मंगलवार को एक स्थानीय होटल में ग्रामीण पर्यटन, कृषि व आजीविका विषय पर आयोजित सेमिनार को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड के सामरिक महत्व को देखते हुए सीमावर्ती क्षेत्रों से पलायन को रोकना आवश्यक है। सेमिनार में लंदन बिजनेस स्कूल के प्रतिनिधिमंडल ने प्रतिभाग किया। इसमें 24 देशों के छात्र-छात्राएं शामिल थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड की प्राकृतिक सुंदरता देवभूमि को अलग पहचान दिलाती है। स्वीट्जरलैंड की तर्ज पर यहां पर्यावरण को संरक्षित रखते हुए पर्यटन को विकसित किया जा सकता है। बायो डाइवर्सिटी टूरिज्म, विंटर स्पोर्ट्स टूरिज्म, एडवेंचर टूरिज्म, रूरल होम स्टे व हेरीटेज टूरिज्म की अपार सम्भावनाएं हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून में एक टूरिज्म विलेज विकसित किया जा सकता है जहां समूचे उत्तराखण्ड की झलक मिल सके।
कार्यक्रम में पर्यटन मंत्री श्री सतपाल महाराज, मुख्य सचिव श्री एस.रामास्वामी, प्रमुख सचिव डा.उमाकांत पंवार, श्रीमती मनीषा पंवार, सचिव श्री शैलेश बगोली सहित अन्य गणमान्य उपस्थित थे।