देहरादून, मत्स्य पालन मंत्री बहुगुणा ने जानकारी दी कि, राज्य में मत्स्य पालन को प्रोत्साहित किये जाने हेतु एकीकृत राज्य स्तरीय एक्चापार्क की स्थापना की जायेगी जिसके लिए भारत सरकार से रू0 44.50 करोड़ के प्रोजेक्ट की स्वीकृति प्राप्त कर ली गयी है। इस हेतु जनपद उधमसिंहनगर में 16.598 हैक्टेयर भूमि मत्स्य विभाग हेतु हस्तांतरित करायी गयी है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वकांक्षी “मत्स्य सम्पदा योजना” के अन्तर्गत कुल 17 प्रोजेक्ट कुल लागत रू० 48.79 करोड़ की स्वीकृति भारत सरकार से करायी गयी है।
पर्वतीय क्षेत्र में ट्राउट फार्मिंग के 40 से अधिक कलस्टर तैयार किये गये जिनकी सफलता को दृष्टिगत रखते हुए अब मछलियो की अन्य प्रजातियों के पालन हेतु भी कलस्टर आधार पर पॉलीलाईनर तालाब निर्माण की व्यवस्था की गयी है जिससे अब छोटे से छोटे क्षेत्रफल की भूमि उपलब्धता पर भी तालाब निर्माण कराया जा सकेगा।
वित्तीय वर्ष 2022-23 में कुल 689 किसान क्रेडिट कार्ड मत्स्य पालको को अनुमन्य किये गये। इस प्रकार वर्तमान तक कुल 1503 मत्स्य पालको को किसान क्रेडिट कार्ड अनुमन्य किये जा चुके है। राज्य में ट्राउट मत्स्य बीज की सुगम उपलब्धता हेतु नाबार्ड के माध्यम से जनपद पिथौरागढ़ के ग्राम बूंग लूंग में 01 ट्राउट हैचरी के स्थापना के कार्य प्रारम्भ कराये गये है।
क्रमशः
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उत्तराखंड के मत्स्य किसानों को किसी भी प्रकार के जोखिम से सुरक्षा देने हेतु वित्तीय वर्ष 2022-23 में प्रथम बार राज्य अन्तर्गत कार्यरत ट्राउट समितियो के ट्राउट रेसवेज एवं उनमें पोषित हो रही मत्स्य सम्पदा को बीमा की परिधि में लाकर लाभान्वित किया गया। जनपद स्तर पर मात्स्यिकी विकास कार्यों में गति लाये जाने हेतु विभाग में आयोग के माध्यम से कुल 25 मत्स्य निरीक्षको की भर्ती प्रक्रिया पूर्ण करा ली गयी है जिनकी नियुक्ति शीघ्र कर ली जायेगी।
अंत में बहुगुणा ने “प्रधान मंत्री मत्स्य सम्पदा योजना”का जिक्र करते हुए बताया कि, वर्ष 2020 में, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी ने प्रधान मंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (पीएमएमएसवाई) का अनावरण किया, जो भारत में मत्स्य पालन क्षेत्र के सतत विकास के माध्यम से नीली क्रांति लाने की एक योजना है। जिसमें पाँच वर्षों की अवधि में कुल 20,050 करोड़ रुपये के निवेश की परिकल्पना की गई है।
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को सचिवालय में सशक्त उत्तराखण्ड @25 के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए वन विभाग एवं लोक निर्माण विभाग द्वारा तैयार की गई अल्प, मध्य एवं दीर्घकालिक रोडमैप की समीक्षा की।
वन विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि कैम्पा के तहत होने वाले कार्यों में और तेजी लाई जाय। यह सुनिश्चित किया जाय कि कैम्पा के तहत प्राप्त हो रही धनराशि का समय पर एवं सही तरीके से उपयोग हो। वन सम्पदाओं से लोगों की आजीविका में वृद्धि करने की दिशा में लगातार प्रयास किये जाएं। अखरोट, बांस एवं औषधीय पौधों को बढ़ावा देने के लिए मिशन मोड में कार्य किये जाएं। बांज, सागोन, पॉपुलर को बढ़ावा देने की दिशा में कार्य किये जाएं। पिरूल नीति से लोगों की आजीविका बढ़ाने के लिए और प्रयास किये जाएं।
मुख्यमंत्री ने बैठक में वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि हरेला पर्व पर प्रदेश में व्यापक स्तर पर वृक्षारोपण किया जाए। फलदार एवं औषधीय पौधों के रोपण पर विशेष ध्यान दिया जाय। वृक्षारोपण के लिए जन सहभागिता का होना जरूरी है। इसके लिए सामाजिक संगठनों एवं लोगों का पूरा सहयोग लिया जाए। जल संरक्षण एवं जल स्रोतों के पुनर्जीवीकरण की दिशा में विशेष ध्यान दिया जाय। जल संचय के लिए तालाबों के निर्माण की दिशा में वन विभाग द्वारा कार्य किये जाएं। मानव वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए लगातार प्रयास किये जाएं।
वन विभाग की समीक्षा के दौरान जानकारी दी गई कि विभाग द्वारा 2026-27 तक आर्थिकी को दुगुना करने के लिए ईको टूरिज्म गन्तव्यों का विकास किया जा रहा है। वन पंचायतों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कार्य किये जा रहे हैं। लीसा उत्पादन में वृद्धि के लिए प्रयास किये जा रहे हैं। निजी भूमि में स्थित वृक्षों के पातन की प्रक्रिया के सरलीकरण की दिशा में कार्य किये जा रहे हैं।
लोक निर्माण विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि राज्य में पर्यटन के क्षेत्र में हो रहे विकास, मन्दिर माला मिशन के तहत हो रहे कार्यों, विभिन्न शहरों के विकास एवं भविष्य की सम्भावनाओं को देखते हुए सड़कों के निर्माण एवं विस्तार की दिशा में कार्य किये जाए। तकनीकि सर्वें के साथ सड़कों के विकास के सुनियोजित तरीके से कार्य किये जाएं। मुख्यमंत्री ने बैठक में निर्देश दिये कि सड़क निर्माण के साथ ही ड्रेनेज की व्यवस्थाएं भी सुनिश्चित की जाएं। निर्माण कार्यों में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि रोड कटिंग के समय प्राकृतिक जल स्रोत प्रभावित न हों। सड़कों के किनारे फलदार वृक्ष लगाये जाएं।
मुख्यमंत्री ने लोक निर्माण विभाग की समीक्षा के दौरान बारिश से प्रदेश के विभिन्न मार्गों पर सड़क बाधित होने की स्थिति में लोक निर्माण विभाग द्वारा की गई तैयारियों की जानकारी ली। उन्होंने निर्देश दिये कि बारिश के कारण यदि सड़क बाधित होती है तो, उनको तुरंत सुचारू करने के लिए पूरी व्यवस्थाएं रखी जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी पुराने पुलों का भी सर्वे किया जाए। सड़क निर्माण के लिए विभिन्न स्थानों पर जो वन भूमि के प्रकरण चल रहे हैं, उनके समाधान के लिए कार्यों में और तेजी लाई जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़कों के निर्माण एवं सुधारीकरण से संबंधित जो भी कार्य चल रहे हैं, वे सभी निर्धारित समयावधि में पूर्ण किये जाए, इसके लिए अधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय की जाय। उन्होंने सचिव लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिये कि विभाग की ओर से भारत सरकार को जो भी प्रस्ताव भेजे जाने हैं, वे शीघ्र उपलब्ध कराये जाएं।
बैठक के दौरान जानकारी दी गई कि लोक निर्माण विभाग में अगले दो वर्षों में 03 हजार किमी मार्गों का डामरीकरण करने, 3500 किमी मार्गों के नवीनीकरण के कार्य करने का लक्ष्य रखा गया है। दीर्घकालिक योजनाओं के तहत देहरादून, हरिद्वार, रुद्रपुर एवं हल्द्वानी रिंग रोड का निर्माण किया जायेगा। मानसखण्ड योजना के लिए मार्गों के निर्माण हेतु प्रथम चरण के कार्यों की कार्यवाही गतिमान है। वर्षा काल में विभिन्न मार्गों पर 400 जेसीबी लगायी गई है, इनको जीआईएस से कनेक्ट किया गया है।
बैठक में वन मंत्री सुबोध उनियाल, अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, सचिव डॉ. पंकज कुमार, प्रमुख वन संरक्षक(हॉफ) अनूप मलिक, अपर सचिव विजय कुमार जोगदाण्डे, लोक निर्माण एवं वन विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
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