उत्तराखंड प्रदेश में अतिवृष्टि से घरों को पैदा हुआ खतरा 2 की मौत 5 लापतात

Pahado Ki Goonj
अतिवृष्टि से गाड़, गदेरों व नदियों के ऊफान पर आने से घरों को पैदा हुआ खतरा 
उत्तरकाशी में बारिश से भारी नुकसान, दो लोगों की मौत, पांच से ज्यादा लापता, कई घर जमींदोज
देहरादून,  उत्तराखंड में भारी बारिश ने जन-जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया। उत्तरकाशी के मोरी प्रखंड के आराकोट क्षेत्र में बीती रात्रि अतिवृष्टि से माकुड़ी, टिकोची, आराकोट एवं मौंडा गांव में भारी तबाही मच गई। ग्रामीणों के अनुसार इन गांवों के ऊपरी हिस्सों में बादल फटने से गाड़ गदेरे उफान पर आ गए, जिनसे कि भारी मलबा आया। माकुड़ी गांव में सरोजनी देवी पत्नी उपेंद्र सिंह की मलबे में दबने से मौत हो गई। इसी गांव में चतर सिंह का मकान भूस्खलन के मलबे में दफन हो गया। इस घर में परिवार के पांच सदस्य मौजूद थे। जिनका अभी तक कुछ पता नहीं चल पाया है। मौंडा गांव की प्रधान माया देवी एवं अक्षय चैहान ने बताया कि गांव के ऊपरी क्षेत्र में बादल फटने से गदेरे में आए उफान से यहां भारी नुकसान हुआ है। 
मंगली देवी पत्नी गुलाब सिंह निवासी दखवाण गांव पट्टी ग्यारह गांव थाना घनसाली टिहरी गढ़वाल उम्र 40 वर्ष जंगल मे घास लेने गयी थी जिसके ऊपर समय करीब 12 बजे दोपहर पेड़ गिरने से मौके पर ही मृत्यु हो गई। मौंडा गांव के खक्वाड़ी एवं झोटाड़ी गांव में भी आपदा से भारी नुकसान हुआ है। झोटाड़ी गांव में छत्रपाल चैहान का परिवार घर में ही फंस गया है। आराकोट में नकोट गांव की ओर से आने वाले गदेरे में आए उफान से यहां कई मकानों में मलबा घुस गया। गदेरे से सटा मकान बहने से यहां रह रहे राइंका आराकोट के शिक्षक बृजेंद्र कुमार (57) एवं उनकी बेटी शीलू (25) के साथ ही एक अन्य महिला के भी बहने की सूचना है। आराकोट में पाबर नदी के किनारे से शिक्षक का शव बरामद होने की सूचना मिल रही है। यहां पाबर नदी का पानी ईशाली गांव को जोड़ने वाले झूला पुल को छूते हुए बह रहा है। जिससे पुल पर भी खतरा मंडरा रहा है। रविवार तड़के हुई इस घटना के दौरान खतरा भांपते हुए ग्रामीणों ने अपना घर-दुकानें छोड़कर पहाड़ी पर चढ़कर अपनी जान बचाई। मोरी आराकोट क्षेत्र में आपदा की सूचना मिलते ही डीएम डा. आशीष चैहान ने बड़कोट, पुरोला और मोरी से राजस्व विभाग, एसडीआरएफ एवं एनडीआरएफ की टीम को मौके पर रवाना कर दिया है। डीएम ने आपदाग्रस्त क्षेत्र से नजदीकी को देखते हुए हिमाचल प्रदेश के प्रशासन से भी राहत एवं बचाव कार्य के लिए संपर्क किया है। डीएम डा.आशीष चैहान ने कहा कि क्षेत्र में अतिवृष्टि के कारण आपदा के हालात पैदा हुए हैं। भारी बारिश के बाद से अब अलकनंदा, पिण्डर, धोली,नंदाकनी, बालखिला नदियां उफान पर हैं। वहीं, सडकों पर मलबा आने से चमोली में 19 सडकें भी बंद हैं। उत्तरकाशी में भी जिले के अधिकांश हिस्सो में सुबह से बारिश का सिलसिला जारी है। गंगोत्री राजमार्ग चुंगी-बड़ेथी के पास मलबा और पत्थर आने से बंद हो गया है। गौरीकुंड से केदारनाथ के बीच भूस्खलन का खतरा देखते हुए यात्रियों को पड़ावों पर रोका गया है। सुबह 8 बजे तक गौरीकुंड से 230 श्रद्धालुओं ने धाम के लिए प्रस्थान किया था। बारिश के चलते रामबाड़ा में मंदाकिनी नदी पर बना पुराना झूला पुल टूटा गया है। त्यूनी में भी टोंस नदी के उफान पर पर आने से कई घर खतरे की जद में आ गए हैं। तहसील प्रशासन ने 35 परिवारों के घरों को खाली कराकर सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया है। अपर जिलाधिकारी रामजी शरण ने बताया कि बादल फटने के कारण एक महिला मलबे में दब गई है। खतरे को देखते हुए त्यूनी बाजार को भी खाली कराया गया है। प्रदेश के नौ जिलों में अगले 24 घंटों के दौरान भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। मौसम विभाग की ओर से जारी अलर्ट के अनुसार देहरादून के साथ नैनीताल, चंपावत, ऊधमसिंह नगर और पौड़ी जिलों में बहुत भारी बारिश हो सकती है। हरिद्वार, टिहरी, चमोली और पिथौरागढ़ जिलों में भारी बारिश का अनुमान है। मौसम केंद्र निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि देहरादून और आसपास के इलाकों में दो से तीन दौर की तेज बारिश हो सकती है। इस दौरान चमक और गरज के साथ तेज बौछारें पड़ सकती है। आज वर्षा के कारण देहरादून के स्कूलो में डीएम के आदेश से छुटी रहेगी।
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