देवप्रयाग उत्तराखंड के टिहरी जिले में है और गंगा नदी भी देवप्रयाग से बनकर शुरू होती है। देवप्रयाग में शराब आजतक नहीं मिलती थी। मतलब ड्राई एरिया। लेकिन इन उत्तराखंड के सपुतों न जहां शराब नहीं मिलती थी वहीं शराब की फैक्ट्री लगाकर दुनिया को बता दिया है । उत्तराखंड के तीर्थ स्थल के आसपास शराब की फैक्ट्री लगा दी है। मैं तो सोच रहा था हिल टाप कोई रिजोर्ट है।पता चला शराब का नाम है। मतलब हिल का मतलब पहाड और टाप का मतलब सबसे उपर।हिलटाप को हिल में पिया जा सके।हमारे प्रदेश के नीति नियंताओं ने देवप्रयाग में शराब की फैक्ट्री लगाने का निर्णय ले लिया है।बेचो अपनी जमीन शराब की फैक्टरियों के लिए । शाबाश । जिन पूर्वजो ने अपने खून पसींने से उस जमीन को सींचा तुमने वो जमीन बेच दी शराब की फैक्ट्री खड़ी करने के लिए,कुछ चन्द पैसे कमाने के लिए । जहाँ से भागीरथी अलकनंदा मिलके गंगा के स्वरूप में आते है अब उसी देवप्रयाग के नाम से लोग धुत्त होंगे । अब देवप्रयाग संगम के साथ हिल टाप शराब की बोतल में ठंडे पानी के साथ अथवा गंगा जल के साथ सीधे तौर पर डकार पा सकेंगे। देवभूमि में दानव भुमि बनाने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं।न तो उत्तराखंड के सरकार में बैठे लोगों के पास विजन है भांग और शराब की बात खुब हो रही है। लेकिन विकास के नाम पर जीरो टालरेंस और पुर्व की सरकारें फेल साबित हो चुकी हैं। उत्तराखंड में केवल राजस्व के लिए सरकारदेवप्रयाग उत्तराखंड के टिहरी जिले में है और गंगा नदी भी देवप्रयाग से बनकर शुरू होती है। देवप्रयाग में शराब आजतक नहीं मिलती थी। मतलब ड्राई एरिया। लेकिन इन उत्तराखंड के सपुतों न जहां शराब नहीं मिलती थी वहीं शराब की फैक्ट्री लगाकर दुनिया को बता दिया है । उत्तराखंड के तीर्थ स्थल के आसपास शराब की फैक्ट्री लगा दी है। मैं तो सोच रहा था हिल टाप कोई रिजोर्ट है।पता चला शराब का नाम है। मतलब हिल का मतलब पहाड और टाप का मतलब सबसे उपर।हिलटाप को हिल में पिया जा सके।हमारे प्रदेश के नीति नियंताओं ने देवप्रयाग में शराब की फैक्ट्री लगाने का निर्णय ले लिया है।बेचो अपनी जमीन शराब की फैक्टरियों के लिए । शाबाश । जिन पूर्वजो ने अपने खून पसींने से उस जमीन को सींचा तुमने वो जमीन बेच दी शराब की फैक्ट्री खड़ी करने के लिए,कुछ चन्द पैसे कमाने के लिए । जहाँ से भागीरथी अलकनंदा मिलके गंगा के स्वरूप में आते है अब उसी देवप्रयाग के नाम से लोग धुत्त होंगे । अब देवप्रयाग संगम के साथ हिल टाप शराब की बोतल में ठंडे पानी के साथ अथवा गंगा जल के साथ सीधे तौर पर डकार पा सकेंगे। देवभूमि में दानव भुमि बनाने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं।न तो उत्तराखंड के सरकार में बैठे लोगों के पास विजन है भांग और शराब की बात खुब हो रही है। लेकिन विकास के नाम पर जीरो टालरेंस और पुर्व की सरकारें फेल साबित हो चुकी हैं। उत्तराखंड में केवल राजस्व के लिए सरकार का फोकस केवल शराब और खनन है। माफियाओं के चंगुल में ही शराब और खनन खुब चल रहा है। आजकल केवल जीरो टालरेंस का नाम चल रहा है। धरातल पर कुछ नहीं। आखिर कब उत्तराखंड राज्य के दिन आएंगे? हरदा का पहाड़ में फलों और कोदे झंगोरे की शराब वाला बयान परवान चढ़ने लगा है।हरदा ने चलाई डेनिस,तिरदा के राज में हिल टाप ? हरीश रावत ने टाप अप किया और तिरदा ने चलाई हिल टाप । का फोकस केवल शराब और खनन है। माफियाओं के चंगुल में ही शराब और खनन खुब चल रहा है। आजकल केवल जीरो टालरेंस का नाम चल रहा है। धरातल पर कुछ नहीं। आखिर कब उत्तराखंड राज्य के दिन आएंगे? हरदा का पहाड़ में फलों और कोदे झंगोरे की शराब वाला बयान परवान चढ़ने लगा है।हरदा ने चलाई डेनिस,तिरदा के राज में हिल टाप ? हरीश रावत ने टाप अप किया और तिरदा ने चलाई हिल टाप।
बी विधायक मोदी के नाम से जीत कर आये अपना इनका कोई भी दम नहीं है तो मुख्यमंत्री के सामने किसी की कोई बात नहीं हो सकती है ।होती तो 30 महीनों से मंत्री मन्डल का गठन नहीं होने से विभाग मुख्यमंत्री से सम्भल नहीं पारहे हैं। उर्जा, लोनिवि, स्वास्थ्य, राजस्व, अनेकों विभाग पर कुंडली मार कर बैठे हुए हैं दिन रात घूमने के लिए मुख्यमंत्री का काम है।विना जनकारी के धन की बर्बादी करने में लगें हैं जैसे सी पीलेन की अभी देश मे नियमावली नहीं बनी है और यम ओ यू पर साइन करदिया ।फालतू खर्चा बहुत करने पर प्रदेश को कर्जदार बनाने में अग्रणी भूमिका निभाई जारही है।पत्र का मानना है कि माo उच्च न्यायालय को आदेश उत्तराखंड सरकार को करना चाहिए कि जो नियम भारत मे है ही नहीं उस नियम के विरुद्ध व्यवस्था को लागू नहीं किया जना चाहिए।साथ ही विपक्ष को इसका कारण पूछताछ करने के लिए प्रयास करते रहे तो प्रदेश सरकार मन मर्जी से फजूल खर्चा नहीं कर सकती है।सड़क पर उतर जाना चाहिए।प्रदेश की बेरोजगारी को दूर करने में बुरी हालत हो रही है।जनता का ध्यान बाटने के अलावा इनके लिये काम ही नहीं है।