जयपुर । जयपुर में बुधवार को सामूहिक आत्महत्या करने वाले प्रॉपर्टी व्यवसायी के परिवार का आखिरी चिराग भी गुरुवार को बुझ गया। इस घटना में चार लोगों की मौत बुधवार को ही हो गई थी। सबसे छोटा बेटा धर्मेंद्र अस्पताल में भर्ती था, लेकिन गुरुवार को उसने भी दम तोड़ दिया। प्रॉपर्टी व्यवसायी के सुसाइड नोट के आधार पर पुलिस ने आत्महत्या का कारण बने बाबा को गिरफ्तार कर लिया है।
प्रॉपर्टी व्यवसायी ने अपने सुसाइड नोट में इस बाबा का उल्लेख किया था। सामने आया है कि बाबा ने इस प्रॉपर्टी व्यवसायी को तंत्र-मंत्र से व्यापार का घाटा खत्म करने का झांसा दे रखा था। प्रॉपर्टी व्यवसायी के भाई ने बाबा के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला भी दर्ज कराया है। जयपुर में बुधवार को प्रॉपर्टी व्यवसायी डूंगरराम ने अपनी पत्नी और बच्चों सहित जहर खा लिया था। इस घटना में डूंगरराम, उसकी पत्नी सुमन, बेटे जितेंद्र और बेटी खुशबू की मौत हो गई, वहीं सबसे छोटा बेटा धर्मेंद्र अस्पताल में भर्ती था। उसकी हालत गंभीर थी। गुरुवार सुबह उसने भी दम तोड़ दिया। पुलिस ने पांचों शवों का पोस्टमार्टम करवा कर परिजन को सौंप दिया।
मृतक के चेचरे भाई नथमल ने पुलिस मे बाबा विश्वंभर दास के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज कराया है। पुलिस को डूंगरराम के यहां तलाशी में एक सुसाइड नोट मिला, जिसमें व्यवसाय में घाटे की बात थी और यह भी लिखा हुआ था कि उसने किसी बाबा विश्वंभर दास को रुपये दे रखे हैं, जो उसे लौटा नहीं रहा है और इसी कारण वह परिवार सहित आत्महत्या कर रहा है।
पुलिस ने देर रात इस बाबा को उसके आश्रम से हिरासत में ले लिया। पुलिस के अनुसार पूछताछ में यह सामने आया कि नेपाल से आया यह बाबा कुछ वर्षों से जयपुर में रह रहा है। डूंगरराम व्यापार में घाटा होने के बाद कर्ज में डूब गया था और बाबा ने उसे घाटा खत्म करने और फिर से व्यापार अच्छा बनाने के लिए तंत्र-मंत्र का झांसा दिया और काफी रुपये ऐंठ लिए। लेकिन इस सबसे कोई फायदा नहीं हुआ तो दोनों के बीच कहासुनी हुई और हार कर आखिर डूंगरराम ने परिवार सहित आत्महत्या करने जैसा कदम उठा लिया। पुलिस इस बाबा से आगे की पूछताछ कर रही है।