शाहजहां ने भी हिन्दू धर्म के श्रद्धा पक्ष में माबाप की सेवा को माना श्रेष्ठ
शाहजहां को उसके बेटे औरंगजेब ने 7 वर्ष तक कारागार में रखा था। वह उसको पीने के लिए नपा-तुला पानी एक फूटी हुई मटकी में भेजता था तब शाहजहाँ ने अपने बेटे औरंगजेब को पत्र लिखा जिसकी अंतिम पंक्तियां थी-
“ऐ पिसर तू अजब मुसलमानी,
ब पिदरे जिंदा आब तरसानी,
आफरीन बाद हिंदवान सद बार,
मैं देहदं पिदरे मुर्दारावा दायम आब
अर्थात्
हे पुत्र ! तू भी विचित्र मुसलमान है जो अपने जीवित पिता को पानी के लिए भी तरसा रहा है। शत शत बार प्रशंसनीय हैं वे ‘हिन्दू’ जो अपने मृत पूर्वजो को भी पानी देते हैं।
पितृ पक्ष के अवसर पर मा बाप की सेवा केलिये कार्य करने की शिक्षा लें।