उत्तराखंड शिक्षा विभाग में अजब खेल, पहले मिला सम्मान फिर अगले ही पल दे दिया ट्रांसफर का ‘अपमान’
अल्मोड़ाः गणतंत्र दिवस पर एक अजीब मामला सामने आया. जिले के मुख्य शिक्षा अधिकारी को बेस्ट सीइओ के तौर पर मुख्यमंत्री उत्कृष्टता एवं सुशासन पुरस्कार से सम्मानित किया गया. फिर अगले ही पल छुट्टी के दिन घूसखोरी के आरोप में उनका तबादला कर दिया गया. सभी हैरान परेशान हो गए. सम्मान पाने वाले मुख्य शिक्षा अधिकारी को यह बात गले नहीं उतर रही कि ये सम्मान था या अपमान? जानिए, पूरा मामला
अल्मोड़ा के मुख्य शिक्षा अधिकारी को मिला पहले सम्मान फिर अपमान
दरअसल, मुख्य शिक्षा अधिकारी जगमोहन सोनी को गणतंत्र दिवस के मौके पर प्रदेश के बेस्ट सीईओ के तौर पर मुख्यमंत्री उत्कृष्टता एवं सुशासन पुरस्कार 2018 से सम्मानित किया गया. यह सम्मान उन्हें कोसी संवर्द्धन एवं स्कूलों में रूपान्तरण कार्यक्रम में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए दिया गया. वह सम्मान पाकर एक पल वह गदगद थे, लेकिन अगले ही क्षण उन्हें सूचना मिली कि उनका तबादला आदेश जारी हो गया है. यह सुनकर वह हैरान हो गए कि उन्हें सम्मान मिला या अपमान? तबादले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने इसे अधिकारियों को हतोत्साहित करने वाला बताया.
अल्मोड़ा के मुख्य शिक्षा अधिकारी जगमोहन सिंह सोनी को छुट्टी के दिन निदेशालय अटैच करने संबंधित आदेश पत्र जारी हुआ है. बताया जा रहा है कि यह तबादला शिक्षा अधिकारी को जिले के एक अशासकीय विद्यालय प्रबंधन समिति के लोगों द्वारा की गई शिकायत पर तुरन्त कर दिया गया. तबादले की सूचना के बाद मुख्य शिक्षा अधिकारी ने शिकायत पर अपनी सफाई दी और इसे निराधार बताते हुए कहा कि इससे अधिकारियों की छवि खराब होती है.
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उधर, जगमोहन सोनी के अचानक तबादले के आदेश से शिक्षा विभाग में हड़कंप है. बताया जा रहा है कि विगत दिनों पिथौरागढ़ दौरे पर जा रहे प्रभारी मंत्री व प्रदेश के शिक्षा मंत्री अरविन्द पांडेय से रास्ते में कुछ लोगों ने मुख्य शिक्षा अधिकारी पर अशासकीय विद्यालय में शिक्षकों की नियुक्ति विज्ञापन को लेकर कथित घूस लेने का आरोप लगाया था. जिस पर शिक्षामंत्री ने आरोपों की बिना जांच किए तुरन्त ही मुख्य शिक्षा अधिकारी को अल्मोड़ा से स्थांनांतरित कर शिक्षा निदेशालय में अटैच करने का शासनादेश जारी कर दिया.
शिक्षामंत्री के तुरन्त लिए इस निर्णय को मुख्य शिक्षा अधिकारी जगमोहन सोनी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि अचानक किया गया तबादला उनकी समझ से परे है. उन्होंने कहा कि यदि किसी ने शिकायत की है तो उसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए थी. वे आगे कहते हैं कि एक ओर सरकार उन्हें प्रदेश में बेहतर शिक्षा के क्षेत्र में काम करने के लिए सम्मानित कर रही है. वहीं, दूसरी ओर अचानक पिछले दरवाजे से तबादले का आदेश देना सही नहीं है. उन्होंने कहा कि जिस विद्यालय के मामले में उन्हें घसीटा जा रहा है, वहां नई भर्ती के शासनादेश के अनुसार मानक पूरे नहीं बैठ रहे हैं. इसलिए उन्होंने शिक्षकों की भर्ती के लिए विज्ञप्ति जारी करने पर ऐतराज जताया था.
वहीं जगमोहन सोनी को सम्मानित करने वाले वन मंत्री हरक सिंह रावत से जब इस बारे में पूछा गया तो बात पलट गए और उन्होंने इस बारे में शिक्षामंत्री अरविंद पांडेय से बात करने की बात कही.