राजकीय प्राथमिक विद्यालय चोपता में लाइब्रेरी का शुभारंभ करते लोकप्रिय डीएम मंगेश घिल्डियाल।
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राजकीय प्राथमिक विद्यालय चोपता में लाइब्रेरी का शुभारंभ
-जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बच्चों को सुनाई कहानी
-कहानी सुनकर बच्चों ने दिए जवाब
-बच्चों में भाषा की समझ होना आवश्यकः मंगेश
रुद्रप्रयाग, आजखबर। जिला प्रशासन, डायट व रूम टू रीड एनजीओे के सहयोग से जनपद रुद्रप्रयाग के राजकीय प्राथमिक विद्यालय चोपता से प्रारम्भिक शिक्षा के लिए प्राथमिक साक्षरता पठन कौशल एवं पढ़ने की आदत कार्यक्रम व विद्यालय में लाइबे्ररी का शुभारम्भ किया गया। लाइब्रेरी का उद्घाटन करते हुए लोकप्रिय जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने पुस्तकालय में बच्चों को कहानी पढ़कर सुनाई और बच्चों ने कहानी सुनकर उसके जवाब भी दिए। कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रारम्भिक कक्षा एक से पांच तक के लिए पुस्तकालय है, जिससे बच्चों में पठन कौशल एवं पढने की आदत विकसित हो। इसके लिए कक्षावार व दिवसवार पाठय सामाग्री डिजाइन की गई है। बच्चों को आसानी से वर्ण की पहचान, मात्राआंे, शब्दों को बनाना, धारा प्रवाह भाषा बोलने के अनुसार सिलेबस है।
कार्यक्रम का शुभारम्भ करते हुए जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने कहा कि प्रारम्भिक शिक्षा के उन्नयन के लिए कार्यक्रम जनपद के 535 प्राथमिक विद्यालयों में शुरू किया गया। डायट द्वारा जनपद के प्राथमिक कक्षाओं के लिए नवाचारी पहल को सहर्ष स्वीकार किया गया, जिसकी मुझे खुशी है और 21 सप्ताह का पाठयक्रम है जिसके निश्चित रूप से सकरात्मक परिणाम मिलेंगे। भाषा की समझ होना अति आवश्यक है। यदि बच्चों को भाषा की समझ नहीं होेगी तो विषय किस प्रकार समझ आएगंे। बच्चों को भाषा के साथ सहज (कम्फर्टेबल) होने पर विषय वस्तु की समझ होगी, अन्यथा शिक्षक कुछ भी पढायें बच्चों को समझ नहीं आयेगा। सभी में पढने की आदत होनी चाहिए, तभी जाकर कोई भी चिंतन व मनन कर सकता है। जिलाधिकारी ने डायट को निरन्तर कार्यक्रम की सिलेबस के अनुरूप विद्यालयों की माॅनिटरिंग व सहयोग देने को कहा। इस अवसर पर एनजीओ रूम टू रीड इण्डिया ट्रस्ट की राज्य समन्वयक पुष्पलता ने कहा कि बच्चा घर से बोलना, चलना सीखता है जबकि विद्यालय में पढना व लिखना सीखता है। बच्चे के पढने व लिखने में अध्यापक की भूमिका होती है। रूम टू रीड कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चों में पढने की आदत को विकसित करना है। ऐसी पाठयवस्तु उपलब्ध कराना जिसे देखकर बच्चा स्वयं रूचि लें। ऐसा वातावरण मिलने से बच्चा स्वतंत्र पाठक बन सकेगा और जिंदगी में कोई भी निर्णय स्वयं ले सकता है। जनपद प्रभारी प्रेम सिंह रावत ने कहा कक्षा एक के अंत तक बच्चे अपने पाठ्यक्रमों को धाराप्रवाह एवं समझ के साथ पढने मे सक्षम होंगे, अगर नियमित बच्चों के साथ पठन योजनावद्ध सभी आठ पठन आयमों पर कार्य किया जाय। इस अवसर पर जिला शिक्षाधिकारी डाॅक्टर विद्या शंकर चतुर्वेदी ने कहा कि यह कार्यक्रम जनपद रुद्रप्रयाग के सभी राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में कक्षा एक में भाषा कौशल विकसित करने वो कक्षा एक से पांच तक में पढ़ने की आदत के विकास के लिए समग्र शिक्षा के नवाचारी कार्यक्रम के अंतर्गत संचालित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम के तहत सभी प्राथमिक विद्यालय के कक्षा एक में हिन्दी भाषा पढ़ाने वाले शिक्षकों का प्रशिक्षण होना है जिस क्रम में अभी लगभग 350 टीचर की ट्रैनिंग हो गई है तथा एकल शिक्षक वाले विद्यालयों के शिक्षकों के प्रशिक्षण की कार्य योजना बनाई जा रही और कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए डाइट और रूम टू रीड अकादमिक सहयोग सभी विद्यालयों को दिया जाएगा। कार्यक्रम का संचालन शिक्षक दिग्बर सिंह राणा ने किया। इस अवसर पर वरिष्ठ कोषाधिकारी शशि सिंह, प्राचार्य डायट एस एस असवाल, खण्ड शिक्षाधिकरी अगस्त्यमुनि केएल रडवाल, जखोली डीपी सेमवाल, डाइट से डाॅक्टर वीके यादव, जीपी सती, कालिका प्रसाद सेमवाल, एनएस बिष्ट, प्रियंका भट्ट, शिक्षक दुर्गा सती, अल्पना रावत सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
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फोटोः नरसू गांव में पौधों का रोपण करते पर्यावरणविद चंडी प्रसाद भट्ट एवं अन्य।
नदियों के तटवर्ती इलाकों को हरा-भरा बनाने की जरूरतः भट्ट
-सारी-नरसू गांव में वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन
-प्रख्यात गांधीवादी व पर्यावरविद चंडी प्रसाद भट्ट ने किया शुभारंभ
-कार्यक्रम में पन्द्रह सौ फलदार पौधों का किया गया रोपण
रुद्रप्रयाग, आजखबर। नमामि गंगे अभियान के तहत विकासखण्ड अगस्त्यमुनि के गांव सारी-नरसू में वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम के दौरान पन्द्रह सौ फलदार पौधों का रोपण किया गया, जिनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी जिलाधिकारी द्वारा महिला मंगल दल को सौंपते हुए ग्यारह हजार रुपये दिये।
वृक्षारोपण कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए प्रख्यात गांधीवादी और पर्यावरणविद् चंडी प्रसाद भट्ट ने कहा कि नदियों के तटवर्ती क्षेत्रों को वृक्षारोपण से हराभरा बनाकर ही हम गंगा को सदानीरा और स्वच्छ बना सकते हैं। इसके लिए व्यावहारिक एवं ईमानदार पहल करने की आवश्यकता है। पर्यावरणविद् भट्ट ने कहा कि वर्तमान में पर्यावरणीय असंतुलन के कारण सारा विश्व संकट के दौर से गुजर रहा है। दुनिया की आधी आबादी पानी के अभाव की मार झेल रही है। नदियां प्रदूषित और जलविहीन हो गई हैं, जिससे मानव जीवन का अस्तित्व ही खतरे में पड़ गया है। विशाल हिमखंडों से पोषित होने वाली नदियां धीरे-धीरे सूख रही हैं। वनों के लगातार घटते चले जाने से मृदा क्षरण और भूस्खलन की घटनाएं तेज हो गई हैं। इसका एकमात्र समाधान यही है कि हम अधिक से अधिक वृक्ष लगाकर नदियों को रोखड़ में बदलने से रोकें।
वृक्षारोपण के लिए अलकनंदा के दाहिने पार्श्व के तटवर्ती तप्पड़ में एकत्र स्थानीय महिला मंगल दलों, छात्र-छात्राओं, शिक्षकों, भारत तिब्बत सीमा पुलिस व सेना के जवानों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को एकत्रित-प्रेरित करने वाले शिक्षक सतेंद्र भंडारी की पहल की प्रशंसा करते हुए लोकप्रिय जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने कहा कि चिपको आंदोलन को चलाकर पेड़ों की रक्षा करने वाले इस भूभाग के लोगों ने सारे विश्व को वृक्षों का महत्व बताया है। यहां की मातृ-शक्ति ने उसके संरक्षण के साथ ही युक्तियुक्त उपयोग की सीख भी दुनिया को दी है। इसलिए हम सबकी जिम्मेदारी है कि हम पेड़ लगाकर और उनकी रक्षा कर अपने पर्यावरण और आर्थिक समृद्धि का रास्ता निकालें। पत्रकार और चिपको आंदोलन के कार्यकर्ता रमेश पहाड़ी ने इस क्षेत्र के स्वतंत्रता आंदोलन में ऐतिहासिक भागीदारी का स्मरण कराते हुए ग्रामीणों का आह्वान किया कि वे जो पेड़ लगाएं, उसकी रक्षा की जिम्मेदारी भी लें। तभी वृक्षारोपण की सार्थकता भी होगी। उन्होंने इस अभियान में जोश एवं जागृति पैदा करने के लिए नारे और संकल्प की आवश्यकता पर भी बल दिया। जन अधिकार मंच के अध्यक्ष मोहित डिमरी ने सभी प्रतिभागियों को संकल्प दिलाया, जिसमें रोपे गए पौधों को बचाने-बढ़ाने की जिम्मेदारी प्रत्येक प्रतिभागी द्वारा ली गई। बताया कि पांच हेक्टेयर भूमि पर पांच हजार छायादार, फलदार पेड़ लगाने का लक्ष्य है। प्रथम चरण में 1500 पौधों का रोपण किया गया। जिलाधिकारी द्वारा महिला मंगल दल को 11 हजार रुपये पौधों की देखभाल के दिए गये। कार्यक्रम में शिक्षक सतेंद्र भंडारी ने प्रतिभागियों का स्वागत किया और पेड़ों की सुरक्षा का विश्वास दिलाया। कार्यक्रम में मुख्य विकास अधिकारी सरदार सिंह चैहान, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी रमेश सिंह नितवाल, पशु चिकित्सा अधिकारी रमेश सिंह, महिपाल सिंह सिरोही, अस्सिस्टेंट कमांडेंट आईटीबीपीवी के कृष्णा, सूबेदार जैकलाई सोहन सिंह, जिला उद्यान अधिकारी योगेंद्र सिंह सहित अधिकारी व ग्रामीण उपस्थित थे।