सचिव सिंचाई ने हल्द्वानी में किया जमरानी बांध परियोजना का स्थलीय निरीक्षण
-विगत दिनों मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सिंचाई विभाग की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को दिए थे स्थलीय निरीक्षण के निर्देश
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के क्रम में शनिवार को सचिव सिंचाई डॉ आर. राजेश कुमार ने जमरानी बांध बहुद्देश्यीय परियोजना के बांध स्थल का निरीक्षण किया।
गौरतलब है कि 3 जुलाई को मुख्यमंत्री द्वारा सिंचाई विभाग की समीक्षा बैठक की गई थी जिसमें उन्होंने निर्देशित किया था कि अधिकारी ग्राउंड जीरो पर जाकर सिंचाई विभाग की विभिन्न परियोजनाओं का निरीक्षण करें। जिसके क्रम में सचिव सिंचाई डॉ आर राजेश द्वारा हल्द्वानी में निर्माणाधीन जमरानी बांध परियोजना का स्थलीय निरीक्षण किया गया। उन्होंने कहा कि जमरानी बांध परियोजना, राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है।
निरीक्षण में परियोजना के उपमहाप्रबन्धक श्री बी०बी० पाण्डे द्वारा अवगत कराया गया कि जमरानी बांध बहुउददेशीय परियोजना के अन्तर्गत 150.6 मी० ऊंचाई के कंक्रीट ग्रेविटी बांध का निर्माण कार्य प्रस्तावित है। परियोजना से उत्तराखण्ड राज्य के जनपद नैनीताल को वार्षिक 42.70 एम०सी०एम० पेयजल उपलब्ध होगा। इसके अतिरिक्त परियोजना से उत्तराखण्ड राज्य के जनपद नैनीताल व उधमसिंहनगर तथा उत्तर प्रदेश राज्य के जनपद बरेली व रामपुर के 57066 है० क्षेत्र में अतिरिक्त सिंचाई सुविधा भी मिलेगी।
परियोजना के वित्त पोषण हेतु भारत सरकार व राज्य सरकार के मध्य एम०ओ०यू० हस्ताक्षरित किया गया है। परियोजना निर्माण के लिए भारत सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2024-25 हेतु प्रथम किश्त के रूप में 157.50 करोड़ की धनराशि अवमुक्त की गई है। राज्य सरकार द्वारा परियोजना के पुनर्वास कार्यों हेतु वित्तीय वर्ष 2023-24 में रु0 200.00 करोड की धनराशि अवमुक्त की गई है। परियोजना अधिकारियों को पुनर्वास कार्यों के सम्पादन हेतु जिला प्रशासन से समन्वय स्थापित कर गति लाने हेतु निर्देशित किया गया।
स्थलीय निरीक्षण के दौरान ललित कुमार, प्रबन्धक अजय पंत, पंकज ढौंडियाल, हिमांशु पंत आगे पढ़ें
- अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी (प्रशासन) राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण श्री आनन्द स्वरूप ने सोशल मीडिया में वायरल वीडियो का संज्ञान लेते हुए इसका खंडन किया है। उन्होंने बताया कि रैणी गाँव, जनपद चमोली, आपदा दिनांक 07 फरवरी, 2021 का एक पुराना वीडियो तेजी से सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है, जिससे आम जन मानस में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो रही है।उक्त वायरल वीडियो का वर्तमान मानसून सीजन, 2024 से कोई सम्बन्ध नहीं है, तथा वर्तमान में केवल रामगंगा नदी, जनपद पिथौरागढ़ का जल स्तर खतरे के निशान से 0.10 मीटर ऊपर है एवं गौरी गंगा नदी जनपद, पिथौरागढ़ का जल स्तर खतरे के निशान से 0.20 मीटर ऊपर है किन्तु वर्तमान में इसका ट्रेण्ड डाउन प्रदर्शित हो रहा है।
उक्त नदियों को छोड़कर प्रदेश की सभी नदियों का जल स्तर खतरे के निशान से नीचे है, उक्त के सम्बन्ध में सम्बन्धित जिलों के सक्षम अधिकारियों एवं केन्द्रीय जल आयोग से दूरभाष पर इसकी पुष्टि कर ली गयी है।
अतः सोशल मीडिया पर उक्त वायरल वीडियो का उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा खण्डन किया जाता है।
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- पहाडोंक: *‘मुख्यमंत्री नमक पोषण योजना’ का मुख्यमंत्री ने किया शुभारंभ।**राज्य में गरीब परिवारों को हर माह 8 रूपये प्रति किलो की दर से मिलेगा आयोडाईज्ड नमक।*
*गरीबों का जीवन बेहतर बनाने के लिए लगातार काम कर रही राज्य सरकार।*
*जनता को पूर्ण रूप से शुद्ध और पोषणयुक्त राशन देने के लिए संकल्पबद्ध है सरकार।*
*राज्य में पिछले 5 वर्षाे में 9 लाख से अधिक लोग गरीबी रेखा से आये हैं बाहर।*
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को हिमालयन सांस्कृतिक केन्द्र, नींबूवाला, देहरादून में ‘मुख्यमंत्री नमक पोषण योजना’ का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने ‘मुख्यमंत्री नमक पोषण योजना’ के लाभार्थियों आयोडाईज्ड नमक वितरण किया। इस योजना के तहत अंत्योदय और प्राथमिक परिवार योजना के लगभग 14 लाख राशन कार्ड धारकों को प्रति माह 8 रूपये प्रति किलो की दर से आयोडाईज्ड नमक उपलब्ध करवाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डबल इंजन की सरकार प्रदेश के हर गरीब और समाज के अन्तिम छोर के व्यक्ति का जीवन बेहतर और सार्थक बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत संपूर्ण देश में निशुल्क राशन वितरण किया जा रहा है। यह योजना लगातार अगले 5 सालों तक प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चलते रहेगी। इस योजना के अंतर्गत उत्तराखंड के 14 लाख गरीब परिवारों को हर महीने मुफ्त राशन का लाभ मिल रहा है। राज्य सरकार जनता को शुद्ध और बेहतर पोषणयुक्त राशन देने के लिए संकल्पबद्ध है। हमारी प्राथमिकता पारदर्शी प्रणाली को स्थापित करना है। उन्होंने कहा कुछ लोगों द्वारा फोर्टिफाइड चावल को प्लास्टिक का चावल बताकर आमजन को भ्रमित किया जा रहा था, जो कि पूर्ण रूप से असत्य है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अनेक गरीब कल्याण की योजनाएं चलाई गई हैं। आयुष्मान भारत योजना से 5 लाख तक का इलाज मुफ्त में दिया जा रहा है। स्वच्छ भारत अभियान के तहत हर घर तक शौचालय बनाए गए हैं। आवास योजना से पक्के घर और हर घर को नल और जल से आच्छादित किया जा रहा है। लखपति दीदी योजना के तहत महिलाओं को सशक्त बनाकर उन्हें मुख्य धारा से जोड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में गरीबों को समर्पित योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। जिसके फलस्वरूप बीते 10 वर्षाे में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं। उत्तराखंड में भी पिछले 5 वर्षाे में 9 लाख से अधिक लोग गरीबी रेखा से बाहर निकल चुके हैं। हर वर्ग के लोगों को ध्यान में रखते हुए योजनाएं चलाई गई हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाएं शहरों से लेकर पर्वतीय क्षेत्र के अंतिम गांव तक पहुंच रही हैं। राज्य में गरीबी रेखा से बाहर निकलने के मामले में पर्वतीय जनपदों का बेहतर प्रदर्शन है। मुख्यमंत्री ने कहा उन्होंने गांव में रहते हुए गरीबों के संघर्ष को करीब से देखा है। राज्य सरकार विकल्प रहित संकल्प के साथ राज्य के प्रत्येक गरीब के विकास के लिए प्रतिबद्ध होकर काम कर रही है। राज्य में गरीब, महिला, युवा के साथ ही प्रत्येक वर्ग के लिए योजनाएं संचालित हो रही हैं।
कैबिनेट मंत्री श्रीमती रेखा आर्या ने कहा कि मुख्यमंत्री नमक पोषण योजना गरीबों परिवारों की आवश्यकताओं को पूर्ण करने का एक प्रयास है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने गरीबों की परेशानियों को दूर करते हुए गरीब कल्याण अन्य योजना को लागू की। मुफ्त खाद्यान्न योजना से गरीब परिवारों के भरण-पोषण मदद मिलती है। मुफ्त खाद्यान्न के साथ ही उसमें पोषण तथ्यों का भी विशेष ध्यान रखा जा रहा है। मिड डे मील में भी भोजन पोषण तथ्यों का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। मुख्यमंत्री नमक पोषण योजना से गरीब परिवारों को सस्ते दरों पर नमक उपलब्ध हो सकेगा। यह योजना गरीबों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाएगी और समाज में कुपोषण को दूर करेगी।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव खाद्य श्री एल फैनई, आयुक्त श एच.सी सेमवाल, अपर सचिव श्रीमती रुचि मोहन रयाल एवं खाद्य विभाग मौजूद रहे।आगे पढ़ें
- मुख्यमंत्री ने निम के पर्वतारोहण अभियान का किया फ्लैग ऑफ।**अभियान में उत्तराखण्ड के माणा क्षेत्र में अवस्थित 11 अनाम व अनारोहित पर्वत शिखरों का आरोहण किया जायेगा।*
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को नेहरू पर्वतारोहण संस्थान की ओर से जनपद चमोली में स्थित माणापास क्षेत्र में 11 अनाम और अनारोहित पर्वत शिखरों के पर्वतारोहण अभियान का मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय से फ्लैग ऑफ किया। यह अभियान 15 अगस्त 2024 तक आयोजित किया जाएगा। इसका उद्देश्य पर्वतारोहण के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करना एवं द्रौपदी का डांडा पर्वत शिखर पर विगत वर्ष हुए प्राकृतिक आपदा में एडवांस माउंटेनियरिंग कोर्स के उत्तराखण्ड राज्य के उन बहादुर पर्वतारोहियों के प्रति श्रद्धांजलि भी अर्पित करना है जिन्होंने इस प्राकृतिक आपदा में अपने प्राण गंवाए थे।
अभियान के बारे में जानकारी दी गई कि उत्तराखण्ड के माणा क्षेत्र में अवस्थित 11 अनाम व अनारोहित पर्वत शिखरों का आरोहण किया जायेगा, जिसमें 05 पर्वत शिखर 6000 मी० से ऊंचे हैं तथा शेष 06 पर्वत शिखर 5500 मी0 से अधिक ऊंचे हैं। संस्थान द्वारा आरोहित इन 11 अनाम पर्वत शिखरों को द्रोपदी का डांडा पर्वत शिखर पर बहादुरी से प्राण गंवाने वाले पर्वतारोहियों के नाम पर इन 11 अनाम पर्वत शिखरों का नामकरण किया जायेगा।
इस अभियान का नेतृत्व संस्थान के प्रधानाचार्य कर्नल अंशुमान भदौरिया करेंगे तथा डिप्टी लीडर के रूप में संस्थान के उप प्रधानाचार्य तथा चिकित्साधिकारी कैप्टन संतोष कुमार करेंगे। अभियान दल में संस्थान के प्रशिक्षक और पर्वतारोही श्री राकेश राणा वरिष्ठ प्रशिक्षक, प्रशिक्षक श्री दीप साही, श्री विनोद गुसाई, श्री सौरभ सिंह, श्री अनुप पंवार, सहायक प्रशिक्षक श्री रविंद्र रावत, सुबेदार मेजर हजारी लाल, नायब सुबेदार भूपेंद्र सिंह, नायब सूबेदार बहादुर पाहन, नायब सुबेदार रवींद्र सिंह, हवलदार थजाली पून, नायक मनोज कुमार, सहायक प्रशिक्षक अजीत रावत, श्री नवप्रभात, श्री हिमांशु जोशी, सहायक प्रशिक्षक, श्री पंकज पंवार, श्री मुनेन्द्र राणा, सहायक प्रशिक्षक और श्री सूर्य रावत शामिल हैं।आगे पढ़ें
- मुख्यमंत्री ने राज्य की पहली लैब ऑन व्हील्स-मोबाइल साइंस लैब को दिखाई हरी झंडी।*मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में पढ़ रहे छात्र-छात्राओं को लैब ऑन व्हील्स के माध्यम से चार मोबाईल सांइस लैब की सौगात दी गई है। शनिवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित कैम्प कार्यालय में पहले मोबाईल सांइस लैब के विज्ञान मॉडलों का अवलोकन करते हुए चारों मोबाईल साइंस लैब को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने विज्ञान मॉडलों को प्रदर्शित कर रहें पीएम श्री राजकीय इण्टर कॉलेज भीमावाला के छात्र-छात्राओं के साथ संवाद भी स्थापित किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के दूर-दराज के क्षेत्रों में मोबाइल साइंस लैब की उपलब्धता छात्रों को विज्ञान की आधुनिकता से जोड़ने में सहायक होगी। उन्होंने कहा कि इसके विज्ञान आधारित विषयों की जानकारी मोबाइल वेन के माध्यम से छात्रों को उपलब्ध होगी, उन्होंने इस योजना को छात्रों के व्यापक हित में बताया।
यूकॉस्ट के महानिदेशक प्रो. दुर्गेश पंत ने बताया कि लैब ऑन व्हील्स के माध्यम से राज्य के ग्रामीण/दूरस्थ क्षेत्रों में विज्ञान को लोकप्रिय बनाने और विज्ञान संचार गतिविधियों को बढ़ावा देने कार्य किया जाना है। उत्तराखण्ड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूकॉस्ट) एवं अगस्त्या इंटरनेशनल के सहयोग से इस परियोजना के अंतर्गत प्रयोगशाला, व्यावहारिक प्रदर्शनों /मॉडलों, विज्ञान गतिविधियों और प्रदर्शनों के माध्यम से प्रदेश के कक्षा छः से दसवीं तक के छात्र-छात्राओं को जीव विज्ञान, रसायन विज्ञान, भौतिकी, गणित आदि विषयों के पाठ्यक्रम को और अच्छे से सीखने एवं समझ पाने का अवसर प्रदान किया जाएगा। प्रो0 पंत ने कहा कि प्रदेश में परियोजना का संचालन दो चरणों में किया जा रहा है, प्रथम चरण में राज्य के 04 जिलों क्रमशः चम्पावत, अल्मोड़ा, देहरादून एवं पौड़ी में लैब ऑन व्हील्स का संचालन किया जा रहा है जिसके पश्चात दूसरे चरण में राज्य के सभी जनपदों में परियोजना का संचालन किए जाने का लक्ष्य रखा गया है।
इस अवसर पर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सचिव श्री नितेश झा, महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा श्री बंशीधर तिवारी ने भी लैब ऑन व्हील्स में प्रदर्शित विभिन्न विज्ञान आधारित मॉडलों का अवलोकन किया एवं छात्र-छात्राओं के साथ संवाद किया। इस दौरान डा. पीयूष जोशी, विकास नौटियाल, प्रहलाद अधिकारी एवं सहयोगी संस्था अगस्त्या इंटरनेशनल से शिव कुमार, विकास तिवारी, भीमावाला इण्टर कॉलेज के प्रधानाचार्य डा. एस.के अग्रवाल आदि उपस्थित थे।आगे पढ़ें
- मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को मुख्यमंत्री आवास में उच्च स्तरीय बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिये कि मानसून सीजन में आपदा प्रबंधन के दृष्टिगत 24 घण्टे अलर्ट मोड पर रहें। शासन के वरिष्ठ अधिकारी जिलाधिकारियों से निरंतर समन्वय बनाकर रखें। वर्षाकाल के दृष्टिगत पर्वतीय जनपदों में सभी आवश्यक सुविधाएं खाद्यान, दवाइयां, एवं अन्य राहत सामग्री पर्याप्त मात्रा में रखी जाएं।मुख्यमंत्री ने गढ़वाल कमिश्नर श्री विनय शंकर पाण्डेय और वर्चुअल माध्यम से जुड़े कुमांऊ कमिश्नर श्री दीपक रावत से दोनों मण्डलों में बारिश और सड़को की स्थिति के बारे में जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने दोनों आयुक्तों को निर्देश दिये कि वे अपने मंडलों में सड़कों, पेयजल, विद्युत, नालों की सफाई आदि व्यवस्थाओं की नियमित समीक्षा करें। जिलाधिकारियों से निरन्तर समन्वय बनाते हुए सभी व्यवस्थाओं को सुचारू बनाये रखें। वर्षा के कारण सड़के, पेयजल और विद्युत लाइन बाधित होने की स्थिति में उन्हें यथाशीघ्र सुचारू करवाया जाए। मौसम विभाग की चेतावनी एवं स्थानीय मौसम संबंधी गतिविधियों के आधार पर ही स्कूलों को खोलने और बंद करने का निर्णय लिया जाए। जर्जर पुलों की स्थिति का भी आंकलन किया जाए। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि गांवों में लोगों की आवाजाही प्रभावित न हो।
इस अवसर पर सचिव श्री आर. मीनाक्षी सुदंरम, श्री शैलेश बगोली, विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते, आईजी श्री कृष्ण कुमार वी.के, अपर सचिव श्री जगदीश चन्द्र काण्डपाल उपस्थित थे। आगे पढ़ें
- *मुख्यमंत्री ने की राज्य में होने वाले 38 वें राष्ट्रीय खेलों के आयोजन की समीक्षा।*
*सितम्बर तक सभी आवश्यक व्यवस्थायें पूर्ण करने के दिये निर्देश।*
*राज्य के प्रचलित परंपरागत खेलों को 38 वें राष्ट्रीय खेलों में जोड़ा जाए।*
*राष्ट्रीय खेलों के आयोजन व्यवस्थाओं की निरंतर हो समीक्षा।*
उत्तराखण्ड में प्रस्तावित 38वें राष्ट्रीय खेल की तैयारियों को लेकर मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई। मुख्यमंत्री ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिये कि राष्ट्रीय खेलों की सभी तैयारियां सितम्बर तक पूर्ण करते हुए इस आयोजन को 2024 में कराने के लिए भारतीय ओलंपिक संघ से अनुमति की प्रक्रिया जल्द पूर्ण की जाए। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय खेलों के आयोजन से राज्य को खेल, साहसिक पर्यटन और अपनी सांस्कृतिक विरासत को राष्ट्रीय स्तर पर और अधिक पहचान दिलाने का सुनहरा अवसर होगा। यह सुनिश्चत किया जाए कि देशभर से आने वाले खिलाड़ी एवं खेल गतिविधियों से जुड़े लोग देवभूमि उत्तराखण्ड से अच्छा संदेश लेकर जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय खेलों के लिए शहरी क्षेत्रों के अलावा पर्वतीय जनपदों में भी खेलों के लिए उपयुक्त स्थल चुने जाएं। यह सुनिश्चत किया जाए कि उत्तराखण्ड में होने वाले राष्ट्रीय खेलों में सभी व्यवस्थाएं उच्च स्तरीय हों। विभिन्न स्थलों पर आयोजित होने वाले खेलों के लिए अवस्थापना संबंधी सभी व्यवस्थाएं सुव्यवस्थित तरीके से की जाए। राज्य के प्रचलित परंपरागत खेलों को 38 वें राष्ट्रीय खेलों में जोड़ने के लिए आवश्यक कार्यवाही की जाए। उन्होंने कहा कि खेलों की आयोजन व्यवस्था में आवश्यक वित्तीय सहयोग के लिए प्रतिष्ठित औद्योगिक संस्थानों से सी.एस.आर. के तहत वित्तीय सहयोग लिया जाए। राष्ट्रीय खेलों की बेहतर तैयारियों के लिए खेल मंत्री प्रत्येक सप्ताह समीक्षा करेंगी। मुख्यमंत्री स्वयं भी समय समय पर इसकी समीक्षा करेंगे। मुख्यमंत्री ने बैठक में निर्देश दिये कि हल्द्वानी में स्थापित होने वाले खेल विश्वविद्यालय के निर्माण से संबंधित कार्यवाही जल्द पूर्ण की जाए।
विशेष प्रमुख सचिव श्री अमित सिन्हा ने प्रस्तुतिकरण के माध्यम से जानकारी दी कि 38वें राष्ट्रीय खेलों का आयोजन देहरादून, हल्द्वानी, हरिद्वार और रुद्रपुर के अलावा पर्वतीय जनपदों में भी कराये जायेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य में राष्ट्रीय खेलों का आयोजन 14 दिन किया जायेगा। खेलों का शुभारंभ देहरादून में और समापन हल्द्वानी में किया जायेगा। राज्य में होने वाले राष्ट्रीय खेलों के बेहतर संचालन के लिए विभिन्न विभागों के उच्चाधिकारियों को इस हेतु गठित समिति में शामिल किया गया है।
बैठक में खेल मंत्री श्रीमती रेखा आर्या, मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन, सचिव श्री आर. मीनाक्षी सुंदरम, श्री शैलेश बगोली, श्री सचिन कुर्वे, श्री. एच.सी. सेमवाल, खेल निदेशक श्री जितेन्द्र कुमार सोनकर एवं खेल विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।आगे पढ़ें
- पहाडोंक: *सीएम ने जिलाधिकारियों को हाई अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए**मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आईएमडी द्वारा जारी पूर्वानुमान को लेकर जारी किए निर्देश*
*रविवार को प्रदेश के नौ जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश का है पूर्वानुमान*
- जयपत्र डॉ. प्रज्ञानानंद सरस्वती 16.06. 2024
देहरादून। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने दिनांक 07 जुलाई 2024, रविवार को मौसम विभाग द्वारा राज्य के नौ जनपदों में भारी से बहुत भारी वर्षा के पूर्वानुमान को लेकर सभी संबंधित जनपदों के जिलाधिकारियों को हाई अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए हैं। साथ ही लोगों से भी भारी बारिश के चलते संभावित आपदाओं के दृष्टिगत सावधानी बरतने तथा सुरक्षित स्थलों पर रहने की अपील की है।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन तथा आपदा प्रबंधन विभाग से जुड़े अन्य अधिकारियों को यूएसडीएमए के राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से सभी जनपदों की सतत निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र और जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र में जैसे ही आपदा को लेकर कोई भी सूचना आए तो उस पर तुरंत कार्यवाही अमल में लाई जाए।
गौरतलब है कि भारत मौसम विज्ञान विभाग द्वारा 07 जुलाई रविवार को अल्मोड़ा, बागेश्वर, चम्पावत, नैनीताल, पिथौरागढ़, ऊधमसिंह नगर जनपद में अनेक जगह भारी से बहुत भारी वर्षा तथा कहीं-कहीं गर्जन के साथ आकाशीय बिजली चमकने का पूर्वानुमान व्यक्त किया गया है। इसके अलावा पौड़ी, चमोली और रुद्रप्रयाग जनपद में कहीं-कहीं बहुत भारी से अत्यंत भारी बारिश तथा कहीं-कहीं गर्जन के साथ आकाशीय बिजली चमकने का पूर्वानुमान जताया है।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी संबंधित जिलाधिकारियों को प्रत्येक स्तर पर तत्परता एवं आम लोगों के जान-माल की सुरक्षा हेतु हर संभव एहतियात बरतने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी आपदा की स्थिति में उससे प्रभावी तरीके से निपटा जाए। मार्ग बाधित होने पर तत्काल उसे खुलवाना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने संभावित आपदा के दृष्टिगत सभी संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने, खाद्य तथा मेडिकल टीम को हर स्थिति से निपटने के लिए मुस्तैद रहने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने विभिन्न विभागों के अधिकारियों को भी आपसी सामंजस्य बनाते हुए हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड के आम जनमानस के लिए जारी अपनी संदेश में कहा है कि लोग अफवाहों पर कतई ध्यान न दें। जिला प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें। खतरे वाली जगहों पर न जाएं और बहुत जरूरी हो तभी आवागमन करें। उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता है कि आपदाओं से कम से कम जान-माल का नुकसान हो।
सरकार तथा विभिन्न विभागों के स्तर पर तैयारियां पूरी हैं और चुनौतीपूर्ण से चुनौतीपूर्ण स्थिति से निपटने लिए सरकारी की पूरी तैयारी है। उन्होंने बच्चों, महिलाओं तथा बुजुर्गों से खास तौर पर एहतियात बरतने की अपील की है।