संघर्ष स्थल पर 94वाँ दिवस जारी मसूरी से मिला समर्थन
*गैरसैंण राजधानी के पक्ष में उतरी उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी समिति, मसूरी और कीर्तिनगर नागरिक विकास समिति, मसूरी|*
देहरादून 19 दिसम्बर 2018| गैरसैंण को पूर्णकालिक व स्थाई राजधानी बनाने को लेकर *गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान* का धरना 94वाँ दिवस में प्रवेश कर गया|
आज गैरसैण राजधानी के पक्ष में उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी समिति, मसूरी और कीर्तिनगर नागरिक विकास समिति, मसूरी खुलकर मैदान में उतर आई| मसूरी से *गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान* के मंच पर पहुंचे *उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी समिति, मसूरी* और *कीर्तिनगर नागरिक विकास समिति, मसूरी* से जुड़े प्रतिनिधि मंडल जिसमें राज्य आंदोलनकारी * देवेश्वर प्रसाद जोशी, प्रदीप भंडारी, मसूरी होटल युनियन के अध्यक्ष सोबन सिंह पंवार, भगवान सिंह चौहान, कलमकार गम्भीर सिंह जयाडा, विमल गैरोला, बृजेश भट्ट, संतोष जोशी, मसूरी मजदूर संघ के सचिव श्री गम्भीर सिंह पंवार, मनोज भट्ट आदि* सम्मिलित थे, सबने संघर्ष स्थल पर पहुँचकर गैरसैंण आंदोलन को अपना पूर्ण समर्थन व्यक्त किया| दोनों संगठनों की ओर से गैरसैंण अभियान के समर्थन में पंजिका पुस्तिका में संयुक्त बयान दर्ज कर कहा गया कि “हम उत्तराखंड राज्य आंदोलन संघर्ष समिति के सभी उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी एवम् कार्तिनगर नागरिक विकास समिति, मसूरी के सदस्य, प्रदेश की राजधानी गैरसैंण के पक्ष में अपना समर्थन देते हैं|” इसमें आगे कथन किया गया है कि ‘बिना राजधानी गैरसैंण के राज्य निर्माण का लक्ष्य अधूरा है| व हम सभी राजधानी गैरसैंण बनने तक आंदोलनरत रहेंगे| तथा राजधानी गैरसैंण के लिए आंदोलन कर रहे सभी क्रान्तिकारी साथियों को बधाई देते हैं तथा उनका साथ देने का वादा करते हैं|’
मसूरी से *गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान* को समर्थन देने आए आंदोलनकारियों के साथ मिलकर गैरसैण को पक्ष में जोरदार नारेबाजी भी की गई| इस बीच संघर्ष स्थल पर एक सभा का भी आयोजन किया गया जिसको मसूरी से आए राज्य आंदोलनकारी श्री देवेश्वर प्रसाद जोशी, श्री प्रदीप भंडारी और श्री गम्भीर सिंह जयाडा ने संबोधित किया| व संचालन *गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान* के रणनीतिकार मनोज ध्यानी द्वारा किया गया| सभा को संबोधित करते हुए *श्री देवेश्वर प्रसाद जोशी* ने कहा कि उत्तराखंड राज्य आंदोलन की कुछ सामाजिक-सांस्कृतिक व आर्थिक आकांक्षाएं रही थी, जिसके तहत गैरसैंण राजधानी की संकल्पना भी निहित थी| उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से राज्य आंदोलनकारियों को दिए जा रहे लाभ छूने जा रहे हैं, प्रदेश की भूमि को बेचने का षडयंत्र रचा जा रहा है, उसको देखते हुए अब गैरसैंण राजधानी मुद्दे पर व्यापक आंदोलन पहाड का अस्तित्व बचाने के लिए बहुत जरूरी हो गया है| राज्य आंदोलनकारी एवम् फिल्मकार प्रदीप भंडारी ने कहा कि गैरसैंण को उत्तराखंड की राजधानी बनना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि मसूरी आंदोलन की जन्मभूमि है, और अब मसूरी में भी गैरसैंण के लिए व्यापक आंदोलन छेड़ा जाएगा। उन्होंने इस हेतु गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान के रणनीतिकारों को मसूरी आने का आमंत्रण दिया है। मसूरी से आए प्रतिनिधिमंडल को सदस्य गम्भीर सिंह जयाडा ने कहा कि गैरसैंण राजधानी पर टाल बरोई राजनीतिक दलों को बहुत महंगी पड़ने वाली है। उन्होंने कहा कि प्रदेश निर्माण आंदोलन का प्रत्येक सिपाही आज गैरसैण राजधानी के पक्ष में खड़ा है और यही हाल प्रत्येक रंगकर्मी, रचनाकार व संस्कृति कर्मी का भी है कि वह गैरसैण को वैचारिकता के आधार पर प्रदेश की राजधानी देखना चाहता है| उन्होंने गैरसैंण आंदोलन को पूर्ण समर्थन देने की भी घोषणा मंच से की| गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान की ओर से आंदोलनकारी मनोज ध्यानी ने मसूरी से गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान को समर्थन देने आए आंदोलनकारियों का स्वागत किया। सभा का संचालन करते हुए गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान के रणनीतिकार मनोज ध्यानी ने आंदोलन की पृष्टभूमि से सर्व आगन्तुकों को अवगत कराया व भावी आंदोलन की रूपरेखा पर प्रकाश डालते हुए सभी से 25 दिसम्बर से प्रारम्भ किए जा रहे आर-पार आंदोलन के लिए सहयोग करने व सहभागिता करने को कहा|
वहीं गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान के 94वाँ दिवस के धरना पर बैठने व समर्थन में गैरसैंण अभियानकर्मियों मे लक्ष्मी प्रसाद थपलियाल , मनोज ध्यानी, वीरेन्द्र सिंह रावत, इंo आनंद प्रकाश जुयाल, श्रीमती शकुंतला खंतवाल, श्रीमती उत्तरा पंत बहुगुणा, जीतमणि पैन्यूली, पुष्कर नेेगी, मदन सिंह भंडारी, सचिन थपलियाल, रविन्द्र प्रधान, सुभाष रतूडी, पी.एस. रांगड़, राकेश चन्द्र सती, भुवन जोशी, कृष्ण काँत कुनियाल, संजय थपलियाल, अखिलेश व्यास, सोहन सिंह रावत, डा0 हरीश मैखुरी, संजय किमोठी आदि आंदोलनकारी उपस्थित रहे।