देहरादून मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री आवास में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित किये।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने इसके पश्चात गांधी पार्क, देहरादून में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी व पूर्व प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री के चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी एवं महात्मा गांधी जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि आज देश के दो महान विभूतियों राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं पूर्व प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने देश की आजादी के लिए अहिंसक आन्दोलन किया। उन्होंने अंहिसा के सिद्धान्त पर जनता को नागरिक अधिकारों एवं स्वतंत्रता के प्रति आन्दोलन के लिए प्रेरित किया। पूर्व प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री ने ‘‘जय जवान जय किसान’’ का नारा दिया और भारतीय सेना और किसानों की मजबूती के लिए कार्य किया। देश के स्वतंत्रता संग्राम और नवभारत के निर्माण में शास्त्री जी का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
इस अवसर विधानसभा अध्यक्ष श्री प्रेमचन्द अग्रवाल, भाजपा के प्रदेश अध्यक्षण श्री वंशीधर भगत, विधायक श्री हरबंस कपूर, श्री खजान दास, श्री मेयर श्री सुनील उनियाल गामा ने भी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं पूर्व प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किये।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कचहरी, देहरादून में उत्तराखण्ड के शहीद राज्य आन्दोलनकारियों को श्रद्धा सुमन अर्पित किये।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि आज ही के दिन उत्तराखण्ड के इतिहास में एक काला अध्याय भी जुड़ा। जब राज्य आन्दोलनकारियों द्वारा उत्तराखण्ड राज्य की मांग के लिए शांतिपूर्ण तरीके से आन्दोलन किया जा रहा था। तब रामपुर तिराहा में इन आन्दोनकारियों पर बर्बरता पूर्वक अत्याचार किया गया।मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य निर्माण के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले राज्य आन्दोलनकारियों के बलिदान के परिणामस्वरूप ही उत्तराखण्ड एक पर्वतीय राज्य बना। राज्य आन्दोलनकारियों के सपनों के अनुरूप उत्तराखण्ड का विकास हो इसके लिए राज्य सरकार निरन्तर प्रयासरत है।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शहीद स्थल रामपुर तिराहा, मुजफ्फरनगर में शहीद स्मारक पर उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलकारी शहीदों की पुण्य स्मृति में श्रद्धासुमन अर्पित किये। राज्य निर्माण के लिए बलिदान देने वाले आन्दोलनकारियों को श्रद्धांजलि देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आन्दोलनकारियों के सपनों के उत्तराखण्ड की दिशा में सरकार कार्य कर रही है। राज्य आन्दोलनकारियों के योगदान को हमेशा याद किया जायेगा।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि हम आज के दिन को अनेक रूपों में मनाते हैं। देश की आजादी के लिए अहिंसा और सत्याग्रह के के सिद्धान्त पर चलने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं जय जवान जय किसान का उद्घोष कर देश के सैन्य शक्ति को प्राथमिकता देने वाले और किसानों की मजबूती के लिए कार्य करने वाले देश के पूर्व प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती है। उन्होंने जय किसान के उद्घोष से देश को खाद्यान्न के मामले में देश को आत्मनिर्भर बनाने के निर्णय लिया। उत्तराखण्ड एवं तत्कालीन उत्तर प्रदेश के इतिहास में आज के दिन को एक काले धब्बे के रूप में भी हम लोग देखते हैं। जिस तरह से रामपुर तिराहा में राज्य आन्दोलनकारियों पर आमानवीय अत्याचार हुआ, अनेक नौजवान शहीद हुए। यहां के स्थानीय लोगों ने इन नौजवानों के सम्मान और सुरक्षा के लिए जिस तरह योगदान दिया, उनके योगदान को हमेशा याद किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य बड़े संघर्ष के बाद बना। राज्य के निर्माण में सभी वर्गों के लोगों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी बाजपेयी जी ने उत्तराखंड राज्य का निर्माण करवाया। जब उत्तराखण्ड राज्य बना उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री वर्तमान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह थे। आज राज्य तेजी से प्रगति के पथ पर अग्रसर है। उत्तराखण्ड की प्रति व्यक्ति आय, शिक्षा, इन्फ्रास्टक्चर में तेजी से वृद्धि हुई है। उत्तराखण्ड सीमान्त प्रदेश है, जिसकी लगभग पौने छः सौ किलोमीटर की अन्तरराष्ट्रीय सीमाएं हैं। उत्तराखण्ड के सामरिक महत्व एवं राष्ट्रीय सुरक्षा को देखते हुए श्री लालकृष्ण आडवानी जी ने भी उत्तराखण्ड को अलग राज्य बनाने की मांग की थी। आज हम चीन की सीमा तक सड़क पहुंचा चुके हैं।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने इस अवसर पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी व पूर्व प्रधानमंत्री स्व.श्री लाल बहादुर शास्त्री के चित्र पर श्रद्धासुमन भी अर्पित किये।
इस अवसर पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष/विधायक श्री वंशीधर भगत, विधायक हरवंश कपूर, प्रदीप बत्रा, मुजफ्रनगर के विधायक प्रमोद उडवाल, मेयर रूड़की गौरव गोयल, गौ सेवा आयोग के उपाध्यक्ष राजेन्द्र अन्थवाल एवं अन्य गणमान्य उपस्थित थे।
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उत्तराखंड चारधाम यात्रा 2020
*देवस्थानम बोर्ड द्वारा आज 2 अक्टूबर शायं तक 4401 ई -पास जारी।
* चारधाम यात्रा हेतु कोरोना निगेटिव जांच रिपोर्ट की बाध्यता समाप्त होने के बाद आज ई -पास की संख्या बढ़ी।
* तीन माह में कुल 85785 ई- पास जारी हुए।
* लोगों में चारधाम यात्रा के प्रति उत्साह,
* अभी तक 46 हजार से अधिक तीर्थयात्री
चार धाम के दर्शन कर चुके हैं।
देहरादून:2 अक्टूबर।प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत तथा पर्यटन-धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज के दिशा-निर्देश में उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम् प्रबंधन बोर्ड द्वारा प्रदेश के लोगों के लिए चार धाम यात्रा का 1 जुलाई से शुभारंभ हुआ जबकि 25 जुलाई से कुछ प्रावधानों के साथ चार धाम यात्रा सभी के लिए शुरू हुई।
चार धाम तीर्थयात्रा हेतु उत्तराखंड से बाहर के तीर्थ यात्री 72 घंटे पूर्व की इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) से प्रमाणित लैब से कोरोना जांच की नैगेटिव रिपोर्ट अथवा क्वारंटीन अवधि का प्रमाण के मानक को समाप्त कर दिया गया है। अब स्वास्थ्य मानको का पालन कर देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट से देश के अन्य प्रांतों के लोग आसानी से चारधाम यात्रा ई पास बना सकते है। आज शाम तक उत्तराखंड देवस्थानम् प्रबंधन बोर्ड की वेबसाइट www.badrinath-kedarnath.gov. in से 4401 लोगों ने चार धामों हेतु ई -पास बुक कराये हैं।
जिसमें श्री बदरीनाथ धाम के लिए 1113 श्री केदारनाथ धाम के लिए 2162 श्री गंगोत्री धाम हेतु 657 श्री यमुनोत्री धाम हेतु 469 लोगों ने ई पास बुक कराये है।
आयुक्त गढ़वाल/उत्तराखंड चार धाम देवस्थानम् प्रबंधन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन ने यह जानकारी दी है कि देवस्थानम बोर्ड द्वारा श्री यमुनोत्री धाम एवं गंगोत्री धाम में न्यासियों/ हकूकधारियों के सहयोग हेतु देवस्थानम बोर्ड के अधिकारियों/कर्मचारियों की तैनाती की है। उन्होंने कहा कि देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड अधिनियम के तहत हक हकूकधारियों के सभी हित सुरक्षित हैं।
कहा कि देवस्थानम द्वारा अब प्रदेश से बाहर लोगों को कोरोना निगेटिव जांच रिपोर्ट एवं क्वारंटीन की शर्तों को हटा दिया गया है।
अब सभी को स्वास्थ्य मानकों का पालनकर चार धाम यात्रा की अनुमति है। चार धामों में तीर्थयात्रियों को मंदिरों में दर्शन हो रहे है जिसमें किसी तरह का कोई अवरोध नहीं है।
चारधाम यात्रा के अच्छे परिणाम आये हैं। कोरोना महामारी से बचाव एवं रोकथाम हेतु थर्मल स्क्रीनिंग, सेनेटाइजेशन के पश्चात ही मंदिरों में तीर्थ यात्रियों को प्रवेश दिया जा रहा है।मास्क पहनना अनिवार्य किया गया है शोसियल डिसटेंसिंग का ध्यान रखा जा रहा है। यात्रा मार्ग पर देवस्थानम बोर्ड के यात्री विश्राम गृहों को तीर्थ यात्रियों की सुविधा हेतु खोला जा चुका है। तीर्थयात्रियों से अपेक्षा की जा रही है कि अति आवश्यक होने पर ही धामों में रूके। यह कोशिश रहे कि दर्शन के पश्चात तीर्थ यात्री निकटवर्ती स्टेशनों तक वापस आ जाये। मौसम तथा सड़कों की स्थिति की जानकारी रखें। सड़को की स्थति अब सामान्य है। बरसात के बावजूद यात्रा मार्ग खुले हुए हैं। प्रदेश सरकार का प्रयास है कि चारों धामों में धीरे-धीरे तीर्थ यात्रियों की आमद हो ताकि पर्यटन एवं तीर्थाटन को गति मिल सके। अब उत्तराखंड से बाहर के लोग भी बिना कोरोना निगेटिव रिपोर्ट के चारधाम यात्रा हेतु ई पास बनाकर एवं स्वास्थ्य संबंधी मानक पूरे कर यात्रा कर सकते हैं। केवल कोरोना के लक्षणवाले लोगों के पाज़िटिव रिपोर्ट आने पर चारधाम यात्रा की अनुमति नहीं होगी जब तक कि उनकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव नहीं आ जाती। सामान्य जांच में कोरोना के लक्षण पाये जाने पर संबंधित जिला प्रशासन यात्री का कोविड-19 आरटी पीसीआर टेस्ट करवायेंगे। हेली काप्टर से आने वाले तीर्थयात्रियों को ई पास से छूट दी गयी है तथा हेली से दर्शन को पहुंचनेवाले तीर्थयात्रियों के स्वास्थ्य जांच की जिम्मेदारी संबंधित हेली कंपनी की होगी।
अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बी.डी.सिंह ने बताया कि देवस्थानम बोर्ड द्वारा 1 जुलाई से 2 अक्टूबर शाम तक 85785 ई -पास जारी किये जा चुके हैं। ई पास तीर्थ यात्रियों को उनके द्वारा सुझाई गयी तिथियों हेतु जारी किये गये है। ई पास लेकर तीर्थयात्री दर्शन को पहुंच रहे हैं। अभी चारों धामों में दर्शन हेतु आनेवाले तीर्थयात्रियों की संख्या बद्रीनाथ हेतु 1200, केदारनाथ हेतु 800, गंगोत्री हेतु 600 तथा यमुनोत्री हेतु 450 पूर्ववत सीमित रखी गयी है।
देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा.हरीश गौड़ ने बताया कि अभी तक 46 हजार से अधिक तीर्थ यात्री चार धाम दर्शन हेतु पहुंच गये है। कोरोना बचाव मानकों का पालन हो रहा है तथा चारधाम यात्रा सतत रूप से चल रही है।
पोर्टल प्रभारी संजय चमोली के अनुसार ई- पास के लिए श्रद्धालुओं द्वारा लगातार संपर्क किया जा रहा है तथा यात्रियों जी को उचित मार्गदर्शन किया जा रहा है।