देहरादून, पहाडोंकीगूँज,बीजेपी ने आज कांग्रेस को सबसे बड़ा झटका दिया, कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व मंत्री किशोर उपाध्याय ने कांग्रेस का हाथ छोड़ कर बीजेपी का कमल थाम लिया।
किशोर उपाध्याय टिहरी से 2 बार विधायक रहे और नारायण दत्त तिवारी सरकार में मंत्री रहे।
किशोर उपाध्याय ने 2002 से 2007 तक चली उत्तराखण्ड की कांग्रेस सरकार के दौरान ही, मंत्री रहते हुए अपनी गाड़ी से लाल बत्ती हटा कर राजनीति में नया आयाम स्थापित किया।
किशोर उपाध्याय वन अधिकार आंदोलन चला रहे हैं। पहाड़ वासियों को वनों पर दोबारा अधिकार देने के लिए किशोर इस आंदोलन को लगातार आगे बढ़ा रहे हैं। किशोर उपाध्याय पृथक राज्य आंदोलन में भी महत्वपूर्ण भूमिका में रहे।
मार्च 2016 में जब कांग्रेस के 9 विधायक बीजेपी में शामिल हो गए थे और हरीश सरकार अल्पमत में आ गई थी, उत्तराखण्ड में तब राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया था, तब किशोर उपाध्याय ने पूरे उत्तराखण्ड में जबरदस्त तरीके से आंदोलन की अगवाई की थी।
2016 में हरीश रावत का साथ देने वाले अकेले किशोर नहीं गंगोलीहाट के तत्कालीन विधायक नारायण राम आर्य का भी टिकट कांग्रेस काट चुकी है।
किशोर उपाध्याय को कांग्रेस के सभी पदों से हटा दिया गया था। जबकि प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए किशोर के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले आर्येन्द्र शर्मा को कांग्रेस ने पहले प्रदेश कोषाध्यक्ष बनाया और अब सहसपुर से टिकट दे दिया। बताया जा रहा है।