आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने सोमवार को यह जानकारी दी. दास ने एक ट्वीट में कहा, “हमारा वाणिज्य और व्यापार विभाग चीन के साथ हमारा निर्यात बढ़ाने में जुटा है, ताकि चीन के साथ व्यापार में समानता स्थापित हो सके.”
दास ने दिल्ली में चीनी मीडिया के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की.
उन्होंने आगे कहा, “स्थाई व्यापार संबंधों के लिए भारत और चीन के बीच व्यापार संतुलन की जरूरत है. हमारे विशाल व्यापार घाटे को देखते हुए दोनों देशों के व्यापार में समता और संतुलत होना चाहिए.. ताकि हम एक साथ चल सकें.”
साल 2016 में भारत और चीन के बीच 71 अरब डॉलर का व्यापार हुआ, जिसमें भारत का व्यापार घाटा काफी अधिक 46 अरब डॉलर है.
उन्होंने कहा, “आईटी सॉफ्टवेयर और फार्मा में हम काफी मजबूत हैं. हम चीन को फलों, मछलियों और सब्जियों के साथ इसका भी निर्यात करना चाहते हैं. हम चीन से निवेश का अधिक प्रवाह देख रहे हैं. हमारा दूतावास इसके लिए चीन के साथ काम कर रहा है. हम चीन के साथ अपने व्यापारिक संबंधों की कद्र करते हैं.”
चीन के राष्ट्रपति ने साल 2014 में अपनी भारत यात्रा के दौरान देश में 20 अरब डॉलर के निवेश की घोषणा की थी, जिस पर अब काम शुरू हो गया है.