देहरादून: करीब 12 साल की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद सहस्रधारा रोड के लगभग दस हजार लोगों को ट्रेंचिंग ग्राउंड से राहत मिल गई। नगर निगम के ट्रेंचिंग ग्राउंड को गुरुवार देर रात ताला लगाकर बंद कर दिया। अब शुक्रवार सुबह से शहर का कूड़ा शीशमबाड़ा प्लांट में डंप होगा। कूड़ा निस्तारण भले जनवरी में शुरू होगा लेकिन कूड़ा चैंबरों में इसके निस्तारण की प्रारंभिक प्रक्रिया शुक्रवार को ही शुरू हो जाएगी।
कूड़ा शीशमबाड़ा ले जाने को लेकर नगर निगम प्रशासन को एक माह तक रात-दिन दौड़भाग करनी पड़ी। दरअसल, प्लांट बना रही रैमकी कंपनी बेहद लचर ढंग से कार्य करा रही थी। अगर उसी गति से काम चल रहा होता तो अब तक प्लांट 60 फीसद भी पूरा नहीं हुआ होता। नगर निगम को अपने चार ठेकेदार लगाकर निर्माण कार्य को पूरा कराना पड़ा। अब प्लांट लगभग 80 फीसद तैयार है और मशीनें फिट होना ही शेष है। निर्माण से जुड़े सभी बड़े कार्य लगभग पूरे हो चुके हैं। कूड़ा रखने के लिए 28 चैंबर बनाए गए हैं, जहां एक-एक दिन का कूड़ा रखा जाएगा। ये चैंबर गुरुवार शाम पूरे हो गए। ऐसे में शुक्रवार सुबह पहले चैंबर में कूड़ा डंप किया जाएगा। इसके बाद अगले चैंबरों में दिन के हिसाब से कूड़ा ले जाया जाता रहेगा। चैंबरों में प्रारंभिक प्रक्रिया के बाद कूड़ा 30 दिन बाद प्रोसेसिंग प्लांट में निस्तारण के लिए जाएगा। नगर निगम की ओर से कूड़ा निस्तारण शुरू करने के लिए मकर सक्रांति का दिन तय किया गया है। मुख्यमंत्री के जरिए इसका उद्घाटन होगा। वहीं, शुक्रवार को महापौर विनोद चमोली, नगर आयुक्त विजय कुमार जोगदंडे समेत पार्षदों व निगम अधिकारियों की मौजूदगी में कूड़ा ले जाने का काम होगा। तैयारियों को लेकर नगर आयुक्त ने गुरुवार को भी प्लांट पहुंचकर जायजा लिया।
जहरीले धुएं-दुर्गध से मिलेगी निजात
सहस्रधारा रोड और इसके आसपास के 20 हजार से ज्यादा लोगों को अब ट्रेंचिंग ग्राउंड से उठने वाले जहरीले धुएं व दुर्गध से निजात मिल सकेगी। बीते दिनों ट्रेंचिंग ग्राउंड में कूड़े में आग लगा दी गई थी। जिसके चलते अभी तक धुआं खत्म नहीं हुआ है। शुरूआती एक हफ्ते तक तो उस क्षेत्र में लोगों का सांस लेना भी मुश्किल गया था।
ट्रेंचिंग ग्राउंड पर बनेगा सिटी-पार्क
सहस्रधारा रोड पर ट्रेंचिंग ग्राउंड हटने के बाद अब वहां सिटी-पार्क बनाया जाएगा। महापौर विनोद चमोली ने पहले ही एलान कर दिया था कि ट्रेंचिंग ग्राउंड में ट्रीटमेंट के बाद पार्क बनाने का काम शुरू होगा। इस पार्क में बच्चों से लेकर वृद्धजनों तक के लिए सुविधाएं होंगी। हालांकि, ग्राउंड के ट्रीटमेंट में अभी डेढ़ से दो साल तक का समय लगेगा। कूड़े व उससे निकलने वाले गंदे पानी की वजह से वहां भूमि पूरी तरह खराब हो चुकी है। महापौर चमोली ने बताया कि ट्रीटमेंट पर ही 50 लाख रुपये से ऊपर का खर्चा आएगा। नगर निगम की ओर से ट्रीटमेंट और पार्क के निर्माण की जिम्मेदारी भी रैमकी कंपनी को ही देने की तैयारी चल रही है।