ताला एवं माला लेकर सूचना निदेशालय पहुचेंगे पत्रकार
देहरादून- सूचना विभाग की मनमानी नीतियों के विरोध मे आज संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले पत्रकारों ने सूचना निदेशालय मे तीन घन्टे तक सांकेतिक धरना दिया।
सूचना विभाग के वर्तमान महानिदेशक डा.मेहरबान सिंह बिष्ट के अल्प कार्यकाल मे प्रदेश से प्रकाशित होने वाले समाचारपत्र- पत्रिकाओं की निरंतर उपेक्षा के चलते पत्रकारों का आक्रोश फूट पड़ा।
पहले हरेला पर्व का तदुपरांत श्रीदेव सुमन से सम्बंधित विज्ञापन को केवल गिने चुने आधा दर्जन समाचारपत्रों को जारी किए जाने के मनमाने फैसले के विरोध में सयुंक्त संघर्ष समिति के बैनर तले सूचना निदेशालय मे तीन घन्टे तक समाचार पत्र व पत्रिकाओं के साथ वेब पोर्टल व वेब मीडिया को विज्ञापन न मिलने पर धरना दिया गया।
जिसमें दिनेश शक्ति तिर्खा,अनिल वर्मा, सुरेन्द्र अग्रवाल, शिवप्रसाद सेमवाल, चन्द्र शेखर जोशी, संजीव पंत,आलोक शर्मा, सोमपाल सिंह, जीतमणि पैन्यूली, अमित सिंह नेगी,केशव कुमार पचौरी ,घनश्याम जोशी,दीपक धीमान सहित तीन दर्जन से ज्यादा कई संघठनों के वरिष्ठ पत्रकारों ने अपने सम्बोधनो मे सूचना विभाग की इस मनमानी के विरोध संघर्ष छेड़ने का आवाहन किया।जीतमणि पैन्यूली ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री नारायण दत्त तिवारी जी ने 6 लाख के विज्ञापन छोटे अखबारों को दिए ,डॉ रमेश पोखरियाल निशंक जी के समय भी ठीक रहा परन्तु उसके बाद विज्ञापन देने में कटौती होती रही पैन्यूली ने कहा कि उत्तराखंड राज्य परेशानी को कम करने के लिए बनाया गया है।हमारे शहीदों को नमन करते हुए राष्ट्रीय पर्व की भांति 1900 वर्ग सेंटीमीटर का विज्ञापन जारी किया जाना चाहिए।जब सरकारी नौकरी करने वाले लोगों को कर्ज देकर वेतन दिया जाता है तो समाचार पत्रों को विज्ञापन देने में क्यों कटौती की जारही है।उन्होंने कहा कि बरिष्ट पत्रकार के लिए पेंशन योजना के तहत प्रमाण पत्र के साथ अपने लेखों की हार्ड कॉपी लांगने का फरमान जारी किया है।उन्होंने प्रश्न किया है कि सूचना विभाग में जिसने नोकरी के लिए आवेदन किया है उनमें किस अभ्यर्थी से प्रमाण पत्रों के साथ उनके उतीर्ण होने की उत्तर पुस्तिकाओं को मंगा कर जमा करने के लिए काम किया है उसका नाम बताया जाय साथ ही कल्याण कोष में प्रति वर्ष 50 लाख रुपए सरकार जमा करते रहे ताकि बढती हुई संख्या के लिए सामाजिक सुरक्षा व्यवस्था की जासके।पैन्यूली ने कहा कि पेंशन 10 हजार रुपए होनी चाहिए।इस बात का समर्थन सभी ने किया है। इस अवसर पर आयोजित सभा की अध्यक्षता नरेश मनोचा ने जबकि संचालन विकास गर्ग ने किया।। इस अवसर पर तैयार ज्ञापन को सौपने के लिए कई बार महानिदेशक को फोन लगाया गया परन्तु उनमें शायद इतना साहस नहीं रहा कि पत्रकारों का सामना करते। उनके फोन रिसीव न करने पर अपर निदेशक डा.अनिल चन्दोला ने धरना स्थल पर आकर ज्ञापन लिया।
ज्ञापन में मांग की गई है कि श्रीदेव सुमन से सम्बंधित विज्ञापन तत्काल जारी किया जाए,क्योंकि यह मात्र विज्ञापन का मामला नहीं है वरन पत्रकारों के आत्मसम्मान से जुड़ा मामला है। अगर इस न्यायोचित मांग को न मान कर महानिदेशक द्वारा हठधर्मिता दिखाई गई तो उग्र आंदोलन होगा जिसके लिए वह स्वयं जिम्मेदार होंगे।
आंदोलन की अगली कड़ी में सभी समाचार पत्र व पत्रिकाओं के साथ वेब पोर्टल व वेब मीडिया के बन्दु गण कल 26 जुलाई को सुबह 8-30 बजे माला औऱ ताला दोनों लेकर सूचना निदेशालय पहुचेंगे। यदि मांग मान ली गई तो धन्यवाद ज्ञापित कर माला पहनाई जाएगी और यदि न मानी गई तो दफ्तर के मुख्य द्वार पर तालाबंदी कर प्रदर्शन करेंगे।
आज धरना प्रदर्शन में शामिल होने वाले पत्रकारों मे प्रमुख रूप से बिजेन्द्र कुमार यादव, एन.के.गुप्ता, वीरेंद्र दत्त गैरोला, नरेश बलोनी, लल्लि ढौंडियाल, सर्वेश्वर प्रसाद लखेड़ा, मामचन्द शाह,नीलेश कुमार, अनिल मनोचा,सुश्री रचना गर्ग,दीपक शाह,प्रकाश कुलाश्री,आशीष नेगी, अनुराग गुप्ता, चन्दन एस कैन्तुरा,अनूप ढौंडियाल, अरुण नेगी, अवधेश नौटियाल, विनय कुमार, आदि ने भाग लिया। विपरीत मौसम एवं अल्प नोटिस के बावजूद कई दर्जन पत्रकारों के जूटने से यह साबित हो गया है कि उत्तराखंड का पत्रकार अब सूचना विभाग की मनमानी को अब कतई बर्दाश्त नहीं करेगा। जिस महा बलिदानी अमर शहीद श्रीदेव सुमन कक श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनकी पुण्य तिथि पर यह धरना प्रदर्शन प्रारंभ कर लोकतंत्र की रक्षा मर हमारी संस्कृति की रक्षा है तो यह बेकार नहीं जायेगा।
इस अबसर पर अल्प सभी का धन्यवाद ज्ञानपित करते हुए चाय पान का आयोजन उत्तराखंड वेब पोर्टल एसोसिएशन के अध्यक्ष जीतमणि पैन्यूली की ओर से किया गया है।यह व्यवस्था अगले धरने तक उनकी ओर से ही जारी रहेगी।