गया कहां हमारा ईमान,गढ़वाली भारत की शान के वंशज उत्तराखंड में परेशान
चन्द्रशेखर पैन्यूली दिल्ली :हमारे राज्य उत्तराखण्ड में ये हो क्या रहा है,एक तरफ गाँव में सरकारी स्कूलों को बन्द किया जा रहा है,दूसरी तरफ 108 सेवा खुद खतरे में है,जिससे पहाड़ो में स्वास्थ्य व्यवस्था बुरी तरह चरमरा रखी है,कहीं सड़क पर बच्चों के जन्म हो रहे तो कहीं डंडी के सहारे मरीजों को ढोया जा रहा है,क्या इसीलिए शहीद हुए थे आन्दोलनकारी। गैरसैण राजधानी की मांग को नकारा जा रहा है तो हमारे गौरवशाली इतिहास के नायक पेशावर काण्ड के नायक वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली जी के परिजन परेशान है उनसे उनकी भूमि छीनी गयी ये कहकर कि ये अवैध कब्जा है,अरे शर्म करो कम से कम शहीदों की शहादत का तो सम्मान करो। इससे बड़ा शर्मनाक क्या हो सकता कि जिस वीर चन्द्र सिंह के नाम से कई योजनाओं का ढिंढोरा पीटकर वोट पाए जाते हैं, आज उन्ही के परिजन पाकिस्तान जाने की बात करने लगे,आखिर ये नौबत क्यों आयी?क्यों बच्चे सड़क पर जन्म ले रहे हैं, कैसे पहाड़ की शांत फिजाओं में रेप,छेड़खानी की घटनाएं बढ़ती जा रही है,कानून व्यवस्था क्यों चरमरा रही है,ये सुगम दुर्गम का रोना आखिर कब तक चलेगा,कब पहाड़ो के अस्पतालों में डॉक्टर कब पहुंचेंगे, खैर पलायन के बारे में तो लिखना ही क्या वो तो बहुत तेजी से जारी है ही,रोजगार की स्थिति बेहद गम्भीर ,देवभूमि में न जाने ये क्या कैसे हो रहा है,नेताओ ,अफसरों के विदेश दौरे और ठाठ बाठ और आम जनता बेचारी ठगी सी रह गयी,हे भगवान अब आप ही बचाओ हमारे पहाड़ को,हमारे राज्य के हालातों को।