देश पत्रकार संघठन कई है उनमे से वर्किंग जर्नालीष्ट ऑफ़ इण्डिया नामक संघठन में नरेंद्र सिंह भंडारी जी राष्ट्रीय महा सचिव है। मान्यवर जी आपको जानकर दुःख होरहा होगा कि पत्रकार साथियों अछूत की श्रेणी में समझते है। निचे से फोटो खींचो और कलम घिसो,। हम अपने जान पहिचान के बड़े लोगों के छत्र छाए में हम अपने और साथियों क़ो हितों की अनदेखी कर, हम लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ के हत्यारे हम होने जा रहे,कि हो गये। यह सिलसीला काफ़ी वर्षो से देखते हुए हम ने अपनी जड़े खोखली कर दी है। कोई पत्रकार बड़े नेताओं, संस्थान, अधिकारी की तारीफ अपना जीवन सुखमय बना रहे है।जिसके उदाहरण, परिणाम हमें कोरोना काल में राष्ट्रीय आपदा में कंधे मिलाकर सरकार के कर्यक्रम को सफल बनाने में अपनी जीवन लीला समाप्त कर दी है। वर्ष 2020 -2021 महामारी में 350 पत्रकार कोरोना में मर गये उनको अन्य सरकारी लोगों की भांति अनुग्रह राशि नहीं दी गईं। सरकार ने उन्ही के हाल पर उनके परिवार क़ो छोड़ कर अपना कर्तव्य से पला झाड़ दिया। चौथे पिलर के साथियों क़ो अनुग्रह राशि दिलाने के लिए हमारे देश में लाखों पत्रकार, न्यूज पेपर, न्यूज पोर्टल,यूट्यूब चैनल, हजारों टीवी चैनल से जुड़े पत्रकारों ने कोई ठोस पहल नहीं की है। इसके लिए हमने आपात काल में धरना प्रदर्शन पर रोक लगी होने के बाबजूद अपने निजी ऐतिहासिक आवास लिखवार गांव प्रतापनगर टिहरी गढ़वाल ( इसके निर्माण में देश की 208 पवित्र नदियों की रेत बालू का प्रयोग किया गया है और इसके ऊपर लिया गया निर्णय पर अवश्य कार्यवाही होती है )में 29 मई 2021से 5 जून 2021तक मोन व्रत,धरना, प्रदर्शन किया पत्रकारों क़ो संवैधानिक अधिकार देने के लिए की गईं मांग की खबर पहाड़ों की गूँज राष्ट्रीय साप्ताहिक समचार पत्र देहरादून में प्रकाशित होने के बाद खबर का संज्ञान 21 सितंबर20 21 क़ो मा सुप्रीम कोर्ट ने लिया। 23 नवंबर क़ो तारीख के की जनकारी कोई लेना नहीं चाहते। उसके बाद 9 दिसम्बर 2021 क़ो अमेरिका के राष्ट्रपति जी द्वारा 110 राष्ट्र प्रमुख के वर्चुवल सम्मलेन में प्रधानमंत्री मोदीजी ने देश का सच बोला कि मिडिया क़ो मज़बूत करने के लिए इनको और अधिकार देना चाहते है।
इस कार्यक्रम के साथ साथ पत्रकारों के हित की लड़ाई लड़ कर किये गये संघर्ष के अल्प प्रयास की फाइल फोटो आगे देखें।
इस सहायता को दिलाने के वास्ते कोई साथी आगे आने के लिए साहस नहीं कर पा रहे है। अब हम साधन होने पर प्रत्येक राज्य में जायेंगे. साधन नहीं होने पर पद यात्रा करके अपनी बात देश दुनिया को स्व धर्म निभाने के लिए कार्य करते जा येंगे. उत्तर प्रदेश में रहते हुए अपने पिछड़े होने के चलते आरक्षण दिलाने के लिए सन 1991 में हमने प्रतापनगर टिहरी गढ़वाल के फिकवाल लोगों को उनकी वास्तविक पहचान गंगाजल कलश की कांवड़ में गंगाजल बेचने के अधिकार के साथ साथ बैकवर्ड घोषित करने के लिए “गंगोत्री से दिल्ली तक विश्व में प्रथम सद्भवना पद यात्रा , साल दर साल करते आये। 23 साल के आंदोलन के सफऱ तय करते रहे ।उसके बाद 2015 -2016 हमें उत्तराखंड की राज्य सरकार ने वैकवर्ड घोषित किया।
आंदोलन हाथी होता है उसे विमार पड़ने पर भी हिलाते दुलाते रहना चाहिए वह बैठ गया तो फिर उठ नहीं पाता है। नए अभिनव भले कार्य करने के आंदोलन में कठिनाई बहुत आती है। मिडिया को संवैधानिक अधिकार दिलाने के लक्ष्य को सफल बनाये रखने के लिए हमें बहुत बड़ी सफलता मिली है। कि आपकी बात को देश के लोक प्रिय प्रधानमंत्री जी ने अंतराष्ट्रीय मंच पर वर्चुवल सम्मेलन में देश का सच बोला है। इसको गोदी मिडिया बनाने वाले पत्रकारिता करने वालों साथियों के गले नहीं उत्तर रही है। इसी प्रकार के कार्य करने से आपकी शाख गिर रही है।
इस कारण से हैरानी हो रही है कि लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ के लिए हैरानी की बात है देश के संघठन के महा सचिव मा o नरेंद्र सिंह भंडारी जी ने यह पोस्ट डाली है।इस से पता लगता है कि सफाई कर्मी संघठन की बात सुनी जाती है और प्रेस लोकतंत्र चौथे स्तम्भ वालों की बात को सुनने वाला कोई नहीं है।क्योंकि सभी नेताओं के गोदी मिडिया हो गये है। अपने तक सिमित दायरा होगया है। भंडारी जी की पत्रकारों के हित में डाली गईं पोष्ट को किसी संघठन ने उठाया है तो हमें व्ट्सप no 7983825336 भेजदीजिएगा। आपको बताने में ख़ुशी हो रही है कि
हम यह सब जान रहे है कि पहाड़ों की गूँज के संपादक के धरना प्रदर्शन के बाद देश के लोक प्रिय प्रधानमंत्री जी ने विश्व मंच पर आपको ताकत देने की बात कही है। और आपके संघठन अपने अहंकार में चकना चूर होकर साथ देने के लिए इच्छा शक्ति का विकास नहीं कर पा रहे है। सबका जमीर मर गया लगता है।समय नहीं दे पा रहे है। इस समय नरेंद्र सिंह भंडारी राष्ट्रीय महा सचिव की पोस्ट करने को हम हल्के में लेना दुःखद है। हम छोटी खबर को भी खबर हेड लाइन में बना कर भेजते है तो अपने हित की खबर भेजनें में क्यों शर्म आती है। हम नैतिकता में इतने नीचे गिर गये है कि हम अपने साथियों के अच्छे कार्यक्रम को अपने अख़बार, न्यूज पोर्टल, टीवी चैनल में स्थान नहीं दे रहे है। जबकि अच्छे काम में साथ देने के लिए पहले बोलो हमें संवैधानिक अधिकार दो।रोज बोलो,बोल नहीं सकते तो लिखो, लिख नहीं सकते तो आर्थिक सहयोग दो। सहयोग भी नहीं कर सकते है तो करने वालों का मनोबल बढ़ाने के लिए और लोगों से बोलो। लोगों से बोल भी नहीं सकते तो कमसे कम करने वालों का मनोबल मत गिराओ क्योंकि ये सभी देश व आपकी भलाई के लिए अपना अमूल्य धन का सदोपयोग कर रहे है।
हमारी कोम के राष्ट्रीय महासचिव वरिष्ठ पत्रकार नरेंद्र सिंह भंडारी ने निम्न को पोष्ट को wji गुरुप में पोष्ट किया है अपनी बेइज्जती हम जनता की गाड़िकामाई से जनता की सेवा करने के लिए वेतन पाने वालों को देख रहे है।
और हम मोन है??
पोस्ट अच्छी लगी है पुन : मंत्री परिषद मंच तक प्रत्येक सांसद की संस्तुति कराने तक पहुंच ने के लिए आर्थिक सहयोग कीजियेगा कहते हैं
हाथी के पाँव में सबके पाँव
सभी समस्यों का समाधान होगा सभी को संवैधानिक अधिकार दिलाने से ही होगा।पहले बोलो हमें संवैधानिक अधिकार दो।रोज बोलो,बोल नहीं सकते तो लिखो, लिख नहीं सकते तो सहयोग दो। सहयोग भी नहीं कर सकते है तो करने वालों का मनोबल बढ़ाने के लिए और लोगों से बोलो. लोगों से बोल भी नहीं सकते तो कमसे कम करने वालों का मनोबल मत गिराओ क्योंकि ये सभी देश व आपकी भलाई के लिए अपना अमूल्य धन का सदोपयोग कर रहे है।कोरोना काल में कुछ मरने वालों का शिला पट पर नाम नॉएडा उत्तर प्रदेश दिल्ली में लगा है। मिडिया को संवैधानिक अधिकार दिलाने के लक्ष्य को सफल बनाये रखने के लिए हमें बहुत बड़ी सफलता मिली है। कि आपकी बात को देश के लोक प्रिय प्रधानमंत्री मोदी जी ने अंतराष्ट्रीय मंच पर वर्चुवल सम्मेलन में देश का सच बोला है। आदि शंकराचार्य ज्योतिर्मठ अविमुकतेश्वरनंद जी का आंदोलन को सफल बनाने के लिए समर्थन एवं शुभकामनायें आशीर्वाद पत्र हरिद्वार में पत्रकार महाकुम्भ में प्रतिभाग करने वाले महान भाव चुनाव अचार सहिता की सम्भावना वजह से 6 जनवरी24 को करना पड़ा अल्प साधन में बहुत बड़ी सफलता मिली अंतराष्ट्रीय मंच पर पत्रकारों ने सरहना कर हमारा मनोबल लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए बढ़ाया उनको कोटि कोटि नमन करते है आगे बढ़ते है
जय लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ. जय पत्रकार 🌹👏
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पशुपालन एवं डेरी विकास की योजनायें बने जीएसडीपी में वृद्धि के आधार*
*योजनाओं के सफल क्रियान्वयन में नवाचार पर दिया जाए ध्यान-मुख्यमंत्री*
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को सचिवालय में पशुपालन, डेरी विकास, मत्स्य पालन और गन्ना विकास विभाग की समीक्षा की। बैठक के दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि पशुपालन और डेरी विकास के क्षेत्र में आगामी 03 वर्षों में सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) में योगदान 03 प्रतिशत से बढ़ाकर 05 प्रतिशत करने की दिशा में कार्य किये जाएं। इसके लिए उन्होंने स्थानीय उत्पादों को तेजी से बढ़ावा दिये जाने पर भी बल दिया। उन्होंने पशुपालन और डेरी विकास के क्षेत्र में जीएसडीपी में वृद्धि के लिए आवश्यक संसाधनों का पूरा एक्शन प्लान तैयार कर प्रस्तुत करने के साथ प्रत्येक जनपद में एक-एक मॉडल पशु चिकित्सालय बनाए जाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के साथ नवाचार की दिशा में विशेष ध्यान दिया जाए। योजनाओं को और अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में कार्य किया जाए, जिससे स्थानीय स्तर पर लोगों की आजीविका में वृद्धि हो और पलायन भी रूके। डेरी विकास तथा पशुपालन के क्षेत्र में राज्य की आर्थिकी में सुधार के लिये अन्य प्रदेशों से आयातित दूध व दुग्ध उत्पादों, पोलट्री उत्पादों की निर्भरता को कम किया जाए। गोट वैली, कुक्कुट वैली और ब्रायलर फार्म की स्थापना राज्य में पशुपालकों की आय को बढ़ाने में सहायक सिद्ध हुई है। इस योजनाओं को और तेजी से बढ़ावा दिया जाए।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि राज्य में डेरी विकास के लिए दुग्ध उत्पादन में वृद्धि के साथ ही विभिन्न दुग्ध उत्पादों को बढ़ावा देने की दिशा में तेजी से कार्य किया जाए। दुग्ध उत्पादन से लाभकारी आय के लिए इनपुट प्रोडक्सन एवं डिलीवरी सिस्टम को सुदृढ़ बनाया जाए। एफ.पी.ओ के माध्यम से किसानों को उन्नत किस्म के चारा बीज उपलब्ध कराने और हरा एवं सूखा चारा उत्पादन के लिए प्रोत्साहित किये जाने के साथ राज्य में अधिक से अधिक दुग्ध उत्पादक सेवा केन्द्र स्थापित किये जाने के भी निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये।
*राज्य में मछली की खपत के अनुरूप हो उत्पादन- मुख्यमंत्री*
मत्स्य विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि पर्वतीय क्षेत्रों में ट्राउट फिश के उत्पादन को तेजी से बढ़ावा दिया जाए। इनकी बिक्री के लिए भी उचित प्रबंध किये जाएं। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना का मत्स्य पालकों को अधिक से अधिक लाभ मिले। राज्य में मत्स्य पालन को और तेजी से बढ़ावा देने के लिए विभाग द्वारा लक्ष्य तय किये जाएं, लक्ष्यों को फोकस करते हुए समयबद्धता के साथ आगे कार्य किये जाएं। राज्य में मछली की खपत के अनुरूप उत्पादन हो इस दिशा में भी तेजी से प्रयास किये जाएं। मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना से भी अधिक से अधिक मत्स्य पालकों को जोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि तालाबों के निर्माण से उनमें मत्स्य पालन को बढ़ावा दिया जा सकता है, वहीं जल संरक्षण की दिशा में भी यह सहायक सिद्ध होंगे। उन्होंने कहा कि कलस्टर बनाकर तालाबों का निर्माण किया जाए और उनके माध्यम से मत्स्य पालन को बढ़ावा दिया जाए।
*गन्ना मिलों के आधुनिकीकरण, दक्षता और क्षमता में वृद्धि की दिषा में किये जाए कार्य-मुख्यमंत्री*
गन्ना विकास विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि गन्ना मिलों को घाटे से उबारा जाए। गन्ना मिलों के आधुनिकीकरण, दक्षता और क्षमता में वृद्धि की दिशा में कार्य किये जाएं। राज्य में गन्ना बीज बदलाव, जीपीएस के माध्यम से गन्ना सर्वेक्षण का कार्य तथा प्रदेश में जैविक गन्ना उत्पादन को बढ़ावा देने के लक्ष्य जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए हैं। यह सुनिश्चित किया जाए कि किसानों को गन्ना मूल्य का भुगतान समय पर हो।
कैबिनेट मंत्री श्री सौरभ बहुगुणा ने बताया कि पशु स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण के लिए वृहद् स्तर पर पशुओं का टीकाकरण का अभियान चलाया जा रहा है। मोबाईल वैटिनरी यूनिट के माध्यम से पशुपालकों के द्वार पर पशुचिकित्सा संबंधी सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। मुख्यमंत्री राज्य पशुधन मिशन के तहत इस वर्ष डेरी विकास के अन्तर्गत 3385 दुधारू पशुओं के क्रय के लिए 611 परिवारों को दुग्ध व्यवसाय से जोड़ने तथा 4943 पशुपालकों को बकरी व कुक्कुट पालन का लक्ष्य रखा है। पर्वतीय क्षेत्रों में साइलेज, चारा फीड ब्लाक की सुगमता से उपलब्ध होने के कारण महिलाओं के बोझ को कम किया गया है। पशुपालन से संबधित कार्यों में महिलाओं की भागीदारी 30 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत किये जाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि पिछले 03 वर्षों में दुग्ध उपार्जन, संतुलित पशु आहार एवं साईलेज विक्रय में वृद्धि हुई है। गोट वैली से राज्य में डेढ़ साल में 3027 पशुपालकों को लाभ मिला है, जिसमें 37 प्रतिशत महिलाएं शामिल हैं। राज्य में कुक्कुट की 2622 ईकाई स्थापित हैं इस वर्ष 01 हजार और ईकाई स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है।
बैठक में मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव श्री आर. के सुधांशु, सचिव डॉ. बी.वी.आर. सी. पुरूषोत्तम, विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते, अपर सचिव श्री विजय जोगदंडे, नियोजन विभाग से श्री मनोज पंत और संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
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सहकारिता की जन कल्याणकारी योजनायें बने गेम चेंजर*
*योजनाओं के क्रियान्वयन में हो विज्ञान एवं तकनीकि का उपयोग-मुख्यमंत्री*
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को सचिवालय में सहकारिता विभाग की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिये कि लंबे समय से संचालित योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के लिए इस दिशा में सुधारत्मक प्रयास की दिशा में कार्य किये जाएं। इन योजनाओं से लाभार्थियों को कितना फायदा हुआ और योजनाओं को और प्रभावी बनाने के लिए और क्या विशेष नवाचार किये जा सकते हैं, इस दिशा में नियोजन विभाग के सहयोग से कार्य किया जाए। राज्य सरकार की विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं को गेम चेंजर बनाने की दिशा में कार्य किये जाने पर भी उन्होंने बल दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सहकारिता विभाग द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के तहत स्वयं सहायता समूहों को प्रदान किये जा रहे ऋण की धनराशि की सीमा में वृद्धि की आवश्यकता के दृष्टिगत प्रस्ताव लाया जाए। स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार किए जा रहे उत्पादों को बेहतर बाजार मिले, इसके लिए सप्लाई चेन को प्रभावी बनाया जाए। उन्होंने कहा सहकारिता विभाग संबधित विभागों से भी समन्वय स्थापित कर योजनाओं को आगे बढ़ाये। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में बंजर भूमि चिन्हित कर विभिन्न क्लस्टरों के माध्यम से उसे खेती योग्य बनाने के प्रयास किये जाए। ग्रामीण क्षेत्रों में आधुनिक तकनीक और पारम्परिक पद्धतियों के माध्यम से कृषि उत्पादन में वृद्धि की जाए। मुख्यमंत्री ने क्लस्टरों में मिल्लेट्स, सब्जियां, दालें, फल, औषधीय और सुगंधित पौधों फसलों, चारा फसलों और कृषि पर्यटन को बढ़ावा देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा हमारा उद्देश्य स्थानीय समुदाय को आजीविका के अवसर प्रदान कर, रिवर्स माइग्रेशन को बढ़ावा देना है। सहकारिता से मिलेट्स उत्पादों को और अधिक बढ़ावा मिले, इसके भी पयास किये जाएं।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को विभिन्न जनपदों में चयनित क्लस्टरों की संख्या में वृद्धि के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना के अंतर्गत मत्स्य पालन, मौन पालन, मशरूम उत्पादन के निर्धारित लक्ष्यों को बढ़ाया दिया जाए। विभिन्न परियोजनाओ में विज्ञान और प्रौद्योगिकी की नवीन तकनीकियो का अधिक से अधिक उपयोग किया जाए।
सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि दीन दयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य सरकार द्वारा 85 करोड की ब्याज प्रतिपूर्ति का बजटीय प्राविधान किया गया है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में लगभग 1,90,000 सहकारी सदस्यों को 1300 करोड़ रूपये का ब्याज रहित ऋण वितरण का लक्ष्य रखा गया है। योजना के अन्तर्गत अभी तक कुल 960510 लाभार्थियों एवं 5339 स्वयं सहायता समूहों को कुल 5621.25 करोड रूपये़ का ऋण वितरित किया जा चुका है। राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना से 50 हजार से अधिक किसान प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित हो रहे हैं। इसके तहत जैविक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है।
बैठक में मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव श्री आनंद बर्धन, प्रमुख सचिव श्री आर. के सुधांशु, विशेष प्रमुख सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते, निबंधक सहकारिता श्री आलोक कुमार पाण्डेय एवं सहकारिता विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।आगे पढ़ें
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से बुधवार को सचिवालय में उत्तराखण्ड त्रिस्तरीय पंचायत संगठन के सदस्यों ने भेंट की। उन्होंने एक राज्य एक पंचायत चुनाव से संबंधित ज्ञापन मुख्यमंत्री को सौंपा।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री श्री सतपाल महाराज सहित जिला पंचायत अध्यक्ष संगठन, जिला पंचायत सदस्य संगठन तथा ग्राम प्रधान संगठन के पदाधिकारी उपस्थित थे।आगे पढ़ें
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में संचालित कोचिंग सेंटरो की गहनता से जांच के निर्देश दिये है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोचिंग सेंटरों में अध्यनरत छात्रों एवं अध्यापकों आदि के लिए की गई व्यवस्थाओं का भी स्थलीय निरीक्षण किया जाए। उन्होंने इसके लिए प्रदेश व्यापी अभियान संचालित करने के भी निर्देश मुख्य सचिव को दिये है। कोचिंग सेंटरों में पार्किंग व्यवस्था तथा आसपास यातायात की सुगमता पर भी ध्यान दिये जाने की बात मुख्यमंत्री ने कही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में भारी वर्षा के दृष्टिगत जल भराव होने की सम्भावना रहती है। अतः ऐसी स्थिति में किसी भी प्रकार की आपदा के त्वरित निराकरण हेतु राज्य में संचालित विभिन्न कोचिंग सेन्टर एवं ऐसे भवन जिनके बेसमेन्ट में विभिन्न प्रकार की मानवीय गतिविधियां संचालित हो रही हैं की तत्परता तथा प्राथमिकता के साथ जाँच कर उनमें सुधारात्मक कार्यवाही की जाए ताकि किसी प्रकार के जान-माल के नुकसान से बचा जा सके।
मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को राज्य में संचालित विभिन्न कोचिंग सेन्टर एवं ऐसे भवन जिनके बेसमेन्ट में विभिन्न प्रकार की मानवीय गतिविधियां संचालित हो रही हैं, की जाँच के निर्देश दिए है। इस संबंध में जारी निर्देश में मुख्य सचिव ने कहा है कि मानसून के दौरान अतिवृष्टि के कारण नई दिल्ली के एक प्रतिष्ठित कोचिंग सेन्टर के बेसमेन्ट में जलभराव की स्थिति के कारण हुई अप्रिय घटना के दृष्टिगत उत्तराखण्ड में संचालित विभिन्न कोचिंग सेन्टर एवं ऐसे भवन जिनके बेसमेन्ट में विभिन्न प्रकार की मानवीय गतिविधियों संचालित हो रही हैं, की जॉच भवन उप-नियमों और सुरक्षा सम्बन्धी अन्य मानकों/नियमों के तहत शीर्ष प्राथमिकता के साथ करना सुनिश्चित किया जाए।
उन्होंने जिलाधिकारियों को सभी संबंधित विभागीय अधिकारियों के साथ तत्काल बैठक कर जनपद में सभी कोचिंग सेंटरों के निरीक्षण हेतु एक समिति का गठन कर समिति के माध्यम से वर्णित स्थानों की जांच कराते हुए सभी प्रकार की कमियों का निराकरण सुनिश्चित कराने को कहा है। जिन भवनों में कमियों का निराकरण किया जाना सम्भव नहीं हो पा रहा हो, उन भवनों में मानसून अवधि तक के लिए ऐसी गतिविधियों पर रोक लगाये जाने हेतु समुचित आदेश पारित कर उसका अनुपालन सुनिश्चित कराने के निर्देश भी मुख्य सचिव ने दिये हैं, ताकि मानसून अवधि में जलभराव से होने वाली किसी भी प्रकार की दुर्घटना से बचा जा सके। उन्होंने इस संबंध में की गई कार्यवाही से शासन को 15 दिन के भीतर अवगत कराने के भी निर्देश दिए है।
उन्होंने ऐसे भवन जिनके बेसमेन्ट में विभिन्न प्रकार की मानवीय गतिविधियों संचालित हो रही है में अग्नि सुरक्षा मानकों की जाँच तथा भवन अथवा कोचिंग सेन्टर में उपलब्ध अग्नि शमन यंत्र एवं अलार्म तथा किसी आगजनी की घटना में निकासी मार्ग को स्पष्ट रूप से चिन्हित किया गया है की भी जांच करने को कहा है। ऐसे भवनों में स्थापित विद्युत प्रणाली की जाँच विद्युत सुरक्षा विभाग से कराने तथा आवश्यक अनुमति/प्रमाण-पत्र भवन स्वामी द्वारा लिये जाने, विद्युत सुरक्षा विभाग द्वारा सुझाये गये उपायों का समावेश भवन में स्थापित विद्युत प्रणाली में किये जाने तथा भवन निर्माण के लिए आवश्यक मानकों की पूर्ति की भी जांच करने के निर्देश मुख्य सचिव नेदी. आगे पढ़ें