स्वामी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के बाद संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ”अगर वे (मुसलमान) समझौता नहीं करना चाहते, तो अदालत तो है ही। हम इलाहाबाद उच्च न्यायालय में जीत ही चुके हैं। जहां (बाबरी मस्जिद का) मध्य गुम्बद था, वहीं आस्था के अनुसार रामलला का जन्मस्थल है।” उन्होंने कहा, ”हिन्दू-मुस्लिम एकता करनी है, मस्जिद कहीं भी बना लीजिये। जहां राम पैदा हुए, वहां तो बना नहीं सकते। मंदिर था, तोड़कर मस्जिद बनायी थी।”
स्वामी ने कहा, ”संविधान के अनुच्छेद 25 के अनुसार मेरा मौलिक अधिकार है कि मैं अपनी आस्था के अनुसार जहां चाहूं, वहां पूजा कर सकता हूं।”
इस बीच, बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के संयोजक जफरयाब जीलानी ने स्वामी के बयान पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा, ”स्वामी मुसलमानों को डराना-धमकाना बंद करें। हमें न्यायपालिका पर पूरा विश्वास है। हम कानून के प्रति कटिबद्ध हैं और अदालत जो भी फैसला करेगी, हम उसे मानेंगे।”