सरकार का कोरोना वाइरस से बचाव करने के लिए वीडियो जारीकिया है।
https://youtu.be/z0bsdONqfPE
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दिल्ली, लिखवार गांव टिहरी गढ़वाल से, पहाड़ों की गूंज की विशेष रिपोर्ट
सभी उत्तराखण्ड़ी भाई बहनो* हम लोग कोशिश मे हैं सभी उत्तराखण्डी भाइयों और बहनो को जो कि भारत के विभिन्न इलाकों मे फंस गये हैं लॉकडाउन की वजह से उन्हे उनके गावं / शहर मे पहुँचाया जा सके ..!
इसके लिये क्यूंकि *सिर्फ प्रधान मंत्री को लाकडाउन कानून के अंतर्गत अधिकार है* उन्हे ही लगभग 450 लोगो की लिस्ट के साथ (जिनकी हमारे पास सूचना है ) नीचे लिखा पत्र मेल किया गया है ..!
*पत्र की प्रति* माननीय कैबिनेट सचिव, मुख्य मंत्री उत्तराखण्ड ,गृह सचिव,भारत सरकार , प्रमुख शासन कैबिनेट सचिव,प्रमुख सचिव, उत्तराखण्ड सरकार , सचिव NDMA आदि को भी आवश्यक कार्यवाही और सूचना के लिये E मेल किया है ..!
*आप सभी से भी निवेदन हैं कि अपने स्तर पर भी हर संभव पर कोशिश करें …!*
माननीय प्रधान मंत्री को लिखा पत्र :
*आदरणीय*
*प्रधानमंत्री*
महोदय ,
करोना महामारी से बचाव हेतू राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन क़ानून 2005 के अन्तर्गत सम्पूर्ण लाॅकडाउन का आपका निर्णय बहुत ही स्वागतयोग्य है।
इस महामारी से निपटने के लिये सरकार द्वारा उठाये जा रहे सभी कदम प्रशंसनीय है।
आपके संज्ञान मे लाना चाहते कि लाॅकडाउन के चलते उत्तराखंड प्रदेश के हजारों नौजवान देश के विभिन्न हिस्सों मे फंसे हुयें है।
इनमे से अधिकतर नौजवान होटल एवं रेस्तरां मे काम करते थे। सभी व्यवसायिक गतिविधियों के बंद होने के कारण इन नौजवानों को विकट परिस्थिति का सामना करना पड़ रहा है ।
काम बंद होने एवं होटल मालिकों द्वारा किसी भी प्रकार का आश्वासन न होने के कारण इनके समक्ष न सिर्फ आर्थिक संकट आन पड़ा है बल्कि यह लोग मानसिक रूप से तनाव मे भी आ गये है ।
बताना चाहते है कि यह सभी नौजवान घर छोड़कर रोजगार हेतू दूसरे राज्यों मे रहते है जबकि इनका परिवार अपने अपने गाँव मे कृषि आदि का कार्य करके जीवन यापन करते है ।
इनमे से अधिकतर लोग बहुत शिक्षित एवं व्यवसायिक शिक्षा पाये हुये नही है । यह लोग होटल रेस्तरां इत्यादि मे मौसमी एवं अस्थायी नौकरी करते है । यह लोग फसलों के बोते एवं पकते समय कृषि कार्य हेतू अपने गाँव चले जाते है ।
आप जानते है कि यह रबी की फसल का कटाई का समय है जिस कारण यह सभी लोग अपने घर जाना चाहते है । उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों मे कृषि के सभी कार्य अभी भी पारम्परिक रूप से होते है जिस कारण खेती श्रमशक्ति पर ही निर्भर है ।
सरकार द्वारा लिये गये फैसले मे भी कृषि को अतिआवश्यक कामो की सूचि मे रखा गया है ।
अलग अलग राज्यों मे फंसे हुयें नौजवानों की सहायता करने हेतु कुछ बुद्धिजीवियो का एक समूह उत्तराखंडी कामगार कल्याण समिति का गठन किया गया है ।
पिछले कुछ दिनो मे इस समिति द्वारा इन नौजवानों की विस्तृत जानकारी जमा कर इन तक सहायता पहुँचाने का काम किया है ।
समिति द्वारा सभी लोगो को लाॅकडाउन का पूरी तरह से पालन करने एवं जंहा है जैसै है बने रहने का निवेदन किया गया है परन्तु बड़ी संख्या मे नौजवानों ने अपने कृषि कार्यो का हवाला देकर उत्तराखंड वापस भेजे जाने का निवेदन किया है ।
हमारा ऐसा मानना है कि यदि यह लोग वापस जाकर कृषि कार्यो मे ही स्थायी रोजगार की संभावना तलाशते है तो पहाड़ी क्षेत्रों से पलायन को रोका जा सकेगा।
आपसे विनम्र निवेदन है कि मानवीय आधारो पर उचित स्वास्थ्य जांच के पश्चात इन लोगो के वापस उत्तराखंड जाने हेतू अनुमति प्रदान करने की कृपा करें।
हमे यह भी ज्ञात हुआ है कि यदि इन लोगो की वापसी मे सहायता करने हेतू बहुत सारे समाजसेवी संस्थाएं अपना सहयोग देना चाहती है । यह संस्थाएँ इस कार्य को कुशलतापूर्वक पूरा करने मे सक्षम है। तथा हम और हमारी सहयोगी संस्थाएं यह सुनिश्चित करेगी की मेडिकल संबधित सभी नियमो का उचित पालन किया जायेगा ।
आपसे पुनः निवेदन है कि उचित कानूनी प्रावधानो के अन्तर्गत अतिशीध्र इस कार्य हेतू अनुमति प्रदान करने से संबधित निर्देश विभागों को करें । आपकी अति कृपा होगी ।
*राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन क़ानून के तहत आपको एवं केन्द्र सरकार को ही इस सन्दर्भ मे निर्देश जारी करने का प्रावधान है अतः हमने यह प्राथर्ना पत्र सीधे आपको ही लिखना उचित समझा। हमे आशा ही नही उम्मीद है कि आप उत्तराखंड के बच्चो के इस दर्द को समझकर अवश्य अनुमति प्रदान करेंगे ।*
हम आपको आश्वस्त करते है कि अनुमति मिलने पर सभी व्यवस्था हम हमारी सहयोगी संस्थाओ के साथ मिलकर कर पायेंगे ।
धन्यवाद
*CA राजेश्वर प्रसाद पैन्यूली*
उत्तराखंडी कामगार कल्याण समिति
WhatsApp+919868231957.
Email rajeshwar.painuly@gmail.com
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