मुख्यमंत्री ने बदरीनाथ पहुंचकर यात्रा व्यवस्थाओं का किया स्थलीय निरीक्षण।
*मूलभूत सुविधाओं को सुदृढ़ रखने के दिये निर्देश।*
श्रद्धालुओं से लिया व्यवस्थाओं को फीडबैक।
*मुख्यमंत्री ने बदरी विशाल के दर्शन और पूजा कर देश और प्रदेश की खुशहाली के लिए प्रार्थना भी की।*
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को बदरीनाथ पहुंच कर श्रद्धालुओं की सुविधाओं और यात्रा व्यवस्थाओं का स्थलीय निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने यात्रा प्रबंधन से जुड़े विभागों को बद्रीनाथ धाम में श्रद्वालुओं की सुविधा, सुरक्षा और सुगमता का ध्यान रखते हुए यात्रा व्यवस्थाओं को चाक चौंबद रखने के निर्देश दिए। ताकि यात्रा सुचारू और व्यवस्थित तरीके से चलती रहे और श्रद्वालुओं को बद्रीनाथ धाम में सुगमता से दर्शन होते रहे। निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने देश के विभिन्न क्षेत्रों से आये श्रद्धालुओं से बातचीत कर उनसे व्यवस्थाओं का फीडबैक भी लिया।
मुख्यमंत्री ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए टोकन काउंटर, क्यू मैनेजमेंट, कंट्रोल रूम, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य आदि सुविधाओं की जानकारी ली और अधिकारियों को आपसी सामंजस्य से कार्य करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रद्धालुओं की सुगम, सुरक्षित एवं सुविधाजनक चारधाम यात्रा के लिए राज्य सरकार लगातार कार्य कर रही है। धामों की क्षमता के अनुसार यात्रा संचालित की गई है और अब यात्रा पूरी तरफ से व्यवस्थित है। श्रद्धालुओं को सुगमता से दर्शन के अवसर मिल रहे है। यात्रा सुचारु रूप से चल रही है। स्थानीय स्टेकहोल्डर्स के बदरीनाथ धाम के लिए यात्रियों की संख्या बढ़ाने के प्रस्ताव पर सीएम ने कहा कि इसका आकलन किया जाएगा और धाम में क्षमता के अनुसार यात्रियों की संख्या बढायी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि बदरीनाथ में पर्याप्त संख्या में होटल एवं ठहरने की क्षमता है। लोगों को सुविधा और सुरक्षा मिले यह हमारी प्राथमिकता है।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने श्री बदरी विशाल के दर्शन और पूजा कर देश और प्रदेश की खुशहाली की कामना भी की। मंदिर समिति के उपाध्यक्ष किशोर पंवार ने बद्री प्रसाद भेंट कर मुख्यमंत्री का स्वागत किया। जनता का कहना है कि दानियों द्वारा मंदिर समिति में धर्मशाला अन्य सुभीधा के लिए दान दिया गया वह बद्रीनाथ के विकास कार्यों के लिए हटाए गये है उनका मूल्यांकन कर प्रतिकर मंदिर समिति को दिया जाय उनके नाम का निर्माण कार्य कर यात्रियों को सुभीधा दी जाय।, दान मंदिर को ज्यादा दिया जाय.। मुख्यमंत्री के मौका मुयाना करने के बाद सरकार द्वारा बद्रीनाथ में होरहे निर्माण कार्य में मंदिर समिति की सम्पति का अधिग्रहण किया गया है उसका प्रतिकर मंदिर समिति को देने की कर्यवाही होगी यह भविष्य में जनकारी मिलेगी
इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक सर्वेश पंवार, एसडीएम सीएस वशिष्ठ, सीओ प्रमोद शाह, बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर पंवार, ईओ सुनील पुरोहित आदि मौजूद थे।
आगे पढ़ें
भारत के पहले खगोल पर्यटन अभियान ‘‘नक्षत्र सभा’’ का उद्घाटन
एस्ट्रो टूरिज्म से प्रदेश में होगा बहुआयामी पर्यटन का विकास- मुख्यमंत्री*
सरकार ग्रीन टूरिज्म को बढ़ावा देने के दृष्टिगत विभिन्न प्रयास कर रही है- मुख्यमंत्री
उत्तराखण्ड में पर्यटन की अपार संभावनाओं के दृष्टिगत एस्ट्रो टूरिज्म को बढ़ावा दिये जाने के उद्देश्य से में पर्यटन विभाग द्वारा एस्ट्रो टूरिज्म कंपनी के सहयोग से ‘नक्षत्र सभा‘ का जॉर्ज एवरेस्ट मसूरी में विधिवत उद्घाटन हो गया है। यह अपने आप में अलग क़िस्म का आयोजन है, देश में पहली बार एस्ट्रो टूरिज्म की थीम पर “नक्षत्र सभा” आयोजन किया गया है। यह आयोजन 2 जून तक चलेगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के विजन के अनुरूप प्रदेश में धार्मिक पर्यटन के अलावा बहुआयामी पर्यटन गतिविधियों बढ़ावा देने के दृष्टिगत पर्यटन विभाग ने यह पहल की है। मुख्यमंत्री श्री धामी ने पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित “नक्षत्र सभा” के सफल आयोजन के लिए शुभकामना दी हैं।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रदेश में बहुआयामी पर्यटन के दृष्टिगत सरकार अन्य संसाधन भी विकसित कर रही है। मुख्यमंत्री श्री धामी ने कहा कि सरकार ग्रीन टूरिज्म को बढ़ावा देने के दृष्टिगत विभिन्न प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में धार्मिक पर्यटन के अलावा साहसिक पर्यटन, वेलनेस टूरिज्म, एस्ट्रो टूरिज्म पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर एस्ट्रो विलेज स्थापित कर रही है।
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि सरकार का प्रयास है प्रदेश में जो भी पर्यटक आते हैं वो एक बेहतर अनुभव ले के जायें। उन्होंने कहा कि प्रदेश में नए -नए पर्यटक स्थलों को विकसित करने पर ज़ोर दिया जा रहा है।
इस आयोजन का उद्घाटन समारोह जॉर्ज एवरेस्ट, मसूरी में आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान के निदेशक डॉ. दीपांकर बनर्जी, डॉ0 प्रभास पांडे, प्रोफेसर, दिल्ली विश्वविद्यालय, श्री आकाश सिन्हा, सहायक प्रोफेसर , प्रैक्टिस, स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग, शिव नादर विश्वविद्यालय, डॉ0 टी0वी0 वेंकटेश्वरन, विज्ञान प्रसार, और स्टारस्केप्स के संस्थापक श्री रामाशीष रे की उपस्थिति में आयोजित किया गया था।
आयोजन के लिए स्थान के रूप में जॉर्ज एवरेस्ट शिखर का चयन महत्वपूर्ण ऐतिहासिक महत्व रखता है। प्रसिद्ध ब्रिटिश सर्वेक्षक सर जॉर्ज एवरेस्ट के नाम पर रखा गया यह शिखर भारत के त्रिकोणमितीय सर्वेक्षण का केंद्र था, जो देश के सटीक मानचित्रण के लिए महत्वपूर्ण था। हिमालय क्षेत्र के सर्वेक्षण में पं0 नैन सिंह रावत ने सर जॉर्ज एवरेस्ट के साथ बड़े पैमाने पर सहयोग किया। हाल ही में उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद ने सर जॉर्ज एवरेस्ट स्टेट में देश के पहले कार्टाग्राफी संग्रहालय का भी उद्घाटन किया।
नक्षत्र सभा विशेष उपकरणों के माध्यम से तारों को देखने, विशेष सौर अवलोकन, एस्ट्रोफोटोग्राफी प्रतियोगिता, तारों के नीचे शिविर लगाने जैसी बहुत सी गतिविधियों के साथ एक समग्र खगोल पर्यटन अनुभव प्रदान करती है। नक्षत्र सभा का आयोजन 2025 के मध्य तक किया जायेगा, जो पूरे उत्तराखंड में विभिन्न स्थानों पर गहन कार्यक्रमों की एक श्रृंखला पेश करेगी। इसमें विशेषज्ञों के साथ सेमिनार और वेबिनार के अलावा उत्तरकाशी, पिथौरागढ़, नैनीताल, चमोली जिलों में डार्क स्काई संभावित स्थलों को कवर किया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य खगोल विज्ञान के प्रति उत्साही लोगों को ब्रह्मांड की सुंदरता को देखने के लिए एक साथ लाना है।
यह अभियान स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षण और कौशल विकास के अवसर प्रदान करेगा, जिससे उनके लिए रोजगार के नए अवसरों का सृजन हो सके। इसके अलावा यह उत्तराखंड में डार्क स्काई संरक्षण प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए समर्पित राजदूतों के एक समुदाय को बढ़ावा देकर डार्क स्काई के संरक्षण की वकालत करेगा। इसमें एक अंधेरे आकाश संरक्षण नीति का निर्माण और वर्ष के दौरान पूरे क्षेत्र में इसका कार्यान्वयन शामिल है। स्टारस्केप्स की टीम स्थानीय समुदायों, यात्रा और पर्यटन भागीदारों के साथ-साथ होमस्टे समुदायों के साथ सक्रिय रूप से कार्य करेगी तथा नक्षत्र सभा के सफल कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए प्रशिक्षण और निरंतर सहायता प्रदान करेगी।
श्री0 सचिन कुर्वे, सचिव पर्यटन/मुख्य कार्यकारी अधिकारी, उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद ने कहा कि नक्षत्र सभा के शुभारंभ के साथ हमारा उद्देश्य उत्तराखंड को खगोल पर्यटन में सबसे आगे रखना है। स्टारस्केप्स के सहयोग से यह अनूठी पहल शुरू की गई है। उत्तराखंड अपने विशाल वन क्षेत्र, प्रकृति-आधारित पर्यटन और होम स्टेस् के साथ एस्ट्रो टूरिस्ट की पसंद बनने के लिए विशिष्ट स्थिति में है। यह अभियान उस दिशा में एक और कदम है। हमारा उद्देश्य दुनिया भर से आगंतुकों को आमंत्रित करना है। हम उन्हें उत्तराखंड की अनूठी विरासत की झलक दिखाने के साथ-साथ ब्रह्मांड के जादू का अनुभव करने के लिए इस तरह के कई और अभियानों की मेजबानी करने के लिए उत्सुक हैं जो उत्तराखंड को वैश्विक एस्ट्रो टूरिज्म मानचित्र पर ला सकते हैं।
स्टारस्केप्स के संस्थापक, रामाशीष रे ने कहा, पिछले कई वर्षों से हम राज्य में अनुभव केंद्रों और वेधशालाओं की अपनी श्रृंखला के माध्यम से इसे बढ़ावा देने के अलावा, उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद के साथ मिलकर कई एस्ट्रो टूरिज्म शिविरों की मेजबानी कर रहे हैं, जिनमें हमें अच्छी प्रतिक्रिया मिली है। हम पर्यटन विभाग के इस वार्षिक एस्ट्रो पर्यटन अभियान- ‘नक्षत्र सभा‘ के साथ जुड़ने में खुद को सौभाग्याशाली मानते हैं। इस अभियान की संकल्पना उत्तराखंड को आदर्श एस्ट्रो टूरिज्म गंतव्य के रूप में स्थापित कर स्थानीय समुदायों को एस्ट्रो टूरिज्म से जोड़कर रोजगार के अवसर प्रदान करना है।
नक्षत्र सभा की मुख्य विशेषताओं में विशेष उपकरणों के माध्यम से तारों को देखना, एस्ट्रो टूरिज्म पर विशेषज्ञ वार्ता, एस्ट्रोफोटोग्राफी प्रतियोगिता, विशेष सौर अवलोकन आदि शामिल हैं। आगे पढ़ें
मुख्यमंत्री ने की कुमाऊँ मण्डल में पेयजल, विद्युत आपूर्ति सहित विभिन्न विकास कार्यों की समीक्षा।
*जिलाधिकारी नैनीताल को कैंची धाम में यात्रियों के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था करने के दिये निर्देश।
05 करोड़ से अधिक लागत कीयोजनाओं के भौतिक सत्यापन हेतु स्थलीय निरीक्षण के जिलाधिकारी को दिए निर्देश।
आयुक्त कुमाऊं को विकास योजनाओं की मॉनिटरिंग करने और लापरवाही पाए जाने पर सम्बंधित अधिकारी के विरुद्ध कारवाई के दिए निर्देश।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को एफटीआई सभागार हल्द्वानी में मानसखंड मन्दिर माला के अंतर्गत कैंची धाम में आयोजित होने वाले मेले की तैयारियों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कुमाऊँ मण्डल में पेयजल, विद्युत आपूर्ति सहित विभिन्न विकास कार्यों की भी समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि कैंची धाम में आने वाले पर्यटकों की संख्या में हर रोज इजाफा हो रहा है। इसके लिए जिलाधिकारी नैनीताल को पर्यटन विभाग के माध्यम से कैंची धाम में यात्रियों के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था चालू करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य सभी यात्रा मार्गों में यात्रियों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराना है। इसके लिए यात्रा प्राधिकरण बनाया जाएगा जिसका उद्देश्य पर्यटकों और यात्रियों को अधिकतम सुविधाएं प्रदान करना होगा। मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को यात्रा मार्ग में बनाई जाने वाली संरचना, सुविधाओं आदि के प्रपोजल भी भेजने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने बैठक में निर्देश दिये कि जल जीवन मिशन के कार्यों की गुणवत्ता और पेयजल योजना में लगने वाले पाइपों की मोटाई मानकों के अनुरूप ने होने की शिकायतों पर शीघ्र आवश्यक कार्यवाही की जाय। इस संबंध में कुमाऊं मण्डल के सभी डीएम को उन्होंने 05 करोड़ से अधिक लागत की कतिपय योजनाओं के भौतिक सत्यापन हेतु स्थलीय निरीक्षण के निर्देश भी दिए। साथ ही कुमाऊं आयुक्त को योजनाओं की मॉनिटरिंग करने और लापरवाही पाए जाने पर सम्बंधित के विरुद्ध कारवाई की संस्तुति के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि योजनाओं में हीलाहवाली और लीपापोती किसी भी कीमत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन ईमानदारी और निष्ठा से करें, यही उनका दायित्व है। आम जन को योजनाओं का लाभ मिले, इसलिए योजनाओं का निर्माण किया जाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर रोज समाचार पत्रों, सोशल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में विभागों के द्वारा किए जा रहे कार्यों की वास्तविक स्थिति दिखाई जाती है। जिस भी विभाग से संबंधित खबरें मीडिया में छपती है या दिखाई जाती है सम्बंधित अधिकारी जिम्मेदारी लेते हुए खबर का संज्ञान ले और कार्यों को जांच करते हुए गुणवत्ता में सुधार करे। इसके साथ ही खबर के संबंध में की गई कार्यवाही से संबंधित मीडिया संस्थान को भी अवगत कराए।
मुख्यमंत्री ने कुमाऊं मंडल में बिजली और पेयजल किल्लत पर लोगों को कम से कम परेशानी हो इसके लिए ऊर्जा और पेयजल अधिकारियो को मांग के अनुरूप कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए। लोगों को किस प्रकार तत्कालिक राहत की जा सकती है इस पर अधिकारी ध्यान दें। भविष्य में किस प्रकार ऊर्जा और पेयजल संकट से निपटा जा सके इसके लिए दीर्घकालिक योजना भी तैयार करने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये तथा स्वीकृत किये गये नये बिजली घरों पर कार्य शीघ्र आरंभ करने को कहा।
बैठक में जिलाधिकारी वंदना सिंह ने जानकारी दी कि कैंची धाम के मेले के लिए जिला और पुलिस प्रशासन पूरी तरह से तैयार है। स्थाई और अस्थाई तौर पर 11 पार्किंग तैयार की गई है जिसकी क्षमता लगभग 1500 से 2 हजार वाहनों की होगी।
मुख्यमंत्री ने नगर निगम के पास नहर कवरिंग कार्यों का किया निरीक्षण
मुख्यमंत्री श्री धामी ने नगर निगम के पास नहर कवरिंग सड़क का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान डामरीकरण पर उन्होंने संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि नहर कवरिंग हो जाने से हल्द्वानी शहर को काफी हद तक जाम से निजात मिलेगी।
*मुख्यमंत्री ने शीशमहल फिल्टर प्लांट का भी किया निरीक्षण*
पेयजल से जुड़े अधिकारियों द्वारा मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि जलनिगम व जल संस्थान द्वारा 2055 की जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए हल्द्वानी शहर की पेयजल समस्या को देखते हुए जलनिगम ने शहर के लिए पानी की मात्रा को बढ़ाते हुए ग्रेविटी स्कीम पर आधारित एक वाटर ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित करने के लिए डीपीआर तैयार की है। इसके साथ ही पूर्व में स्थापित दोनों वाटर ट्रीटमेंट प्लांट (डब्ल्यू टी पी) शीशमहल व शीतलाहाट को रेनोवेट करने की योजना है। विभाग द्वारा लगभग 155 करोड़ की लागत से एक डब्ल्यूटीपी प्लान व वर्तमान में संचालित डब्ल्यूटीपी व अन्य कार्यों के सुदृढ़ीकरण हेतु प्लान तैयार किया गया है।
निरीक्षण के दौरान एसई जल संस्थान विशाल सक्सेना ने कहा कि गौला नदी से ग्रैविटी पर आधारित स्कीम तैयार की जा रही है जिससे भूमिगत जल पर निर्भरता कम भर रहे। इसके साथ ही ट्यूबवेल से संचालित पेयजल योजनाओं को आकस्मिकता के तौर पर प्रयोग में लाया जाएगा। इससे वर्तमान व भविष्य में होने वाली पेयजल समस्या से निजात मिल पाएगी।
ज्ञातव्य है कि हल्द्वानी में शीश महल व शीतलाहाट में दो वाटर फिल्टर प्लांट है जो कि काफी पुराने व अपनी समयावधि पूर्ण कर चुके है। बरसात के समय गौला नदी में सिल्ट आने से पेयजल आपूर्ति बाधित हो जाती है व वर्तमान में हल्द्वानी के दोनों वाटर प्लांट की पानी के प्यूरीफाई की क्षमता भी काफी कम है। इसके अलावा गर्मियों के दिनों में ट्यूबवेल फूंकने से भी पेयजल आपूर्ति बाधित रहती है।
बैठक में विधायक दीवान सिंह बिष्ट, सरिता आर्या,मण्डी परिषद अध्यक्ष डा0 अनिल कूपर डब्बू, दर्जा राज्यमंत्री दीपक मेहरा, प्रताप बिष्ट, निवर्तमान मेयर डॉ जोगेन्दर पाल सिंह रौतेला, आयुक्त कुमाऊं दीपक रावत, डीआईजी योगेन्द्र रावत, जिलाधिकारी वंदना, एसएसपी पीएन मीणा, मुख्य वन संरक्षक पीके पात्रो, मुख्य नगर आयुक्त विशाल मिश्रा के साथ ही जलसंस्थान,विद्युत,लोनिवि के मण्डल स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।