देहरादून,वरिष्ठ पत्रकार, समाजसेवी कामरेड बच्ची राम कौंसवाल का देहरादून में निधन हो गया है। उनके निधन पर तमाम राजनीतिक और सामाजिक संगठनों ने शोक जताया एंव श्रद्धान्जलि दी है।
टिहरी के पूर्व विधायक किशोर उपाध्याय ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि श्री बच्ची राम कंसवाल जी के निधन से सर्वहारा वर्ग ने अपना मसीहा खो दिया है। वे सदैव समाज के अन्तिम छोर पर और उपेक्षित वर्ग के हितों की रक्षा के लिये समर्पित रहे। कहा कि सामाजिक सरोकारों के लिये समर्पित एक मूर्धन्य हस्ताक्षर का जाना समाज की अपूरणीय क्षति है। टिहरी की राजनीति को उन्होंने सकारात्मक रूप से प्रभावित किया।अनेक आंदोलनों का नेतृत्व किया और जेल यात्रायें की। मेरी अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि।
कांग्रेस के जिलाध्यक्ष राकेश राणा ने भी दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में जगह देने और शोक संतप्त परिवार एवं इष्ट मित्रों को इस असहनीय दुख को सहने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की है। जिला कांग्रेस कमेटी टिहरी गढ़वाल की ओर से पुण्य आत्मा को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की है।
उत्तराखंड कांग्रेस के महामंत्री शांति प्रसाद भट्ट ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि “टिहरी के पुरोधा नेता आदरणीय बच्ची राम कंसवाल जी के निधन से टिहरी की सामाजिक सौहार्द की राजनीति को गहरा आघात लगा है।
मैने उनके साथ एक शिष्य के रूप में काम किया, और “भूदेव लखेड़ा स्मृति मंच” में पंचायतश्री सम्मान में आपसे बहुत कुछ सीखा, आपने हमेशा प्रेरणा दी। बरिष्ट पत्रकार पीसी थपलियाल ने उन्हें बेसहारा लोगों के लिए लड़ाई से हक मांगने वाले हितैषी बताया।
जर्नलिस्ट यूनियन के जिलाध्यक्ष गोविन्द पुंडीर ने कहा कि पत्रकारिता के शुरुआती दिनों में उनसे काफी कुछ सीखने को मिला। जब वह श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के जिलाध्यक्ष चुने गए तो मुझे भी उनके साथ महामंत्री के तौर पर काम करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें। उन्होंने बेसिक शिक्षा विभाग में सेवा के साथ उनकी मांग को उठाकर जेल भरो आंदोलन वर्ष 1973 -73 में किया।
उनके हकों की लड़ाई लड़ते हुए नोकरी से त्यागपत्र देने के बाद जन सरोकारों की लड़ाई लड़ते हुए समाज सेवा का काम में बाकी जीवन की यात्रा पर जन सेवा करते हुए अपने को समर्पित किया है।
उनकी कमी समाज में हमेशा महसूस होगी।
पत्रकार शिवानंद पांडेय ने कहा कि पत्रकारिता …राजनीति का गुणज्ञान…इन्हीं से सीखा…उम्र अनुभव में बड़े होते हुवे भी एक दोस्त की तरह बात करते थे हम..आज आपके बिछुड़ने का आघात लगा है…पता नहीं जिंदगी कब ठहर जाए…अंतिम शारीरिक विदाई…आत्मा तो अजर अमर है…लाल सलाम…कॉमरेड…