केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) द्वारा जारी आईआईपी के आंकड़ों के मुताबिक दिसंबर में विनिर्माण क्षेत्र की विकास दर घटकर 2.00 फीसदी होने के कारण समूचे आईआईपी सूचकांक में गिरावट आई है, जिसका समग्र सूचकांक में अधिकतम वजन है.
वहीं, इसके विपरीत दो प्रमुख उपसूचकांकों खनन और बिजली में साल 2016 के अंतिम महीनों में तेजी देखी गई.
उस दौरान बिजली उत्पादन में 6.3 फीसदी और खनन उत्पादन में 5.2 फीसदी की बढ़ोतरी हुई.
वर्तमान वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों में औद्योगिक उत्पादन में कुल वृद्धि 0.3 फीसदी हुई. इसके अलावा सूचकांक की छह उपयोग आधारित श्रेणी उपभोक्ता वस्तुओं में (-)6.8 फीसदी की नकारात्मक तेजी रही.
वहीं, उपभोक्ता गैर टिकाऊ खंड का उत्पादन 5 फीसदी गिरा तो उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु के खंड का उत्पादन घटकर (-)10.3 फीसदी रहा.
कुल मिलाकर समीक्षाधीन माह में उत्पादन क्षेत्र के 22 उद्योग समूहों में से केवल 17 समूहों में ही नकारात्मक वृद्धि दर रही है.