देहरादून पहाड़ों की गूंज,
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने रायपुर स्थित कोविड केयर सेंटर का निरीक्षण करने के बाद ऋषिकेश आईडीपीएल में निर्माणाधीन 500 बेड के कोविड अस्पताल का निरीक्षण किया। इस दौरान डीआरडीओ के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री जी को निर्माणाधीन अस्पताल के पूरे ले-आउट से अवगत कराया।
अधिकारियों ने बताया कि अस्पताल को दो सेक्टर में बांटा गया है जिसमें 250-250 बेड की व्यवस्था की गई है।
अस्पताल में लिक्विड पेट्रोलियम प्लांट लगाने के साथ ही यहां 24 घंटे बिजली बैकअप की व्यवस्था की गयी है। इसके अलावा फार्मेसी, लैब की भी व्यवस्था की जा रही है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि जल्द से जल्द निर्माण कार्य पूरे कर लिए जाएं।
यह युद्ध की स्थिति है और हमें कोई भी कमी नहीं छोड़नी है। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार से जो सहयोग की आवश्यकता है उसके बारे में तत्काल बताया जाए।
उन्होंने कहा कि राज्य को सुविधाओं के विकास में भारत सरकार का पूरा सहयोग मिल रहा है।
इसके बाद मुख्यमंत्री जी ने ऋषिकेश एम्स पहुँचकर यहां निदेशक प्रोफेसर रविकांत एवं उनकी टीम के साथ तैयारियों को लेकर बैठक की।
मुख्यमंत्री जी ने इस दौरान अस्पताल में उपलब्ध ऑक्सीजन बेड, वेंटिलेटर आदि के बारे में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि अस्पतालों को निर्देशित किया गया है कि वे 24 घंटे पहले अपनी ऑक्सीजन जरूरतों के लिए प्रशासन को अवगत कराएं ताकि अफरा तफरी की स्थिति न बने।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कोविड महामारी से जंग में जुटे सभी डॉक्टरों व पैरामेडिकल स्टाफ का आभार भी जताया। मुख्यमंत्री को एम्स निदेशक ने बताया कि वर्तमान में अस्पताल में कम क्षमता के ऑक्सीजन प्लांट हैं जिसे बढ़ाने की आवश्यकता है। एम्स निदेशक ने कहा कि अस्पताल में 40 हजार लीटर के ऑक्सीजन प्लांट की आवश्यकता है जिस पर मुख्यमंत्री ने इस मामले में सकारात्मक कार्रवाई का भरोसा दिलाया। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल , मेयर ममगाईं मौजूद रही है
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उत्तराखंड में कोविड सम्बंधी राज्य सरकार की व्यवस्थाओं के बारे में सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी ने मीडिया सेंटर में आयोजित प्रेस कॉन्फ़्रेंस में बताया कि प्रदेश में कोविड-19 को लेकर लगाता सैंपलिंग की जा रही है। अब तक प्रदेश में 40 लाख के करीब सैंपलिंग की जा चुकी है, प्रदेश में कुल दो लाख के क़रीब कोविड मरीज़ हैं जिनमें से डेढ़ लाख मरीज स्वस्थ हो चुके हैं, बीते 24 घंटे में लगभग 4500 के करीब मरीज स्वस्थ होकर घर लौटे हैं यह संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।
सचिव अमित नेगी ने बताया कि प्रदेश में टेस्टिंग रेट प्रति मिलियन और राज्यों की तुलना में अधिक है । पूरे प्रदेश में 17 लाख लोगों को वैक्सीनेशन की पहली डोज लग चुकी है, जबकि पाँच लाख प्रदेशवासियों को दूसरी डोज़ भी लग चुकी है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में वर्चुअल ओपीडी और ई-संजीवनी पोर्टल लगातार दूरस्थ इलाकों तक अपनी सेवा दे रहा है, शुरुआती दौर में रोज़ाना करीब 200 मरीजों को ईसंजीवनी के जरिए निशुल्क परामर्श दिया जा रहा था जबकि वर्तमान में एक हजार से अधिक प्रदेशवासियों को घर बैठे निशुल्क परामर्श दिया जा रहा है।
सचिव अमित नेगी ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा होम आइसोलेशन के लिए सचिव दिलीप जावलकर को तैनात किया गया है इसके अलावा सचिव श्रीमती सौजन्या को कोविड किट वितरण के लिए जिम्मेदारी दी गई है। सचिव स्वास्थ्य ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा 18 से 45 वर्ष के बीच के युवाओं के लिए वैक्सीनेशन हेतु पहले ही 100 करोड़ का बजट जारी किया गया है। उम्मीद है कि अगले कुछ दिनों में प्रदेश में 18 साल से ऊपर के लोगों के लिए वैक्सीन पहुंच जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि 45 से अधिक उम्र के लोगों के लिए प्रदेश में व्यापक स्तर पर वैक्सीनेशन का कार्य चल रहा है।
भारत सरकार ने राज्य सरकार के लिए 60 मेट्रिक टन ऑक्सीजन की अतिरिक्त आपूर्ति हेतु अनुमति प्रदान कर दी है जिसके बाद अब प्रदेश में 183 मेट्रिक टन ऑक्सीजन की सप्लाई मिलती रहेगी। नरेंद्र नगर में ऑक्सीजन प्लांट शुरू हो गया है, जिला चिकित्सालय अल्मोड़ा और चमोली में अगले कुछ दिनों में ऑक्सीजन प्लांट शुरू हो जाएंगे। इसके अलावा राज्य सरकार द्वारा अन्य जिलों में ऑक्सीजन प्लांट की डिमांड भेजी गई है जिसे जल्द स्वीकृति मिलने की उम्मीद है।
सचिव अमित नेगी ने बताया कि दून मेडिकल कॉलेज में 40 अतिरिक्त ऑक्सीजन बेड स्थापित किए गए हैं
साथ ही कोरोनेशन अस्पताल में भी बेड की संख्या बढ़ाई गई है।
बीते 1 सप्ताह में राज्य सरकार द्वारा 500 सिलेंडर विभिन्न प्रयासों से लाए गए हैं ।जबकि कुछ दिनो में 500 और सिलेंडर मिलने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि सीएसआर के माध्यम से ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की व्यवस्था की जा रही है।
सभी प्राइवेट अस्पतालों को रेमिडिसिविर इंजेक्शन और ऑक्सीजन के ऑडिट के लिए निर्देश दिए गए हैं,
इसके अलावा अस्पतालों के बेड एलोकेशन और ओवरचार्जिंग को लेकर भी सख्त हिदायत सरकार की तरफ से दी गई है। प्राइवेट अस्पतालों को यह भी निर्देशित किया गया है कि मरीज को बेहतर इलाज के साथ ही पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाएं सुनिश्चित की जाए।
दवाओं की कालाबाजारी को लेकर आईजी अमित सिन्हा ने जानकारी देते हुए बताया कि उधम सिंह नगर जिले में दो मुकदमे दर्ज किए गए हैं जिनमें एक ओवर चार्जिंग को लेकर है और दूसरे मामला ऑक्सीमीटर को महंगे दाम में बेचने संबंधित है। इसके अलावा देहरादून में भी बिना बिल के ऑक्सीमीटर बेचने के मामले में कारवाई की गई है।