दरगाह कार्यालय में तैनात एक कर्मी के भ्रष्टाचार की नई कहानी।
(अनवर राणा )रुड़की/पिरान कलियर। दरगाह साबिर पाक कार्यालय में बढ़ते भ्रष्टाचार से जहां दरगाह की आय को कर्मियों व कुछ सुपरवाइजरों द्वारा पलीता लगाया जा रहा है।वहीं कार्यलय कर्मी के द्वारा दरगाह कर्मचारियों की तनख्वाह की फ़ाइल तैयार करने के नाम पर घुस की मांग करने की चर्चा कुछ गरीब कर्मचारियों से सुनाई दे रही है ।गौरतलब बात यह है कि दरगाह कर्मियों को एक माह में कुल छब्बीस दिन की तनख्वाह बनाई जाती है जबकि कर्मचारी पूरे महीने ड्यूटी पर तैनात रहते ।इसके बावजूद भी तनख्वाह की फ़ाइल को तैयार करने वाले कर्मी द्वारा गरीब भोले भाले कर्मचारियों को घुस खाने की वजह से तंग व परेशान किया जाता है और थक हार कर बेचारे गरीब कर्मचारी मामूली सी तनख्वाह में से उक्त कर्मी को अपने बच्चों का पेट काटकर नजराना चढ़ाने पर मजबूर हो जाते है तब जाकर तनख्वाह बनाई जाने की सूचना दबी जबान से दरगाह कर्मियों के मुहँ से सुनाई दे रही है।ऐसा ही एक मामला कुछ समय पहले दरगाह के एक कर्मचारी की ड्यूटी अधिकारियों द्वारा उत्तराखण्ड वक्फ बोर्ड कार्यालय में लगाई गई थी वहां पर उस कर्मचारी के द्वारा ड्यूटी दी गयी और जुलाई माह से उसकी डयूटी दोबारा दरगाह कार्यालय में लगाई गई है तब से लेकर आज तक उक्त कर्मी द्वारा ड्यूटी को अंजाम दिया जा रहा है लेकिन मजेदार बात यह है कि उक्त कर्मचारी की जुलाई माह की तनख्वाह लिपिक द्वारा अकारण लटकाई जा चुकी है क्योंकि उस को कर्मचारी से घुस चाहिये जबकि किसी भी अधिकारी का आदेश तनख्वाह न बनाने का उस भृष्ट कार्यालय कर्मी के पास नही है ओर बेचारे गरीब कर्मी को तंग व परेशान किया जा रहा।इस तरह की उक्त कर्मी की कोई नई कहानी नही बताई जा रही है नाम ना छपने की शर्त पर एक ओर कर्मी ने बताया कि उक्त लिपिक ने अन्य दो कर्मियों की मार्फ़त ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रुड़की द्वारा इस बार कर्मचारियों को ईद के मौके पर 1500 ₹ प्रोत्साहन राशि दी गयी थी जिसमे से अधिकतर कर्मियों से पांच सौ रुपये प्रति कर्मचारी अधिकारियों को ईद की मिठाई पहुंचने के नाम पर वापिस लिए गए और तब मीडिया व लोगो मे चर्चा होने पर कुछ मौजिज कर्मचारियों को बीच मे डालकर मामले को दबा दिया गया था ।और अधिकारियों के सामने झूठ बोल कर दरगाह कर्मियों ने उक्त लिपिक की जान बचाई थी,लेकिन मुहँ की लगी छूटने का नाम नही लेती।दरगाह प्रबंधक शाहिद अली का कहना है कि मामला मेरे संज्ञान में नही है यदि उक्त लिपिक द्वारा ऐसा किया गया है और तन्खवाह की फ़ाइल या किसी कर्मचारी की पिछली तनख्वाह जानबूझ कर रोकी गयी है तो जांचकर उक्त कर्मी की रिपोर्ट ज्वाइंट मजिस्ट्रेट से की जाएगी।अब प्रशन है कि जांच करने का क्या होगा ?