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मुख्यमंत्री ने किया 10वें विश्व आयुर्वेद कांग्रेस के कर्टेन रेजर एवं प्रोग्राम गाइड का विमोचन

Pahado Ki Goonj

योग और आयुर्वेद के अनुसार सर्वोत्तम आहार

समुद्र में हमारा पाचन तंत्र (अग्नि) सबसे मजबूत होता है, इसलिए इस मौसम में शरीर को अधिक पोषण मिलना संभव है। योग और आयुर्वेद के अनुसार, समुद्र में रेस्तरां, रेस्तरां और उद्यम में आहार लेना चाहिए।

### **1. गर्म, रासायनिक और विटामिनयुक्त भोजन का सेवन करें**
– **दलिया और पोषक तत्व**: घी और हल्दी के साथ पतला या हल्का पाचन के लिए तरल और पोषक तत्व होता है।
– **सूप**: मूंग दाल, लाखों या अदरक-लहसुन से बने गर्म सूप का सेवन करें।

### **2. गाजर, मूली, शलजम, पालक ,
मेथी, ब्रोकली और गाजर जैसी सब्जियां अपने भोजन में शामिल करें।
– **फल**: समुद्र में अमारूद, सैंट्रा, क्लासी और अनार का सेवन करें। इनमें विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं।

### **3. मूंगफली मेवे और बीज**
– बादाम, मूंगफली, काजू, और खजूर का सेवन करें।
– तिल के तेल या तिल के तेल से बने व्यंजन उपयोगी होते हैं, जो शरीर को गर्मी और ऊर्जा देते हैं।

### **4. गर्म मसाला**
– **अदरक, हल्दी, काली मिर्च, दालचीनी और इलायची** जैसे नारियल में शरीर को गर्म किया जाता है और स्वाद बढ़ाने की क्षमता होती है।
– चाय में अदरक और तुलसी मशीनरी।

### **5. घी और तेल**
– शुद्ध देसी घी का उपयोग करें। यह न केवल पाचन में मदद करता है बल्कि शरीर को पोषण प्रदान करता है।
– भोजन में सरसों या तिल के तेल का उपयोग करें।

### **6. दूध और उसके बने उत्पाद**
– हल्दी वाला दूध (गोल्डन मिल्क) सोने से पहले लें।
– छाछ या सामुहिक दही का सेवन दिन में करें, लेकिन रात को जादुई चीजें उपयोगी नहीं हैं।

### **7. दालें और अनाज**
– मूंग दाल, अरहर दाल और उड़द दाल समुद्र में गर्मी प्रदान करती हैं।
– बाजरा, जौ और मक्के के आटे में विशेष वेश-भूषा होती है।

### **8. स्पेशलिटी और गुड़**
– स्पेशलिटी च्यवनप्राश या स्वादिष्ट आंवले का सेवन करें।
– गुड़ में मौजूद गुड़ शरीर को गर्मी देता है और पाचन में भी मदद करता है।

### **9. हर्बल चाय और काढ़ा**
– तुलसी, दालचीनी, अदरक और गुड़ से बनी हर्बल चाय या काढ़ा पीएं। यह शून्य-खांसी से मुक्ति है।

### **10. पानी और आर्गेशन**
– पानी और पानी पिएं। समुद्र में प्यास कम लगती है, लेकिन शरीर को पोषण से बचाने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए।

### **निम्न**
– अधिकतम अप्राकृतिक भोजन, बर्फ वाला पेय या जंक फूड से आश्रय।
– भोजन धीरे-धीरे और ध्यान डब्बेकर स्थिर।

योग और आयुर्वेद के अनुसार, समुद्र में इन आहारों का पालन करने से आपका शरीर ऊर्जावान और रोगमुक्त रहेगा।
हरी ॐ 🙏🏻 आगे पढ़ें

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मुख्य शिक्षा अधिकारी और खंड शिक्षा अधिकारी ने स्कूल की छत पर आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया।

घटना की जानकारी से पता चला कि मेहमानों को उनके घर पर आमंत्रित किया गया था, बच्चों की पूछताछ कुशलक्षेम

सभी खंड विकास और खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि अपने-अपने क्षेत्र में स्कूल की स्थिति के संबंध में साक्ष्य पत्र प्रस्तुत करेंगे

भवन के अवशेष भवन, भवन के भंडार और भवन के अवशेष होने की स्थिति में बच्चों को अन्यत्र स्कूल में स्थानांतरित कर दिया गया है, एसोसिएटेड साक्ष्य पत्र प्रस्तुतिकरण और बीईओ

व्युत्पत्ति दिनांक 09 दिसंबर 2024 (जी एसयू का), राजकीय माध्यमिक विद्यालय लैपटॉप कला की छत का प्लास्टर से अंतिम अवशेष होने वाले एसोसिएटेड समाचार का तत्काल सामान्यीकरण हुए, सामान्यतः सविन बैसाख ने विद्यार्थी विकासनगर को छात्र के घर भेजा कर उनका हाल जाना। साथ ही नायिका की गाथा से बात करते हैं हरसंभव सहायता/ सुरक्षा का भरोसेमंद।
नॉमिनेशन ने मुख्य शिक्षा अधिकारी और खंड शिक्षा अधिकारी का शोकाज देते हुए तलब करते हुए जवाब दिया कि स्कूल में दाखिला क्यों नहीं लिया गया, कक्षा कंदरा होने की स्थिति में बच्चों को अन्य स्कूल में कक्षा में शिफ्ट क्यों नहीं किया गया। सभी खंड विकास अधिकारियों और खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि वे अपने-अपने क्षेत्र में स्थित कबाड़खाने, गरीबों की संख्या को अपने-अपने क्षेत्र में रखें, के संबंध में साक्ष्य पत्र प्रस्तुत करेंगे। नारियल ने सख्त निर्देश दिए हैं कि इस प्रकार की भयानक मूर्ति नष्ट नहीं होगी। इस प्रकार की घटना सूची में शामिल सभी वैज्ञानिकों के सर्वेक्षकों ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए निर्धारित प्रारूप तैयार किए हैं।

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घंटाघर में स्पीड ब्रेकर, स्टॉप लाइन आदि का कार्य पूर्ण राजपुर रोड में डिवाइडर का मीन कार्य युद्ध स्तर पर।

सड़क सुरक्षा मानक के सभी कार्य किये जा रहे हैं।

जिला प्रशासन में सुरक्षित सड़क, सुविधाजनक सुविधा कार्य में शामिल हैं।

एकल स्वयं दैनिक सड़क सुरक्षा कार्यकर्ताओं की नियुक्ति कर रहे हैं।

दवा। दिनांक 9 दिसंबर 2024, जिले में सड़क सुरक्षा के दृष्टिगत मानक सविन बैसाख के कनेक्शन में सड़क सुधारीकरण, स्पीड ब्रेकर एवं ज़ेबरा क्रॉसिंग, डिवाइडर का कार्य तेजी से गतिमान है।
ऑरिजनल स्वयं सड़क सुरक्षा कार्यकर्ताओं की तलाश कर रहे हैं।
घंटाघर में स्पीड ब्रेकर, स्टॉप लाइन आदि का कार्य पूर्ण राजपुर रोड में डिवाइडर का मीन कार्य स्पीडमैन। उप नामांकन/नोडल अधिकारी कुमकुम जोशी एवं पीएटी प्लांट जीतेंद्र स्वयं माचिस उपस्थिति स्तर पर मानक के स्तर पर सड़क सुरक्षा कार्य को युद्ध स्तर पर करवा रहे हैं। शहर के विभिन्न स्थानों चौकों पर स्पीड ब्रेकर जेब्रा क्रॉसिंग एवं स्टॉप लाइन का कार्य किया गया।
जबकि राजपुर रोड में पुरानी जीर्णशीर्ण डिविडेंड को नई डिवाइडिंग का कार्य योजना स्तर पर जारी किया गया है। सड़कों के निर्माण में सड़क सुरक्षा के कार्य को युद्ध स्तर पर मानक के अनुरूप तैयार किया जा रहा है।

 

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दिनांक 09 दिसंबर 2024, (जी.एस.यू.का.) स्मारक सविन बैसाख के नामांकन में ऋषिपर्णा ऑडिटोरियम में लोक दर्शन/जनसुनवाई कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जनसुनवाई में 94 शिकायत प्राप्त हुई। भूमि अधिग्रहण, भूमि अधिग्रहण, खसरा संख्या दुरूस्ती, वृक्षों का अवैध कटान सरकारी भूमि पर विवाद, भूमि विवाद, नगर निगम, विद्युत, एमडीडीए, सीचैन, कल्याण समाज, पुलिस आदि आबादी से संबंधित शिकायत प्राप्त हुई।
कीर्तिमान ने सभी संबद्ध अधिकारियों को निर्देशित किया कि जनमानस को सर्वोपरि रखा जाए जनसमस्याओं को समयबद्धता से निस्तारित करना सुनिश्चित करें, जनमानस की सहभागिता को नामांकित से सुने और इसके लिए अपने अनुयायियों को भी निर्देशित करें ताकि जनमानस को अपने सहयोगियों के लिए आवश्यक आवश्यकताएं सुनिश्चित हो सकें ना भटकाना पड़े.
पिछली जनसुनवाई में आई महिला ने अपना नाम भूमि अभिलेखों में दर्ज चैंपियनशिप पर चैंपियनशिप और अपनी टीम का धन्यवाद ज्ञापित किया। पिछले जनसुनवाई में आई महिला प्रतिभा चौहान, अपना नाम विरासत अभिलेखों में दर्ज करने के निर्देश कई महीनों में सामने आए थे, जिस पर पूर्व सामान्य संबंध में धारकों ने अपना नाम विरासत अभिलेखों में दर्ज करने के निर्देश दिए थे, उसी दिन उनका नाम भूमि अभिलेखों में दर्ज किया गया था। था.
जनदर्शन/जनसुनवाई में कांवली रोड निवासी बुजुर्ग महिला ने शिकायत करते हुए बताया कि उनके बच्चे बाहर रहते हैं, और उनके अवशेषों द्वारा उनके निवास को हथियार बनाने का प्रयास किया जा रहा है, जिस पर मुहर ने पुलिस को अपने सुझावों के अनुसार निर्देश दिया है ।। एक महिला ने शिकायत दर्ज कराई है कि तेगबहादुर रोड में उनकी जमीन पर व्यवसाय के लिए उपयोजना सदर को कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। ग्राम पंचायत राजघराने की निवासी एक महिला ने बताया कि उनके पति की मृत्यु के बाद उनका नाम विरासत में दर्ज नहीं हो पाया है, जिस पर उप स्मारक दोई वाले को निर्देश दिए गए हैं। उनकी एक अर्जी में कहा गया है कि 1 खूबसूरत लैंड बंजारावाला में भूमाफियाओं की नजर है और भोला जान का खतरा है, इसके लिए उपनगरीय सैन्य पुलिस को कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। बालावाला में फलों के पेड़ की अवैध कटान की शिकायत उद्यान विभाग, वन को कार्यवाही के निर्देश दिये गये। वरिष्ठ नागरिक द्वारा याचिका दायर की गई कि हर्रावाला भूमि को नष्ट कर दिया गया था, रजिस्ट्री में 10 फीट का रास्ता अब स्थापित किया गया है, जिस तरह से आवेदन की मांग की जा रही है, मान्यता ने पुलिस विभाग को वरिष्ठ नागरिक सेल में प्रकरण रखा है निर्देश दिये गये। खसरे नंबर लंबी आदि शिकायत प्राप्त हुई।
इस अवसर पर अपर नामांकित प्रशासन जयभारत सिंह, अपर नगर आयुक्त नगर निगम बीर सिंह बुदियाल, पुलिस सचिवालय ग्रामीण, उप-स्तरीय शालिनी नेगी, उप-स्तरीय कुमकुम जोशी, उप निदेशक ग्राम्य विकास अभिकरण विक्रम सिंह, जिला विकास अधिकारी सुनील कुमार, जिला प्रोबेशन अधिकारी मीना कुल मिलाकर कुल विवरण के अधिकारी उपस्थित रह रहे हैं।

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ग्रीन गेम्स की थीम पर होगे नॉर्वे में नेशनल गेम्स*

*राष्ट्रीय खेल उत्तराखंड को खेल भूमि के रूप में भी स्थापित करेंगे-मुख्यमंत्री*

*स्वतंत्रता के साथ सभी व्यवस्थाएं समय पर की जाये पूर्ण।*

उत्तराखंड में 28 जनवरी से 14 फरवरी 2025 तक होने वाले 38 वें राष्ट्रीय खेलों के लिए सभी टीमों के लिए सर्वश्रेष्ठ बांड के साथ पूर्ण यात्रा। राष्ट्रीय खेल का आयोजन प्रदेश के लिए न केवल गौरव का विषय है, बल्कि यह प्रदेश की खेल संस्कृति और विकास को प्रोत्साहन देना भी महत्वपूर्ण अवसर है। राष्ट्रीय खेल उत्तराखंड को खेल भूमि के रूप में भी स्थापित करेंगे। यह बात मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में राष्ट्रीय खेल के दिग्गजों की समीक्षा के दौरान कही।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि यह सुनिश्चित किया जाए कि जया खिलाड़ियों के लिए सभी उच्च गुणवत्ता वाली और उपयुक्त हों। राष्ट्रीय खेलों के सफल आयोजन के लिए प्रत्येक विभाग से एक-एक अधिकारी की टिप्पणी की जाए। खिलाड़ियों के रहने की व्यवस्था, खान-पान, परिवहन और आयोजन स्थल तक की सभी सुविधाओं का प्रबंधन और पर्यवेक्षण की व्यवस्था की जाए। भोजन की गुणवत्ता और नाममात्र का विशेष ध्यान रखा जाए।

मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि राष्ट्रीय खेलों के बेहतर आयोजन के लिए सभी मित्रों की हर दिन समीक्षा की जाए। खेल मंत्री और मुख्यमंत्री स्वयं समय-समय पर राष्ट्रीय खेल के विद्वानों की समीक्षाएँ और विभिन्न कलाकारों के कलाकार। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सभी स्पोर्ट्स उपकरणों के मानक समय पर उनकी गुणवत्ता और मानकों का पूरा ध्यान रखा जाए। आयोजन स्थलों पर स्वास्थ्य सुविधाओं का व्यावहारिक संतुलन बनाया जाए। खेल के दौरान किसी भी आपातकालीन स्थिति का सामना करने के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाओं की आवश्यकता होती है। आयोजन स्थलों पर सुरक्षा के दृष्टिगत सुपरमार्केट और साकी की व्यवस्था की जाए।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि आयोजन स्थलों पर पर्यावरण संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जाये। प्लास्टिक के उपयोग को सीमित करने के लिए सख्त कदम उठाना। उत्तराखंड में नेशनल गेम्स का आयोजन ग्रीन गेम्स की थीम पर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आयोजनों में आने-जाने वाले आगुंटकों के लिए प्रिंस एवं टॉयलेट की व्यवस्था के साथ ही स्वतंत्रता का विशेष ध्यान रखा जाए। राष्ट्रीय खेलों के सफल आयोजन के लिए सभी विभाग संपूर्ण समन्वय से कार्य करें। इस आयोजन को सफल बनाने में जिला परिषद् की भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में होने वाले राष्ट्रीय खेलों के सफल आयोजनों के लिए प्रदेश की जनता का सहयोग भी लिया जायेगा।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि खेल आयोजन स्थलों पर सभी संबंधित विभागों को अपनी जिम्मेदारी के साथ संबंधों को बेहतर बनाया जाएगा। सड़क निर्माण, स्वतंत्रता और खेलों के लिए सभी बेहतर संसाधनों पर उन्होंने विशेष बल दिया। राष्ट्रीय खेलों के दृष्टिगत फायर स्टेडियम स्टेडियम के भी मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं।

भारतीय ओलंपिक संघ की ओर से 38वें राष्ट्रीय खेलों के लिए बनाए गए खेलों के लिए तकनीकी आयोग समिति की अध्यक्ष सुनैना कुमारी ने कहा कि राष्ट्रीय खेलों के लिए उत्तराखंड का स्कोर बेहतर हो रहा है। एवी इंस्टालेशन का तेजी से विकास हो रहा है। समिति के सदस्य श्री यूक्रेनी सिंह ने कहा कि उत्तराखंड में इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में भी बहुत अच्छा काम हुआ है। खेलों के आयोजन के लिए नामांकन भी ठीक-ठाक से चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय खेलों के आयोजन से पहले हर स्टेडियम का परीक्षण होगा तो सभी खेल चमकदार और आकर्षक हो जाएंगे। इस अवसर पर गुजरात एवं गोवा में आयोजित राष्ट्रीय खेलों के चमत्कारों को भी वहां के अधिकारियों ने साझा किया। बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने तीरंदाजी के खिलाड़ियों से कहा और स्वयं भी तीरंदाजी में प्रतिभावान खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाया।

इस पद पर खेल मंत्री श्रीमती रेखा आर्या, उपाध्यक्ष श्री राम शर्मा काऊ, एवी स्थापना अनुश्रवण परिषद के उपाध्यक्ष श्री डाबर विश्वास, मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव श्री आर. के सुधांशु, श्री एल. फैनई, विशेष प्रमुख सचिव खेल श्री अमित सिन्हा, सचिवगण, विभिन्न विभागों के प्रमुख और वर्चुअल मीडिया से सभी नामांकित उपस्थित थे।

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*मुख्यमंत्री ने 10वें विश्व आयुर्वेद कांग्रेस के कर्टेन रेजर एवं प्रोग्राम गाइड का विमोचन किया*

*10वीं विश्व आयुर्वेद कांग्रेस द्वारा आयुर्वेद क्षेत्र में राज्य को नई पहचान दिलाने वाला प्रयास बताया गया*

*उत्तराखंड प्राचीन काल से रही है आयुर्वेद व प्रज्ञा की भूमि*

*उत्तराखंड का प्राकृतिक संपदा, औषधीय औषधालय और शांत हिमालयी वातावरण दुनिया भर में प्रसिद्ध है-मुख्यमंत्री*

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने 10वीं विश्व आयुर्वेद कांग्रेस को आयुर्वेद के क्षेत्र में राज्य को नई पहचान दिलाने के लिए आयोजित की जाने वाली 10वीं विश्व आयुर्वेद कांग्रेस में आयोजित होने वाले योग एवं आयुष भूमि के कार्मिकों को नई पहचान दिलाने का प्रयास बताया है। उन्होंने कहा कि इस माह 12 से 15 दिसंबर तक इस वैश्विक कार्यक्रम में होने वाले चिंतन, मंथन एवं विचार-विमर्श से निकलने वाले अमृत आयुर्वेद के क्षेत्र में भारत को नहीं ही विश्व को जगाने का कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौर में आयुर्वेद एवं आयुष का प्रभाव लोगों ने देखा है। सोमवार को मीडिया सेन्टर सचिवालय में 10वें विश्व आयुर्वेद कांग्रेस के कर्टन रेजर एवं कार्यक्रम गाइड का विमोचन करते हुए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह आयोजन सर्वेक्षण सन्तु निरामयाः का संदेश भी घर-घर तक परिषद् में रहेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में प्राचीन काल से लेकर आयुर्वेद व प्रज्ञा की भूमि रही है। हमारे ऋषि मुनियों एवं मनीषियों ने इस दिशा में व्यापक शोध करके हमें यह विधा प्रदान की है। हमारे राज्य की जलवायु संबंधी औषधीय पैडपों की सर्वथा उपयुक्त है। आयुर्वेद का विषय राज्य के साथ हिमालय और वनों का भी है। हमारे राज्य में हर क्षेत्र में अग्रणी लाभ आगे बढ़े इस दिशा में हम प्रयासरत हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर अपने संदेश में कहा था कि उत्तराखंड में विकास का यज्ञ चल रहा है। प्रधानमंत्री का दिशानिर्देश राज्य के विकास के प्रति हमें सतत प्रयास, जीवन की प्रेरणा देता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें राज्य हित में अनेक निर्णय लेने हैं। राज्य में समान कट्टरपंथी विरोधी कानून बनाया गया है, नागरिक संहिता लागू करने की दिशा में प्रयास जारी है। राज्य के समग्र विकास में हमारे प्रयासों को नीति आयोग द्वारा भी शामिल किया गया है। इसी का परिणाम है कि सतत विकास लक्ष्य को राज्य में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड अपने प्राकृतिक संसाधनों, औषधीय औषधों और शांत हिमालयी वातावरण के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है। इस वैश्विक आयुर्वेद कांग्रेस में 58 देशों से 300 से अधिक अर्न्तराष्ट्रीय प्रतिनिधि प्रतिभाग कर रहे हैं। जबकि देश भर के 6500 रेस्तरां और 2 लाख रेस्तरां के साथ यह कार्यक्रम ज्ञान और सहयोग का अनोखा मंच बनेगा। उत्तराखंड का आयुर्वेद-प्रदेश के 8 आयुर्वेदिक आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक, स्वास्थ्य, कौशल विकास, पर्यटन, उद्योग, उद्यान, ग्राम्य विकास के स्टॉल में उत्तराखंड को आयुर्वेद और वेलनेस पर्यटन के प्रमुख केंद्र के रूप में बढ़ावा देने में सहायक होंगे। यह आयुर्वेद के शोध और आधुनिक तकनीक के साथ एकीकरण के प्रति जागरूकता फैलाएगा और आयुर्वेद के क्षेत्र में ज्ञान साझा करेगा, शोध सहयोग और व्यापार के अवसरों को बढ़ावा देगा। उत्तराखंड और भारत में आयुष क्षेत्र के विकास और प्रगति में योगदान देने के लिए भी यह महोत्सव सहयोग रहेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में आयुष नीति के माध्यम से आयुष कंस्ट्रक्शन, वेलनेस, शिक्षा, कृषि क्षेत्र को गति प्रदान की जा रही है। देश की प्रथम योग नीति निर्माण का कार्य भी प्रगति पर है। जबकि राज्य में 03 नये 50 सैय्यत आयुष्यकोटों का निर्माण कार्य सर्वे/द्वार/टनकपुर में किया जा रहा है। राज्य में आयुष आधारित 300 आयुष्मान आरोग्य तीर्थों की स्थापना पूर्ण की जा रही है। सभी आयुर्वेदिक पेशेवरों में टेलीमेडिसिन / पंचकर्म / मर्म चिकित्सा सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। राज्य के 150 वर्ष से अधिक आयु के सरकारी कर्मचारियों को एनएबीएच मान्यता प्राप्त हो चुकी है।

इस अवसर पर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव श्री रविनाथ रमन ने भी अपने विचार रखे। 10वें विश्व आयुर्वेद कांग्रेस के ट्रस्टी श्री पौराणिक कथाओं द्वारा कार्यक्रमों की विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। कार्यक्रम के संचालन निदेशक आयुष विजय जोगदंडे ने किया।
[09/12, 7:44 अपराह्न] जे.एम. पैन्यूली संपादक पहाड़ों: मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को मुख्यमंत्री आवास में उच्च स्तरीय बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिए कि गुरुओं और वायु सेनापतियों की सुविधाएं उपलब्ध हों, यह निश्चित रूप से किया गया विश्वविद्यालय अपनी मशीनरी तैयार की जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि किसी मृत व्यक्ति के दाह संस्कार की आर्थिक सहायता के लिए मृत परिवार के लोगों के दाह संस्कार की व्यवस्था संबंधित जिलों के दायरे से संबंधित अपने स्तर से सुनिश्चित की जाए। ।। इसके साथ ही वे ऐसे परिवारों को शामिल करते हैं जिनमें मृत व्यक्ति के शव को उनके घर तक की आर्थिक समस्या के लिए रखा जाता है, ऐसे व्यक्ति के शव को एबुलेंस के माध्यम से घर तक रेफरल की व्यवस्था भी अपने स्तर से चुनें।

मुख्यमंत्री ने शीतकालीन चारधाम यात्रा के तहत अपने शीतकालीन तीर्थस्थलों के महत्वपूर्ण और प्रभावशाली प्रचार-प्रसार करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। उन्होंने कहा कि इन स्थानों का प्राचीन काल से ही अपना विशिष्ट महत्व है और इन स्थानों पर देव दर्शन होते रहते हैं। इन शीतकाल स्थानों के दर्शन से भी वही पुण्य प्राप्त होता है, जो नियमित यात्रा के दौरान होता है। शीतकाल में श्री केदारनाथ के ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में, बद्रीनाथ के पांडुकेश्वर और कॉलेज मंदिर ज्योर्तिमठ में, यमुनोत्री के खरसाली और गंगोत्री के मुखवा में पूजा की शुरुआत होती है।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव श्री आर.के. सुधांशु, सचिव श्री शैलेश बगोली, श्री विनय शंकर पांडे, अपर पुलिस महानिदेशक श्री ए.पी. उस्मान और उपाध्यक्ष एमडी श्री बंशीधर तिवारी उपस्थित थे।
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*राजभवन कार्यालय 09 दिसम्बर, 2024*

गवर्नर लेफ्टिनेंट जनरल भोला सिंह (से नि) से सोमवार को डेमोक्रेट्स, कपकोट बागेश्वर श्री सुरेश गाड़िया ने इलेक्ट्रॉनिक्स में काम किया।

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महीनों से जस्टिस को भटका रही महिला को टीचर्स ने जस्टिस बनाया,

प्रकरण में आते ही शिक्षकों ने तत्काल कार्रवाई करते हुए महिला का नाम खतौनी में अंकित किया

मार्च 2024 में पति की मौत के बाद जस्टिस को भटका रही थी महिला

जनता दर्शन/जनसुनवाई कार्यक्रम
न्याय को भटक ​​रही महिला का मिलाप न्याय, 2 दिसंबर को आयोजित जनता दर्शन/जनसुनवाई में आई थी महिला। पति की मृत्यु के बाद अभिलेखों में नाम दर्ज को भटकती रही थी महिला। साविन बैसाम के उपन्यास में एक ही दिन आया था समस्या का नाम।

महिला ने नाम भूमि अभिलेखों में दर्ज सामान के रिकॉर्ड पर नामांकन एवं उप नामांकन को नामांकित किया।
पिछली जनसुनवाई में आई महिला प्रतिभा चौहान, पति की मृत्यु के बाद अपना नाम विरासत में दर्ज करने के निर्देश कई बार दिए गए थे, जिस पर शून्य मानक के अनुरूप रुख तय किया गया था, उसी दिन उनका नाम विरासत में दर्ज करने के निर्देश दिए गए थे। अभिलेखों में दर्ज किया गया था।

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उत्तराखंड शासन में 23 पीसीएस अधिकारियों के तबादले

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