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सबसे बड़ी खबर-लोगों की चिताओंं एवं चिंताओं से कोसों दूर स्वास्थ्य चिंतन शिविर

Pahado Ki Goonj

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साइंटिफिक-एनालिसिस

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण परिषद् अपनी दो दिन (14-15 जुलाई) की 15वी राष्ट्रीय बैठक के रूप में देश व देश के लोगों के स्वास्थ्य के लिए चिंतन कर रहा हैं | इसमें केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मांडविया, केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री डॉ भारती पवार, कई राज्यों के उपमुख्यमंत्री, उत्तराखंड राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ धनसिंह रावत के साथ देश के सभी राज्यों व केन्द्रीय शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्री और सर्वोच्य स्तर के अधिकारी शामिल हो रहे हैं |

दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र व सर्वाधिक जनसंख्या वाले देश का सबसे बड़े स्तर का चिंतन शिविर सिर्फ चिंतन के नाम पर आम लोगों की चिताओं में आग लगवा रहा हैं और चिंता करवा-करवा के नई चिताओं को सजवाने का काम कर रहा हैं |

गौरतलब हैं कि राष्ट्रपति अधिकृत, राष्ट्रपति-भवन ने 18 अप्रेल, 2023 को देश नहीं दुनिया भर में कोरोना जैसे खतरनाक वायरसों की बढ़ती श्रृंखला को रोकने वाले आविष्कार की ध्यान आकर्षण वाली फाईल पर कार्यवाही करने हेतु सचिव, केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को भेजा (पत्र क्रमांक नम्बर SI No. P1/B/1804230042) हैं |

इस पर अभी तक सिर्फ़ चिंतन ही चल रहा हैं जबकि बर्बाद हो रहा हर एक मिनिट एक निर्दोष व्यक्ति की चिंता जलवा रहा हैं | चिंता पर चिंता और चिंता के इंतजार में देश के हजारों-लाखों लोगों के साथ भूतपूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी भी चिता पर लेट गये व राष्ट्रपति-भवन ने आंखों की शर्मींदगी को तिरंगा आधा झुका के छुपा लिया |

आविष्कारक शैलेन्द्र कुमार बिराणी कोरोना वायरस न आने के पूर्व भी राष्ट्रपति-भवन व प्रधानमंत्री कार्यालय स्वयं जाकर सचेत करके आये थे व अब इसके आगे कौनसा खतरनाक वायरस आयेगा वो भी लिखित में उसको पैदा होने से रोकने, बचने के उपाय व क्रियान्वयन की पुरी योजना के साथ दे रखा हैं | इस स्वास्थ्य चिंतन में प्रमुख रूप से आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन योजना पर विचार होना हैं | इस योजना को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका की स्वास्थ्य योजना जो ओबामाकेयर के नाम से विख्यात हुई उसी के तर्ज पर शुरु किया था | इसे कभी का अमेरिकी सरकार ने इस लोकप्रिय व बड़े जनहित वाली योजना को बढते राजकोषीय नुकसान को देखते हुए बंद कर दिया हैं |

इस योजना की शुरुआत करने वाले भूतपूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कानून बनाने से पहले ई-मेल (Dated: 13-05-2009 Time 08:51 PM official id: President(at)messages (dot)whitehouse(dot)gov) करके भारत के युवा वैज्ञानिक शैलेन्द्र कुमार बिराणी को उनके पत्र की प्राप्ति सूचना के साथ लिखकर दिया की उनके आविष्कार के फायदों को कानून बनाते समय ध्यान में रखा जायेगा | यह आविष्कार भारत के पास होने के कारण उनको प्रतिवर्ष अरबों रूपयों का राजस्व नहीं दे पाया | अब प्रतिवर्ष करीबन 1 लाख 22 हजार करोड के राजस्व पाने की चिंता में भारत का राजकोष सिकुड़ता जा रहा हैं व देश के माथे पर कर्ज के बोझ की गठरी बडी से बडी होती जा रही हैं |

स्वास्थ्य मंत्रालय को जो फाईल राष्ट्रपति सचिवालय ने भेजी उसमें ही देश व दुनिया में खत्म हो रहे लोकतंत्र को बचाने का ईलाज भी मौजूद हैं | राष्ट्रपति की सर्वोच्च संवैधानिक कुर्सी के लंगडेपन की नासूर हो चुकी बिमारी का ईलाज भी इस जवाब की प्रतिक्रिया में रूका पडा है | स्वास्थ्य चिंतन की आयोजन भूमि उत्तराखंड पर इसी वर्ष उत्तराखंड देवभूमि पत्रकार यूनियन से विष्णुदत्त उनियन स्मृति सम्मान पाने वाले वयोवृद्ध पत्रकार जीतमणि पैन्यूली लगातार मौनव्रत एवं धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं ताकि स्वास्थ्य चिंतन निष्कर्ष के इंतजार में चिंता-चिंता कर-कर के संवैधानिक कुर्सी के लंगडेपन की पीड़ा से भूतपूर्व राष्ट्रपति की तरह वर्तमान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को भी समय से पूर्व चिंता पर न लेटना पडे |

शैलेन्द्र कुमार बिराणी
युवा वैज्ञानिक

 

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