उत्तराखंड जलविद्युत निगम ग्लोगी परियोजना को राष्ट्रीय धरोहर के रूप में विकसित करने जा रही है। इसके रेनोवेशन के बाद इसे मसूरी आने वाले सैलानियों के लिए भी खोला जाएगा। इस परियोजना की शुरुआत सन् 1906 में हुई थी। यह देश की सबसे पुरानी परियोजना है और आश्चर्य की बात यह है कि इस परियोजना से आज भी देहरादून और मसूरी जगमगा रहा है। ब्रिटिश काल में देश में अंग्रेजों ने चार विद्युत गृहों की परिकल्पना की थी जिसमें मैसूर, दार्जिलिंग, चम्बा के साथ ग्लोगी परियोजना शामिल थी।
उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड (यूजेवीएनएल) के अधिशासीय अभियंता जे. के. उपाध्याय ने बताया कि इस परियोजना का निर्माण सन् 1890 में हुआ था। सन् 1906-07 में इस परियोजना से बिजली उत्पादन की शुरुआत हुई थी। मसूरी नगरपालिका के तत्कालीन बिजली इंजीनियर कर्नल बेल की देखरेख में करीब 600 से ज्यादा लोगों ने इस परियोजना में काम किया था।