चीन ने कहा है कि जमीन की अदला-बदली का फॉर्मूला अपनाया जा सकता है।
चीन के एक पूर्व वरिष्ठ राजनयिक दाई बिंगुओं ने इशारों में कहा है कि चीन भारत के सामने यह मांग कर सकता है कि अगर भारत उसे अरुणाचल प्रदेश का प्रसिद्ध बौद्ध इलाका तवांग दे दे तो वह अपने कब्जे वाला एक बड़ा हिस्सा अक्साई चिन भारत को दे सकता है।
एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक, माना जाता है कि बिना किसी तरह की आधिकारिक स्वीकृति के वह इस तरह के बयान नहीं दे सकते. इस लिहाज से उनकी यह टिप्पणी महत्वपूर्ण हो जाती है।
हालांकि यहां स्थित तवांग मठ तिब्बत और भारत के बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए विशेष महत्व रखता है इसलिए तवांग का आदान-प्रदान भारत सरकार के लिए आसान नहीं होगा।
दरअसल, अक्साई चिन और तवांग दोनों इलाकों पर चीन ने 1962 में कब्जा कर लिया था लेकिन बाद में तवांग को तो खाली कर दिया लेकिन अक्साई चिन से पीछे नहीं हटा।
ऐसा नहीं है कि चीन ने लेनदेन का ये प्रस्ताव पहली बार दिया है. 2007 में भी सीमा विवाद सुलझाने के लिए हुई बातचीत में चीन ने ये पेशकश की थी जिस पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी और बातचीत नहीं हो पाई थी।