बड़कोट (मदन पैन्यूली)-संयुक्त घोषित जनपद संघर्ष समिति उत्तराखंड के प्रतिनिधि मंडल ने चारों घोषित जनपदों को शीघ्र अस्तित्व में लाने के लिए उपजिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को ज्ञापन भेजा। ज्ञापन में कहा गया है कि 15 अगस्त 2011 को भाजपा की तत्कालीन सरकार के मुख्यमंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक ने यमुनोत्री, डीडीहाट, कोटद्वार, एवं रानीखेत के रूप में चार नए जनपदों के गठन की घोषणा की थी। उसके बाद भुवन चन्द्र खण्डूड़ी की सरकार ने 8 सितम्बर 2011 को शासनादेश जारी किया था।लेकिन इस समय जब उत्तराखंड में पुनः भारतीय जनता पार्टी की पूर्ण बहुमत की सरकार है तो इन पूर्व में घोषित चारों जनपदों को शीघ्र अस्तित्व में आना चाहिए। लेकिन वर्तमान सरकार जन भावनाओं को दरकिनार कर जनपद गठन को कोई ध्यान नहीं दे रही है। पृथक जनपद संघर्ष समिति ने कई बार चारों जगह आंदोलन, भूख हड़ताल की लेकिन आश्वासन के बाद भी सरकार इस ओर कोई सकारात्मक कदम नहीं उठा रही है। ज्ञापन में कहा गया है कि यदि सरकार जल्द ही पूर्व घोषित चारों जनपदों के गठन के प्रति गम्भीरता नही दिखाती है तो क्षेत्र की आम जनता व संघर्ष समिति फरवरी के प्रथम सप्ताह से व्यापक आंदोलन करेगी। ज्ञापन देने वालों में अब्बल चन्द कुमाई, भरत चौहान, महिपाल असवाल, सुरवीर सिंह पँवार, रामानन्द डबराल,भोला दत्त नौटियाल, राजेन्द्र सिंह रावत, किताब सिंह, किशन सहित कई लोग शामिल थे।