राज्य के अनुरूप चकबंदी प्रक्रिया को और अधिक व्यवहारिक एवं प्रभावी बनाने के लिये कृषि मंत्री की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने मैदानी जनपदों में चकबंदी की धीमी गति पर नाराजगी व्यक्त करते हुए राजस्व सचिव को इसकी तत्काल समीक्षा करने के निर्देश दिये। उन्होने पर्वतीय क्षेत्रों में लोगो को चकबंदी के लाभ के प्रति जागरूक करने की जरूरत बताई। उन्होने दो पर्वतीय ब्लाकों में माॅडल के रूप में पहले बंदोबस्त प्रक्रिया प्रारंभ करने के निर्देश भी दिये।
राजस्व विभाग की 18 सेवाएं वर्तमान में सेवा के अधिकार कानून में शामिल है। मुख्यमंत्री ने स्टाम्प वेण्डर लाइसेंस और डीड-राइटर के लाइसेंस को भी सेवा के अधिकार कानून में शामिल करने के निर्देश दिये।
जनपद स्तर पर 35 हजार से अधिक लंबित राजस्व वादो पर चिन्ता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने इनके निस्तारण के लिये विशेष अदालते लगाने के निर्देश दिये। उन्होने कहा कि आवश्यक हो तो जनपद स्तर पर कुछ एसडीएम/एडीएम को सिर्फ न्यायिक वादों पर सुनवाई के लिये तैनात किया जाय।
मुख्यमंत्री ने राजस्व विभाग के अधिकारियों को आगाह किया कि किसानों से जुड़े भू-परिवर्तन के मामलों पर विशेष ध्यान रखा जाय। किसान किसी भी षडयंत्र का शिकार न होने पायें। राजस्व विभाग की क्षमता वृद्धि के लिये नायब तहसीलदार और तहसीलदार के पदों पर नियमित नियुक्ति होने तक, सेवानिवृत्त, स्वस्थ तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों को संविदा पर रखा जाय। वर्तमान में 110 तहसीलों में 35 तहसीलदार तथा नायब तहसीलदार के 142 पदों के विरूद्ध 90 नियुक्त है। इनमें से भी अधिकांश तदर्थ नियुक्ति पर हैं। सचिव राजस्व श्री हरबंस सिंह चुघ ने बताया कि लीज एक्ट में भूमि को लीज पर देने की सुविधा दी गई है। जिसके माध्यम से कान्ट्रैक्ट फार्मिंग को बढ़ावा मिल सकता है। इसका लोगो में प्रचार प्रसार करने की जरूरत है। बताया गया कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन की भूमि अधिग्रहण की प्रारंभिक अधिसूचना जारी हो चुकी है। सोशल इंपैक्ट सर्वे पूरा हो चुका है। कमिश्नर स्तर से पुनर्वास योजना मंजूर हो चुकी है। रूड़की-देवबंद रेलवे लाइन के लिये उत्तराखण्ड की अधिसूचना जारी हो चुकी है। उ0प्र0 की अधिसूचना कभी जारी नही हुई है। चारधाम आल वेदर रोड के लिये भू अधिग्रहण का कार्य अंतिम चरण में है।