अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव के चौथे दिन राज्यपाल ने किया प्रतिभाग।
योग, ध्यान, साधना के क्षेत्र में ऋषिकेश का है विशिष्ट स्थान।
पूरी दुनिया तक जाए योग महोत्सव की गूंज- राज्यपाल।*
ऋषिकेश मुनि की रेती स्थित गंगा रिजॉर्ट में आयोजित सात दिवसीय ‘अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव’ के चौथे दिन शनिवार सुबह राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) ने बतौर मुख्य अतिथि प्रथम सत्र में प्रतिभाग किया। इस दौरान उन्होंने प्रथम सत्र में आयोजित योग कक्षाओं का भी निरीक्षण किया एवं योग प्रशिक्षकों से विभिन्न आसनों की जानकारी प्राप्त की।
राज्यपाल ने अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव 2023 के आयोजन हेतु मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज समेत पर्यटन विभाग को इस आयोजन की बधाई देते हुए कहा कि इस योग महोत्सव की गूंज पूरे विश्व तक जानी चाहिए।
राज्यपाल ने कहा कि ऋषिकेश इस दुनिया में योग, ध्यान, साधना के क्षेत्र में विशिष्ट स्थान रखता है। उन्होंने कहा कि योग मन, मस्तिष्क और आत्मा को जोड़ता है। राज्यपाल ने कहा कि आज पूरी दुनिया में योग एक विशिष्ट स्थान रखता है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान जब पूरी दुनिया इस रोग से ग्रसित थी तब योग एवं प्रणायाम ने ना सिर्फ़ मानव प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का काम किया बल्कि लोगों को आत्मबल भी दिया। उन्होंने कहा कि योग से मनुष्य को ना सिर्फ़ शारीरिक रूप से मजबूती मिलती है बल्कि इससे मानसिक रूप से भी शांति मिलती है।
राज्यपाल ने कहा कि भारत में योग, साधना, संस्कृति का आपस में बेजोड़ संबंध है उन्होंने कहा कि संस्कृत शब्द का अर्थ सांसों के कृत है, यानी कि प्रणायाम के दौरान जब संस्कृत के शब्दों का प्रयोग करते हैं तो हमारे मन मस्तिष्क और आत्मा को शांति प्रदान होती है। राज्यपाल ने पर्यटन विभाग को योग महोत्सव का सोशल मीडिया के जरिए व्यापक प्रचार प्रसार करने करने के भी निर्देश दिए।
राज्यपाल ने कहा कि आज भारत हर क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है जहां एक ओर भारत G-20 की अध्यक्षता कर रहा है वही भारत के अनुरोध पर यह वर्ष अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है उन्होंने कहा कि भारत योग की शक्ति का प्रमाण पूरा विश्व देख चुका है इसीलिए भारत के अनुरोध पर हर वर्ष 21 जून को विश्व योगा दिवस मनाया जाता है।
सचिव पर्यटन सचिन कुर्वे ने राज्यपाल को आयोजन संबंधी विस्तृत जानकारी दी। इस दौरान योग विशेषज्ञ दिलराज प्रीत कौर एवं डॉ. प्रिया अहूजा ने विभिन्न योगासनों की प्रस्तुति दी। इस दौरान पद्मश्री डॉ. रजनीकांत, उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुनील जोशी समेत बड़ी संख्या में योग साधक मौजूद रहे।
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राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने शनिवार को वसंतोत्सव-2023 के अवसर पर राजभवन में लगी आर्ट गैलरी का अवलोकन किया। इस अवसर पर प्रथम महिला श्रीमती गुरमीत कौर भी उपस्थित रहीं। वसंतोत्सव के अवसर पर इस तीन दिवसीय आर्ट गैलरी में उत्तराखण्ड के चित्रकारों में मुख्य रूप से युवा ने उत्तराखण्ड के ग्रामीण जीवन, महिलाओं, लोक परंपराओं तथा संस्कृति से संबंधित पेंटिंग्स, फोटोग्राफी, स्केच आर्ट के फोटोग्राफ्स लगाए थे। उन्होंने सभी चित्रकारों तथा फोटोग्राफरों से बातचीत की तथा उनकी बेहतरीन कलाकारी व पेंटिंग्स के लिए उत्साहवर्धन किया।
राज्यपाल ने कहा कि चित्रकारों तथा फोटोग्राफर्स को राज्य की ग्रामीण संस्कृति, सामाजिक जीवन तथा पर्वतीय क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं के जीवन से संबंधित पेंटिंग्स तथा फोटोग्राफ्स बनाया जाना सराहनीय प्रयास है इन सब को ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर ले जाकर उनका दुनिया से परिचय कराना चाहिए। उन्होंने व्यक्तिगत रूप से कई चित्रकारों की उत्तराखण्ड से संबंधित पेंटिंग्स खरीदकर उनका मनोबल बढ़ाया। इस दौरान उन्होंने वसंतोत्सव में लगे औद्यानिक गतिविधियों से जुड़े गैर सरकारी संस्थाओं/स्वयं सहायता समूहों/स्थानीय उत्पादक संगठनों द्वारा लगाये गये स्टॉलों का भ्रमण भी किया और जानकारी प्राप्त की। वसंतोत्सव के दौरान आज विशेषज्ञों द्वारा किसानों को जानकारियां उपलब्ध करायी गयी। वहीं पुष्प उत्पादकों व पुष्प क्रेताओं के मध्य सीधे सामन्जस्य स्थापित करने हेतु उत्तराखण्ड औद्यानिक बोर्ड द्वारा क्रेता-विक्रेता सभा का आयोजन भी इस दौरान किया गया। वसंतोत्सव के दूसरे दिन आज लोगों में काफी उत्साह दिखा और इस अवसर पर भारी संख्या में लोग वसंतोत्सव को देखने पहुंचे।
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*राजभवन में वसंतोत्सव के दूसरे दिन आयोजित हुई सांस्कृतिक संध्या*
*राजभवन देहरादून 04 मार्च, 2023*
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह(से नि) ने शनिवार को राजभवन में वसंतोत्सव-2023 के दूसरे दिन आयोजित सांस्कृतिक सन्ध्या का दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया।
आज आयोजित सांस्कृतिक संध्या में उप्रेती बहनों, ज्योती व निरजा उप्रेती का गायन आकर्षण का केन्द्र रहा। उन्होंने अपने गायन से लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने वसंत और होली पर आधारित सुंदर गीत प्रस्तुत किए। जिनमें ‘आज बिरज में होली रे रसिया’, ‘होली कैसे खेलूं री मैं सांवरिया के संग’, ‘उड़ जायेगा रे हंस अकेला, जीवन दो दिन का मेला’ शामिल थे।
सांस्कृतिक संध्या के कार्यक्रमों की श्रृंखला में भातखण्डे संगीत महाविद्यालय की छात्राओं ने मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किए। उन्होंने कृष्णलीला और होली पर आधारित कथक नृत्य प्रस्तुत किए जिसका उपस्थित दर्शकों ने खूब आनंद लिया। इस अवसर पर प्रथम महिला श्रीमती गुरमीत कौर, हंस फाउंडेशन की प्रमुख माता मंगला एवं भोले जी महाराज, निदेशक उद्यान डॉ एच एस बावेजा, निदेशक संस्कृति बीना भट्ट सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।