अल्मोड़ा। नकाबपोश लोगों ने कक्षा दसवीं के छात्र पर केरोसीन डालकर आग लगाने का मामला प्रकाश में आया है। बताया जा रहा है कि मंगलवार की सुबह विद्यालय खुलने के बाद छात्र प्रार्थना सभा के लिए मैदान में एकत्र हुए। इसी दौरान दसवीं के कक्ष में चीखने-चिल्लाने की आवाज के साथ ही आग की लपटें दिखाई दीं। शिक्षक और छात्र क्लास रूम की ओर भाग कर आए तो मंजर देख होश उड़ गए। उपचार के दौरान छात्र की मौत हो गई है। हालांकि कॉलेज प्रबंधन समेत पूरा तंत्र मामले को खुदकशी के रूप में देख रहा है वहीं मृत्यु पूर्व छात्र के बयान ने सनसनी फैला दी है।
सूत्रों के अनुसार सडीएम जैंती-भनौली अवधेश कुमार ने कहा कि घटनास्थल राजस्व क्षेत्र में है फिर भी पुलिस को अवगत कराया गया है। घटना संदेहास्पद है। यह खुदकशी का प्रयास भी हो सकता है। मौत से पहले झुलसे छात्र ने जो बयान दिया है, उस पर गंभीरता से जांच होगी। दसवीं क्लास का मॉनीटर राकेश (17) पुत्र गोपाल सिंह निवासी रालाकोट, लमगड़ा धू-धू कर जल रहा था। शिक्षकों ने दरी उसके बदन पर डालकर आग बुझाई। तब तक वह गंभीर रूप से झुलस चुका था। स्थानीय लोगों की मदद से उसे बेस चिकित्सालय लाया गया।
बेस चिकित्सालय स्थित पुलिस चैकी के एएसआइ बहादुर सिंह ने राकेश का बयान लिया। राकेश के अनुसार वह ब्लैक बोर्ड व क्लास रूम में सफाई के लिए केरोसिन लेकर आया था। जब वह प्रार्थना सभा में जाने से पहले ब्लैक बोर्ड साफ करने जा रहा था तभी चार नकाबपोशों ने उस पर केरोसिन डालकर आग लगा दी और फरार हो गए।
बेस चिकित्सालय में छात्र की हालत बिगड़ती देख चिकित्सकों ने डॉ. सुशीला तिवारी अस्पताल, हल्द्वानी रेफर कर दिया, जहां उसकी मौत हो गई। हालांकि कॉलेज प्रबंधन समेत पूरा तंत्र मामले को खुदकशी के रूप में देख रहा है लेकिन मृत्यु पूर्व छात्र के बयान ने सनसनी फैला दी है।