लिया। इस अवसर पर ले. जनरल अरविन्द दत्ता (से नि), ले. जनरल जसबीर सिंह (से नि), ले. जनरल एम एस डडवाल (से नि), मेजर जनरल संजय हुड्डा और सूबेदार मेजर एवं मानद कैप्टन मनोहर लाल (से नि) उपस्थित रहे।
राज्यपाल ने उपस्थित जवानों को संबोधित करते हुए सेवारत सैनिकों की प्रतिबद्धता, निस्वार्थ समर्पण और सेवा की सराहना की और पूर्व सैनिकों के योगदान की प्रशंसा की। वर्तमान में देहरादून में दूसरी बार तैनात यह बटालियन उत्तराखण्ड में तीन बार कार्यरत रही है, जिसमें अक्टूबर 2021 में नैनीताल जिले में बाढ़ राहत अभियान ‘ऑपरेशन राहत’ में भागीदारी भी शामिल है।
राज्यपाल ने कहा कि 14 डोगरा बटालियन भारतीय सेना की उस महान परंपरा का प्रतीक है, जो राष्ट्र सेवा और मातृभूमि की रक्षा के प्रति पूर्ण समर्पण भाव दर्शाती है। यह बटालियन न केवल सीमाओं की सुरक्षा में तत्पर रही है, बल्कि आतंकवाद विरोधी अभियानों और राष्ट्रीय आपदाओं में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती आई है। उन्होंने कहा कि 75 वर्षों को पूरा करने के बाद, आज भी 14 डोगरा बटालियन हमारे महान देश की सेवा में उत्कृष्टता और निस्वार्थ सेवा की ओर अग्रसर है।
राज्यपाल ने 14 डोगरा के अद्वितीय सैन्य इतिहास की सराहना करते हुए कहा, डोगरा बटालियन की वीरता और बलिदान की गाथाएं भारतीय सेना के स्वर्णिम इतिहास में अमर है। उन्होंने कहा कि इस बटालियन ने खेल और साहसिक गतिविधियों में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है, जिससे सेना के गौरव को नई ऊंचाइयां मिली हैं।
इस समारोह के अवसर पर राज्यपाल ने सेना डाक सेवा कोर द्वारा 14 डोगरा बटालियन स्पेशल डे कवर का विमोचन किया तथा बटालियन को स्मृति चिन्ह भेंट किया। कर्नल मयंक माथुर, कमांडिंग ऑफिसर ने भी राज्यपाल को सम्मान स्वरूप 14 डोगरा बटालियन का स्मृति चिन्ह भेंट किया।
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*राजभवन देहरादून 22 मार्च, 2025
, शनिवार को राजभवन में बिहार राज्य स्थापना दिवस मनाया गया।
इस अवसर पर उत्तराखण्ड में रह रहे बिहार के निवासियों सहित यहां कार्यरत शासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने स्थापना दिवस कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर बिहारी महासभा ने बिहार की संस्कृति पर आधारित छठ पर्व गायन, भोजपुरी गायन और मैथलीगीत सहित अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए।
इस अवसर पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने सभी उपस्थित लोगों को राज्य स्थापना दिवस की बधाई और शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि यह दिवस बिहार के समृद्ध इतिहास, सांस्कृतिक विरासत, परंपराओं और गौरवशाली धरोहर को आत्मसात करने का अवसर प्रदान करता है। राज्यपाल ने कहा कि बिहार राज्य महान सम्राटों, विद्वानों और संतों की जन्मस्थली रहा है। मौर्य, गुप्त और पाल वंशों ने इस धरती पर शासन कर भारतीय सभ्यता को समृद्ध किया। नालंदा और विक्रमशिला विश्वविद्यालयों ने प्राचीन भारत को विश्वगुरु की उपाधि दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
राज्यपाल ने कहा कि बिहार की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और लोक परंपराएं देश के सांस्कृतिक ताने-बाने को मजबूत बनाती हैं। छठ पूजा बिहार की लोक आस्था का प्रतीक है, जो पूरे देश में श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि विभिन्न राज्यों के स्थापना दिवसों को मनाने की परंपरा से राज्यों के बीच की एकता और सहयोग की भावना और प्रगाढ़ होती है। उन्होंने कहा कि हमारी विविधता ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है। जब हम एक-दूसरे की संस्कृति, परंपराओं और विरासत को जानने और सम्मान देने लगते हैं, तब ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना सशक्त होती है।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन, विशेष प्रमुख सचिव अमित कुमार सिन्हा, सचिव डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा, अपर सचिव श्री राज्यपाल स्वाति एस. भदौरिया, अपर सचिव गृह निवेदिता कुकरेती, बिहारी महासभा के अध्यक्ष श्री ललन सिंह, सचिव श्री चंदन कुमार झा, कोषाध्यक्ष श्री रितेश कुमार, डॉ. राम विनय सिंह सहित अन्य लोग मौजूद रहे।