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हरिद्वार शांतिकुंज में कोरोना-योद्धा सम्मानित किये गए

Pahado Ki Goonj

गायत्री तीर्थ में पितृ अमावस्या पर हजारों ने किया सामूहिक श्राद्ध तर्पण

हरिद्वार ६ अक्टूबर।
अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुखद्वय श्रद्धेय डॉ. प्रणव पण्ड्या एवं श्रद्धेया शैलदीदी ने कोरोना काल में विशेष कार्य करने वाले श्मशान घाट खड़खड़ी एवं कनखल के पदाधिकारी एवं कर्मचारी सहित तीस लोगोंं को गायत्री मंत्र चादर, श्रीफल एवं ग्यारह-ग्यारह हजार रुपये का चेक देकर सम्मानित किया। साथ ही कोरोना काल में पीड़ितों एवं जरूरतमंदों की सेवा में अहर्निश जुटे रहे शांतिकुज कार्यकर्त्ताओं को भी सम्मानित किया। सम्मान समारोह शांतिकुंज के सभागार में आयोजित हुआ।
सम्मान समारोह के अवसर पर गायत्री परिवार प्रमुख श्रद्धेय डॉ. प्रणव पण्ड्या ने कहा कि गायत्री परिवार के संस्थापक परम पूज्य पं. श्रीराम शर्मा आचार्य ने पीड़ितों, जरूरतमंदों की सेवा तथा अच्छे कार्य करने वालों का सदैव सम्मान करते रहे। उनके बताये सूत्रों का पालन करते आज भी गायत्री परिवार जरूरतमंदों की सेवा करने में प्रसन्नता अनुभव करता है। उन्होंने कहा कि श्मशान घाट खड़खड़ी एवं कनखल के ऐसे करीब तीस लोग, जिन्होंने कोरोना काल में जी तोड़ मेहनत करते हुए अपने दायित्व निभाया। हमें उनका सम्मान करते हुए हर्ष हो रहा है। श्रद्धेया शैलदीदी ने कहा कि कोरोना से असमय कालकलवित हुए लोगों के अंतिम संस्कार के समय बिना किसी परवाह के कार्य किया है। ये सच्चे कोरोना वारियर्स हैं। सर्वपितृ अमावस्या के अवसर पर कोरोना काल के बीच असमय कालकवलित हुए आत्माओं की शांति एवं सद्गति के लिए गायत्री परिवार प्रमुखद्वय श्रद्धेय डॉ. प्रणव पण्ड्या एवं श्रद्धेया शैलदीदी ने विशेष श्राद्ध संस्कार एवं जलांजलि अर्पित की। उल्लेखनीय है कि इन कोरोना वॉरियर्स का सम्मान समारोह की योजना देवसंस्कृति विवि के प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या ने बनाई थी।
शांतिकुंज व्यवस्थापक  महेन्द्र शर्मा ने बताया कि शांतिकुंज में सर्वपितृ अमावस्या के मौके पर तीन अलग-अलग स्थानों में सामूहिक श्राद्ध संस्कार चौदह पारियों में सम्पन्न हुआ। जिसमें शांतिकुंज परिवार के अलावा विभिन्न राज्यों से आये हजारों श्रद्धालुओं ने अपने-अपने पितरों एवं कोरोनाकाल में दिवंगत हुए आत्माओं की शांति एवं सद्गति के लिए जलांजलि अर्पित की। गौरतलब है कि शांतिकुंज में श्राद्ध संस्कार निःशुल्क सम्पन्न कराये गये। जिसे संस्कार प्रकोष्ठ के उच्च प्रशिक्षित आचार्यों ने वैदिक विधि विधान से सम्पन्न कराया।

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