लिखवार गाँव मे संयोजक जीतमणि पैन्यूली का पांचवें दिन 31 मई2021 से चल रहे मौनव्रत धरना प्रदर्शन प्रेस को विधायिका, न्यायपालिका, कार्यपालिका की भांति संवैधानिक व्यवस्था के दायरे में लाने के लिए जारी है

Pahado Ki Goonj

300 से ज्यादा पत्रकारों की जीरो ग्राउंड पर काम करते हुए कोरोना बीमारी से मृत्यु होगई है।

टिहरी गढ़वाल,पहाडों की गूंज, जय बद्रीविशाल  आज पांचवें दिन   दिनांक 31 मई2021 से चल रहे मौनव्रत धरना प्रदर्शन प्रेस को विधायिका, न्यायपालिका, कार्यपालिका की भांति संवैधानिक व्यवस्था के दायरे में लाने के लिए सुबह6 बजे से9बजे तक अपने निवास स्थान लिखवार गावँ टिहरी बांध प्रभावित प्रतापनगर छेत्र में जारी रहा।देश मे कोरोना मे जीरो ग्राउंड पर काम करने वाले पत्रकारों धरने के माध्यम से मा प्रधानमंत्री  ,सूचना मंत्री भारत सरकार से अनुरोध है कि  देश के हित मे प्रेस हमेशा विषम परिस्थितियों में कार्य करते रहने के चलते अपनी जान माल की हानि की किये बगैर स्वधर्म का पालन करते हैं।देश के लोकतंत्र में प्रेस को छोड़कर तीनों स्तम्भ हार थक कर अपनी बात को कहने के लिए मजबूती प्रदान करने के लिए प्रेस के सामने अपनी पीड़ा को बयां करते हैं।

जब सभी जगह से हार थक कर प्रेस को अपना हितैषी समझ कर अपने मन की बात कहते हैं। जहां विदेशी मीडिया देश को बदनाम करने की साजिश रचने का काम करते हैं वहीं स्वदेशी मीडिया से जुड़े लोग देश की छवि खराब होने से रोकने का काम करते हैं। हमारी सरकार से अपील है कि पत्रकार कल्याण कोष राष्ट्रीय स्तर पर बनाया जाय। पत्रकारों को 

सम्मान दिया जाय कोरोना काल मे  काल के ग्रास हुए

टिहरी बांध प्रभावित छेत्र की मनमोहक सुंदरता में होम स्टे योजना को रोजगार के लिए बृहद रूप में लागू कराने अथितियों की स्वास्थ्य की सुविधा देने के लिए प्रतापनगर के डाक्टरों ने स्व इच्छा व्यक्त की है
जीतमणि पैन्यूली की योजना है कि प्रत्येक घर को होम स्टे लोन सरकार की ग्रांटी पर दिया जाना संभव है

https://youtu.be/Uh7-0Kpha6s

 300 से ज्यादा पत्रकार लोगों को अपने जीवन से हाथ धोना पड़ा  सरकार ने फ्रन्ट लाइन के वर्कर की श्रेणी में भी नहीं माना है। पत्रकारों को वैक्सीन भी नहीं लगाई गई है जिससे उनकी मौत के बाद उनके परिवारों की स्थिति ठीक नहीं है। उन्हें 50,00000 लाख रुपये बीमा दिया जाय।

मैं स्वयं 69 वर्ष की उम्र में जिरोग्राउंड पर काम करते हुए कोरोना की लड़ाई जीतकर समाज सेवा में अपने खर्चे पर जिंदा है

कोरोना पेशंट को बासी भोजन  मैगी ,नूडल्स नास्ते  वासी भोजन चावल में जीरा जिस तेल में महीनों पहले पकोड़े तले हुये थे उसका उपयोग कर स्वस्थ होने की जगह बीमारी को बढ़ावा दिया गया वह तेल खाने में खिलाये गये।एक प्रकार की लूट त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार की उत्तराखंड में मची रही ।ऐसे अन्य जगहों में भी रही है।

टिहरी बांध प्रभावित छेत्र की मनमोहक सुंदरता में होम स्टे योजना को रोजगार के लिए बृहद रूप में लागू कराने अथितियों की स्वास्थ्य की सुविधा देने के लिए प्रतापनगर के डाक्टर त्यागी ने स्व इच्छा व्यक्त की है
जीतमणि पैन्यूली की योजना है कि प्रत्येक घर को होम स्टे लोन सरकार की ग्रांटी पर दिया जाना संभव है #7983825336

https://youtu.be/QAissc1dg1E

 भारत में पत्रकारों की आजादी ‘हिंदू राष्ट्रवादियों’ द्वारा दी जाने वाली धमकियों की वजह से घटी है। यह कहना है, दुनिया भर में मीडिया पर नजर रखने वाली एक एजेंसी द्वारा जारी रिपोर्ट का। रिपोर्ट के अनुसार, स्वतंत्र पत्रकारिता वाले इंडेक्स में भारत को 180 देशों में 136वां स्थान मिला है। मतलब दुनिया के 135 देशों में पत्रकारों को भारत से अधिक आजादी हासिल है।
पिछले वर्ष की तुलना में 3 स्थान नीचे खिसका भारत
https://youtu.be/KCu2zAdfusI 
प्रतिष्ठित एजेंसी ‘रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स’ की वार्षिक रिपोर्ट में भारत ‘वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स’ में 136वें स्थान पर है, जबकि पिछले वर्ष भारत की रैंकिंग 133 थी। रिपोर्ट में हालांकि पूरी दुनिया में मीडिया के लिए चिंताजनक हालात की बात कही गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि “हिंदू राष्ट्रवादियों द्वारा हर तरह की ‘राष्ट्र-विरोधी’ अभिव्यक्तियों को राष्ट्रीय बहस से बाहर करने की कोशिशों के चलते, भारत की मुख्यधारा की मीडिया में स्व नियंत्रण (सेल्फ सेंसरशिप) का रुझान बढ़ा है। रिपोर्ट में भारत पर केंद्रित अध्याय को ‘(प्रधानमंत्री) मोदी के राष्ट्रवाद से खतरे’ शीर्षक दिया गया है।
रिपोर्ट में अमेरिका सहित लोकतांत्रिक व्यवस्था वाले देशों में पत्रकारिता की स्वतंत्रता के घटने को लेकर आगाह किया गया है। 
रिपोर्ट में अन्य देशों का स्थान
अमरीका को इस सूची में 43वां, कनाडा को 22वां और न्यूजीलैंड को 13वां स्थान दिया गया है, वहीं नॉर्वे को सर्वाधिक स्वतंत्र मीडिया वाला देश बताया गया है। सूची में स्वीडन दूसरे और फिनलैंड तीसरे स्थान पर है। रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स के महासचिव क्रिस्टोफ डेलोएरे ने बुधवार को पेरिस में कहा कि “लोकतांत्रिक देश जिस गति से नीचे की ओर जा रहे हैं, वह उन लोगों के लिए खतरे का संकेत है जो यह समझते हैं कि अगर मीडिया की स्वतंत्रता सुरक्षित नहीं रही तो अन्य तरह की आजादियां भी सुरक्षित नहीं रहेंगी। चौंकाने वाली बात यह है कि मीडिया की स्वतंत्रता के मामले में अफगानिस्तान, फिलिस्तीन, युगांडा और अल्जीरिया रैंकिंग में भारत से ऊपर हैं। भारत से तीन स्थान ही नीचे उसका चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान 139वें स्थान पर  है। बांग्लादेश 146वें, रूस 148वें और चीन 176वें पायदान पर है। भारत के बारे में रिपोर्ट में कहा गया है कि पत्रकारों को सोशल मीडिया पर ‘बेहद कट्टरपंथी राष्ट्रवादियों’ द्वारा निशाना बनाए जाने की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं, उन्हें बदनाम करने के लिए अभियान चलाए जाते हैं, अपशब्द कहे जाते हैं और यहां तक कि शारीरिक हिंसा की धमकी दी जाती है। श्री नरेन्द्र मोदी जी तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने से पहले श्री बद्रीनाथ धाम में 5 दिवसीय पाठ करवाया था
हिट एंड गोल करने के लिए देश के
पत्रकार साथियों से अनुरोध है कि यदि आप प्रेस को संवैधानिक व्यवस्था के तहत  मन से लाना चाहते हैं तो 125 हजार जप 9 दिवसीय पाठ पूजा,यज्ञ का फल पाने के लिए साधुसंतों का,भंडारा श्री बद्रीनाथ मन्दिर के समीप 17 विद्धवान पंडितों से कराने के लिए यथा शक्ति
सहयोग के लिए चंदा दान देना चाहते हैं 
या Pahadon ki goonj BOI a/c no 705330110000013
IFSC:BKID0007053 से भेजयेगा। 
भारत में दी जाती है धारा 124ए के तहत केस दर्ज करने की धमकी: रिपोर्ट
रिपोर्ट के अनुसार, “सरकार की खुलकर आलोचना करने वाले पत्रकारों का मुंह बंद करने के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए के तहत मुकदमा दर्ज कराने की धमकियां तक दी जाती हैं, जिसके तहत देशद्रोह के लिए आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान है।”
हालांकि रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अब तक भारत में किसी पत्रकार को देशद्रोह का दोषी करार नहीं दिया गया है, लेकिन इस तरह की धमकियों से आत्म नियंत्रण बढ़ता है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत सरकार द्वारा ‘अंतर्राष्ट्रीय प्रभाव को कम करने के लिए विदेशी अनुदान नियमों’ में बदलाव करने के बाद मीडिया की स्वतंत्रता विशेष तौर पर प्रभावित हुई है।
 
पत्रकारों की सुरक्षा के लिए कोई भी प्रणाली नहीं की गई विकसित
रिपोर्ट में जम्मू एवं कश्मीर में पत्रकारिता करने के खतरों का भी जिक्र किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है, “भारत सरकार जिन क्षेत्रों को संवेदनशील मानती है, जैसे कश्मीर, उन जगहों से पत्रकारिता करना लगातार कठिन बना हुआ है और पत्रकारों की सुरक्षा के लिए कोई प्रणाली भी नहीं विकसित की गई है।”
केंद्र सरकार से आग्रह है कि जब लोकतंत्र के तीनों स्तम्भ विधायिका, न्यायपालिका, कार्यपालिका से जुड़े उच्च पदों पर बैठे लोगों की बात सुनी नहीं जाती तब उनको प्रेस को ही अपना पका हितैसी  मानकर प्रेस के सामने अपना पक्ष रखते हैं।प्रेस को सब मान समान अपनी गरज पर देते हैं।लोकतंत्र का सच्चा देश भगत यदि प्रेस को कहने में किसी को गुरेज नहीं होना चाहिये। प्रेस को संवैधानिक व्यबस्था का अंग मानने के लिए संसद  में विल  लाया जाय।मा प्रधानमंत्री जी से आग्रह है ।तब तक पत्रकारों के लिए 3000 करोड़ का कल्याण कोष ट्रष्ट का गठन कर प्रत्येक पत्रकार को 250000 हजार रुपए सम्मान राशि  साल भर में डीजयेगा 500000 लाख का बीमा 60वर्ष से 25 हजार रूपये पेंशन 5000000 रिटायरमेंट में दिए जायँ,निःशुल्क इलाज प्राइवेट हॉस्पिटल में भी कराने की व्यवस्था कीजिएगा ।प्रत्येक उद्योग से उनके प्रचार प्रसार की मदद का बड़ा हिस्सा उद्योगों निगमों, प्राधिकरण, अभिकरण, के प्रचार प्रसार मदद का 5% सीधे पत्रकार कल्याण कोष जमा कर दिया जाय ।पत्रकारो को  प्रत्येक नगर, जिले में आवास बनाने वाली एजेंसियों से 2-2%कोटा सभी श्रेणी के भवन निर्माण में आबंटित का नियम बनाया जाय।पत्रकार यूनियन के लिए जमीन आवंटित की जाय। 5लाख रुपए का ऋण 2% व्याज पर देने के नियम बना दिया जाय।

ज्यादा से ज्यादा शेयर कर  सहयोग कर वट्सप न0 7983825336,8755286843 पर सूचित भी  किजयेगा। रामायण के उत्तरकाण्ड को पढ़िये उसमें कोरोना  मारने का ज़िक्र है।🥐🥥 हल्दी नारियल का प्रयोग भी किजयेगा। तपस्या पूजा  मास्क पहन कर समाजिक दूरी  से बचाव किजयेगा🙏

अपने  सुझाव,संस्थान ,विभाग के शुभकामनाएं, विज्ञापन  प्रगति आख्या भेजने के लिए 7983825336,8755286843 ईमेल : Pahadonkigoonj@gmail.com

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