जिले की मांग को चार दिन से भूख हड़ताल जारी
जिले की मांग को 15 अगस्त से भूख हड़ताल पर बैठे हैं स्थानीय लोग
-बडकोट रवाई घाटी में जिले की मांग को तेज हो रहा आंदोलन
मदन पैन्यूली/बड़कोट। पृथक यमनोत्री जनपद की मांग को लेकर 15 अगस्त से बड़कोट तहसील परिसर में चल रही भूख हड़ताल शनिवार को चौथे दिन भी जारी रही। आंदोलन के समर्थन में पांच लोग अनशन पर बैठे रहे। साथ ही पृथक जनपद की मांग के समर्थन में उत्तराखंड आंदोलनकारी संगठनों ने भी आंदोलन का समर्थन कर राज्यपाल को ज्ञापन भेजा तथा यमुनोत्री पृथक जिला बनाने की मांग की।
पृथक जनपद की मांग पूरी रवांई घाटी में जोर पकड़ने लगी है। उत्तरकाशी जिले की यमुना घाटी को अलग कर पृथक जिले की मांग कर रहे आंदोलनकारियों के समर्थन में अब आम लोगों के साथ-साथ उत्तराखंड आंदोलनकारी संगठन भी कूद पड़ा है। आंदोलनकारियों ने राज्यपाल को बड़कोट एसडीएम के माध्यम से ज्ञापन भेजकर मांग की है की 15 अगस्त सन 1911 को तत्कालीन मुख्यमंत्री द्वारा की गई यमुनोत्री पृथक जिले की घोषणा की थी लेकिन वह आज सात साल बीतने के बाद भी पूरी नहीं हो सकी। लिहाजा लोगों की अपेक्षाओं के अनुरूप शीघ्र ही पृथक जिला बनाया जाए। वही तहसील परिसर में भूख हड़ताल पर बैठे बड़कोट निवासी अब्बलचंद कुमांई, नौगांव निवासी बलवीर सिंह रावत तथा भाटिया गांव निवासी वन पंचायत सरपंच फकीरा लाल भूख हड़ताल पर बैठ गए। इनके समर्थन में शक्ति प्रसाद डोभाल, किशोरी राणा, किशन सिंह राणा, गुलाब सिंह जयाड़ा, ज्ञान चंद रावत, गोपाल सिंह नेगी आदि क्रमिक अनशन पर बैठे रहे। बीते पांच दशकों से चली आ रही पृथक रवांईघाटी जनपद की मांग आज भी पूरी नहीं होने पर रवांईघाटी के लोगों में भारी आक्रोश है। जिस कारण लोगों को आंदोलन का रूख अख्तियार करना पड़ा। इस मौके पर समिति के सचिव रामानंद डबराल, गोविंदराम डोभाल, महिपाल असवाल, बचन सिंह रावत, चंद्रमणि जोशी, विशाल मणि बंधानी, बालगोविंद डोभाल, वासुदेव डिमरी, चैन सिंह सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।
जिले की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे आंदोलनकारियों के समर्थन में यमुना घाटी के विभिन्न गांव से तय कार्यक्रम के अनुसार ढोल-नगाड़ों के साथ ग्रामीण जुलूस लेकर बड़कोट पहुंच रहे थे। लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई के निधन के बाद राष्ट्रीय शोक के कारण जुलूस प्रदर्शनों के कार्यक्रमों में बदलाव किया गया और अब 20 अगस्त से जुलूस प्रदर्शनों के कार्यक्रम फिर से शुरू किए जाएंगे। जिसमें पूर्व कार्यक्रमानुसार गांव से ग्रामीण ढोल बाजे के साथ जुलूस लेकर बड़कोट तहसील परिसर में पहुंच प्रदर्शन करेंगे तथा धरना देंगे।